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विश्व एड्स दिवस :“एड्स के बारे में जानो भाई,नहीं बनी अभी कोई इसकी दवाई”



- विश्व एड्स दिवस पर स्वास्थ्य विभाग ने आयोजित की जन जागरूक गतिविधियां 

-जिला चिकित्सालय में प्रदर्शनी, हस्ताक्षर अभियान, जन जागरूकता रैली का आयोजन

-रेलवे स्टेशन पर  जादू के माध्यम से किया गया सचेत

बलिया।। ‘ह्यूमन इम्यूनोडेफिशिएंसी वायरस - एक्वायर्ड इम्यूनोडेफिशिएंसी सिंड्रोम’ यानि एचआईवी/एड्स के प्रति जन जागरूकता के लिए शुक्रवार को विश्व एड्स दिवस पर स्वास्थ्य विभाग एवं अमर शहीद चेतना संस्थान के संयुक्त तत्वावधान में जिला चिकित्सालय में प्रदर्शनी, हस्ताक्षर अभियान और जन जागरूकता रैली निकाली गयी। इसके अलावा रेलवे स्टेशन पर सीतापुर से आये मुन्ना जादूगर ने जादू के जरिए एडस के प्रति लोगों को जागरूक किया।  

प्रदर्शनी, हस्ताक्षर अभियान एवं जन जागरूकता रैली का शुभारंभ मुख्य चिकित्सा अधीक्षक डॉ.सुजीत कुमार यादव एवं जिला क्षय रोग अधिकारी/जिला एड्स नियंत्रण कार्यक्रम के नोडल अधिकारी डॉ.देवेंद्र सिंह ने किया। रैली को जिला चिकित्सालय से हरी झंडी दिखाकर रवाना किया गया, जो बलिया रेलवे स्टेशन पर जाकर समाप्त हुई। इस रैली में राजकीय इंटर कॉलेज के छात्रों ने “एड्स के बारे में जानो भाई,नहीं बनी अभी कोई इसकी दवाई” और “एड्स का ज्ञान बचायें जान” “जन-जन को बतलाना है एड्स को दूर भगाना है” आदि नारे लगा कर लोगों को एड्स के प्रति सचेत किया। 

मुख्य चिकित्सा अधीक्षक (सीएमएस) डॉ सुजीत कुमार यादव ने कहा कि एचआईवी/एड्स शरीर की प्रतिरोधक क्षमता नष्ट कर देती है। इसका वायरस शरीर में प्रवेश करने के बाद तीन माह तक सुप्त अवस्था में रहता है। इसे विंडो पीरियड कहा जाता है। इस दरम्यान एचआईवी संक्रमित व्यक्ति दूसरे को संक्रमित कर सकता है लेकिन परीक्षण में वह पॉजिटिव नहीं पाया जाता है। हालांकि इस दौरान वायरस शरीर के अन्दर अपनी संख्या बढ़ता रहता है। श्वेत रक्त कोशिकाओं को नष्ट कर देता है| एचआईवी वायरस शरीर में प्रवेश करने बाद भी कुछ माह तक मरीज स्वस्थ दिखता है, लेकिन धीरे- धीरे उसकी रोग प्रतिरोधक क्षमता पूरी तरह खत्म हो जाती है। 

जिला क्षय रोग अधिकारी/जिला एड्स नियंत्रण कार्यक्रम के नोडल अधिकारी डॉ. देवेंद्र सिंह ने कहा कि एड्स लाइलाज बीमारी है और इसके होने का सबसे बड़ा कारण असुरक्षित यौन संबंध है| इस बीमारी से बचाव सिर्फ सुरक्षा में निहित है,जरा सी लापरवाही किसी की भी जिन्दगी बर्बाद कर सकती है।

उन्होंने बताया कि जिन मरीजों में टीबी के लक्षण पाये जाते हैं, उनको एचआईवी की जांच अवश्य कराना चाहिये | उन्होंने बताया कि इस वर्ष विश्व एड्स दिवस का थीम  “लेट कम्युनिटी लीड “ है। यह थीम एड्स की रोकथाम में समाज की अहम भूमिका के बारे में लोगों को जागरूक करने के लिए चुनी गई है। साथ ही अब तक एड्स के बचाव में समाज की ओर से दिये महत्वपूर्ण योगदान की सराहना के लिए भी इस थीम को चुना गया है।

इसी क्रम में विश्व एड्स दिवस की पूर्व संध्या पर गुरुवार को जिला एड्स कार्यक्रम अधिकारी के नेतृत्व में रेलवे स्टेशन पर एचआईवी एवं एड्स जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया गया, जिसके अंतर्गत कैंडल मार्च एवं नुक्कड़ नाटक का आयोजन किया गया। कार्यक्रम के दौरान उपस्थित सभी दर्शकों को नुक्कड़ नाटक के माध्यम से एचआईवी होने के कारण,उसके बचाव तथा भेदभाव दूर करने के लिए नाटक के माध्यम से जानकारी दी गयी।

एड्स क्या है –एड्स(एक्वायर्ड इम्यूनोडेफिशिएंसी सिंड्रोम),  एचआईवी(ह्यूमन इम्यूनोडेफिशिएंसी वायरस) वायरस से हुए संक्रमण का विस्तृत रूप है। एड्स तब होता है, जब व्यक्ति की रोग प्रतिरोधक क्षमता कमजोर हो जाती है। प्रतिरोधक क्षमता शरीर को बैक्टीरिया, वायरस और अन्य सभी प्रकार के रोगाणुओं से बचाने का काम करता है या यह कहा जा सकता है कि शरीर को संक्रमण या अन्य बीमारियों से लड़ने में सहायता प्रदान करता है। 

                           कारण

● एचआईवी संक्रमित व्यक्ति के साथ असुरक्षित यौन संबंध से।

● एचआईवी संक्रमित के रक्त या रक्त उत्पादन के चढ़ाए जाने से।

● एचआईवी संक्रमित के सुई एवं सिरिंज के साझा प्रयोग से।

● एचआईवी संक्रमित मां से उसके होने वाले बच्चों को। (हालांकि अब प्रीवेंशन ऑफ पेरेंट टू चाइल्ड (पीपीटीसी) कार्यक्रम के तहत एचआईवी से ग्रसित गर्भवती का सुरक्षित प्रसव कराकर उनके बच्चों को संक्रमण से मुक्त कराया जा सकता है।)

                    संभावित लक्षण

● अत्यधिक कमजोरी महसूस करना।

● तेजी से वजन घटना।

● लगातार बुखार या रात को पसीना आना।

● बार-बार गले का संक्रमण एवं दस्त लगना।

● विशेष प्रकार का कैंसर।





                  बचाव

● संयम

● जीवन साथी के प्रति वफादारी

● यौन संबंध बनाते समय कण्डोम का उपयोग करें

● हमेशा सरकारी या लाइसेंस वाले ब्लड बैंक से ही रक्त लें। रक्त लेते समय यह सुनिश्चित करें कि रक्त एचआईवी मुक्त है।

● यह सुनिश्चित करें कि इस्तेमाल की जाने वाली सिरिंज नई तथा सील बंद हो, साथ ही यह सुनिश्चित करें कि आपके द्वारा इस्तेमाल की गई सिरिंज उचित ढंग से निस्तारित/ खंडित कर दी गई है।

● हर गर्भवती मां की एचआईवी जांच सुनिश्चित करें।

          एक नजर जनपद के आंकड़ों पर

 अमर शहीद चेतना संस्थान द्वारा संचालित लक्षित हस्तक्षेप परियोजना के कार्यक्रम प्रबंधक अमरदीप विश्वकर्मा ने बताया कि जनपद मे सात केन्द्रों पर एच आई वी की जांच की जाती है। वर्ष 2022-23 में 26430 लोगों की एचआईवी जांच की गई जिसमें 224 एचआईवी संक्रमित पाए गए, जिसमें 222 लोगों को एआरटी सेंटर से जोड़कर उनकी दवा शुरू की गयी। इसी तरह वर्ष 2023- 24 में अबतक 27264 लोगों की एचआईवी जांच की गई जिसमें 179 एचआईवी संक्रमित पाए गए, जिसमें 175 लोगों को एआर टी सेंटर से जोड़कर उनकी दवा शुरू की गयी है।

इस अवसर पर डॉ नरेंद्र देव भट्ट, जिला आईसीटीसी काउंसलर राजीव सिंह सेंगर, जिले की पुलिस विभाग व ट्रैफिक पुलिस विभाग के द्वारा रैली के दौरान यातायात सुविधा व रैली को सुरक्षा प्रदान की गई। राजकीय इंटर कॉलेज के शिक्षक डॉ इफ्तिखार खान एवं लल्लन का जन जागरूकता रैली में सहयोग रहा। एआरटी सेंटर के समस्त स्टाफ, केयर एण्ड सपोर्ट सेन्टर, विहान संस्था, आईसीटीसी एवं आरएनटीसीपी के समस्त कर्मचारी उपस्थित रहे।