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फाइलेरिया रोगियों को प्रशिक्षित कर प्रदान की गई एमएमडीपी किट





लाइलाज है बीमारी प्रभावित अंगों की समुचित देखभाल ही उपाय 

मच्छरों से होती है बीमारी, बचाव के लिए करें फाइलेरिया रोधी दवाओं का सेवन 

सोहांव ब्लॉक मे 28 फरवरी तक चलेगा सर्वजन दवा सेवन( एमडीए )अभियान

बलिया, 26 फ़रवरी 2024।।फाइलेरिया उन्मूलन कार्यक्रम के अंतर्गत सोमवार को सोहांव ब्लॉक के अंतर्गत सलेमपुर चौरा गाँव मे समाजसेवी अंगद सिंह के द्वार पर रुग्णता प्रबंधन व दिव्यांग्ता रोकथाम (एमएमडीपी) कैम्प का आयोजन किया गया। इसमें 16 फाइलेरिया रोगियों को प्रभावित अंगो की देखभाल की किट देकर प्रशिक्षित किया गया। 

इस अवसर पर मलेरिया इंस्पेक्टर सुशील कुमार यादव ने फाइलेरिया प्रभावित अंगों के रुग्णता प्रबंधन का अभ्यास कराया और बताया कि मरीजों को प्रभावित अंग की अच्छी तरह से साफ-सफाई करनी चाहिए, जिससे किसी प्रकार के संक्रमण से मरीज न प्रभावित हो। इसके लिए उन्हें साफ-सफाई और प्रभावित अंग के अनुसार नियमित रूप से व्यायाम करना जरूरी है। उन्होंने कहा यह लाइलाज बीमारी है। इसलिए जिनको यह बीमारी नहीं है उन्हें इससे बचने के लिए चल रहे एमडीए अभियान के दौरान फाइलेरिया रोधी दवाओं का सेवन करना चाहिए । 

जिला मलेरिया अधिकारी (डीएमओ) सुनील कुमार यादव ने बताया कि फाइलेरिया मादा क्यूलेक्स मच्छर के काटने से होता है। इसे हाथीपांव भी कहा जाता है। इसके प्रभाव से पैरों व हाथों में सूजन, पुरुषों मे हाइड्रोसील (अंडकोष में सूजन) और महिलाओं में स्तन में सूजन की समस्या आती है। यह बीमारी न सिर्फ व्यक्ति को दिव्यांग बना देती है बल्कि इस वजह से मरीज की मानसिक स्थिति पर भी बुरा प्रभाव पड़ता है। उन्होंने बताया कि फाइलेरिया का सम्पूर्ण इलाज तो नहीं है लेकिन बीमारी की शुरुआत में सरकारी अस्पताल से दवा का सेवन किया जाए तो बीमारी को बढ़ने से रोक सकते हैं। उन्होंने बताया कि स्वस्थ व्यक्तियों को यह बीमारी न हो इसके लिए वर्ष में एक बार एमडीए अभियान चलाकर घर-घर लोगों को फाइलेरिया से बचाव की दवा खिलाई जाती है।इसके अलावा मच्छरों से बचाव के लिए मच्छरदानी का प्रयोग करें। घर के आस- पास व अंदर साफ-सफाई रखें, आस पास पानी जमा न होने दें।  

उन्होंने बताया कि वर्तमान में जनपद में लिम्फोडीमा फाइलेरियासिस (एलएफ़ ) के 4269 मरीज हैं। इन मरीज़ों में से 4179 मरीजों को एमएमडीपी किट वितरित की जा चुकी हैं।जिला मलेरिया अधिकारी ने बताया कि जनपद के सोहांव ब्लॉक में 28 फरवरी तक सर्वजन दवा सेवन (एमडीए)अभियान  चलेगा। जिसमें स्वास्थ्य कर्मी घर-घर जाकर लोगों को फाइलेरिया से बचाव की दवा खिला रहे है। सभी लोगों से यह अनुरोध है कि स्वास्थ्य कर्मी के सामने ही दवा खाएं।

उन्होने बताया कि सोहांव ब्लॉक की लक्षित आबादी 2.30 लाख के सापेक्ष अब तक एक लाख 80 हजार 303 लोगो को फाइलेरिया से बचाव की दवा का सेवन कराया जा चुका है। इस दौरान दवा खाने से इन्कार करने वाले लोगों को प्रेरित कर उन्हें भी स्वास्थ्यकर्मियों के सामने दवा का सेवन कराया जा रहा है। आशा कार्यकर्ता और फाइलेरिया पेशेंट प्लेटफॉर्म के सदस्यों के माध्यम से समुदाय को लगातार जागरूक किया जा रहा है। इस कार्य में डब्ल्यूएचओ, पाथ, पीसीआई और सीफार संस्था भी सहयोग कर रही है।






                      लाभार्थियों के बोल

ग्राम चौरा निवासी रघुनाथ चौरसिया (56 वर्ष) ने बताया कि फाइलेरिया (हाथीपाव) के कारण, लक्षण, बचाव एवं उपचार पर सम्पूर्ण जानकारी कैंप में आकर मिली। इस कैम्प के विषय में मुझे जानकारी आशा कार्यकर्ता द्वारा दी गई थी। कैंप में फाइलेरिया रुग्णता प्रबंधन का अभ्यास कराया गया। हमें रोग के प्रबंधन, साफ-सफाई, पैर की धुलाई, उचित आकार के चप्पल, सैंडिल पहने, चोट लगने, कटने, जलने से बचाव के बारे में जानकारी मिली। व्यायाम के विषय में भी जानकारी मिली, जिसका सुबह-शाम अभ्यास करूंगा। सोते समय मच्छरदानी का प्रयोग करूंगा। साथ ही फाइलेरिया रुग्णता प्रबंधन किट भी मिला, इस किट में अभ्यास कराए गए सारी सामग्री मौजूद है।

एक अन्य ग्राम सलेमपुर निवासी नन्द कुमारी (50 वर्ष) ने बताया कि कैंप की सूचना आशा कार्यकर्ता ने दी थी।  कैंप में बहुत विस्तार से फाइलेरिया (हाथीपांव) के लक्षण, बचाव, उपचार, व्यायाम के बारे में प्रशिक्षण दिया गया। किट भी पहली बार मुझे मिला है इसका प्रयोग में अच्छे से करूंगी। दिन में दो बार जो व्यायाम बताया गया है, जिसको प्रतिदिन करूंगी। पैर की नियमित साधारण पानी से  सफाई-धुलाई करूंगी कभी गर्म पानी का उपयोग नहीं करूंगी। 

इस अवसर पर आशा मंजू सिंह, पूनम देवी, माला सिंह, इन्द्रावती देवी, रंजू सिंह, प्रतिभा सिंह, सुशीला सिंह, सबिता एवं सी फार संस्था के प्रतिनिधि उपस्थित रहे।