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उभरते भारत के भविष्य की चुनौतियां, विषय पर वेविनार सम्पन्न





डॉ सुनील कुमार ओझा

बलिया।।  इंडियन इकॉनोमिक एसोसिएशन एवं हरिश्चंद्र स्नातकोत्तर महाविद्यालय के  संयुक्त तत्वावधान में ऑनलाइन नेशनल वेबिनार  का सफलतापूर्वक आयोजन "उभरते (उदीयमान) भारत के भविष्य की चुनौतियां नामक विषय पर हुआ।कार्यक्रम की शुरुआत इंडियन इकोनामिक एसोसिएशन के अध्यक्ष एवं नेशनल वेबीनार के मुख्य अतिथि प्रोफेसर घनश्याम सिंह जी के व्यक्तव्य से प्रारंभ हुआ । जिसमें उन्होंने कहा कि वर्तमान में हमारा देश विश्व की पांचवी बड़ी अर्थव्यवस्था है । रसिया यूक्रेन युद्ध को बातचीत के माध्यम से समाप्त करना चाहिए।  भारत G-20 की मेजबानी करने में सफल रहा है, इससे भारत का विश्व में सम्मान बढ़ा है । आपने बताया कि भारत के लिए भविष्य में आंतरिक व वाह्य दोनों चुनौतियां हैं जिसे G-20 जैसे अन्य संगठनों के माध्यम से दूर करने का प्रयास किया जाना चाहिए।

इसके बाद इसके बाद इंडियन इकोनामिक एसोसिएशन के कॉन्फ्रेंस प्रेसिडेंट एवं नेशनल वेबीनार के की नोट स्पीकर  प्रो.ए.पी. पाण्डेय जी ने बताया कि उदीयमान भारत के सामने सबसे प्रमुख चुनौती बेरोजगारी की है और सरकार कौशल विकास सम्बन्धित कार्यक्रम चलाकर इसमें कमी ला सकती है। इसके साथ ही इन्होंने बताया की धारणीय और समावेशी विकास के लिए हमे शहरों के साथ साथ ग्रामीण विकास पर भी ध्यान देना होगा। आपने बताया कि देश में संसाधनों का उचित विद्रोह होना चाहिए तथा मानवीय मूल्य विकसित होने चाहिए इससे देश की समस्याएं कम होंगी।कार्यक्रम की अगली कड़ी में प्रो. आर. के. उपाध्याय जी ने उदीयमान भारत के सामने दो प्रकार की चुनौतियों (आंतरिक एवं बाह्य ) की बात की  आंतरिक चुनौतियों में उन्होंने जनसंख्या, बेरोजगारी, शिक्षा ,असमानता की बात की।






इन चुनौतियों से निपटने के लिए इन्होने विनिर्माण को बढ़ावा देने की बात की ,और बताया कि कैसे हम अपनी बढ़ी हुई जनसँख्या के माध्यम से जननांकिय लाभ प्राप्त कर सकते हैं।डॉ. मनीष हिन्दवी जी ने बताया कि देश मे आर्थिक संवृद्धि तो हो रही है पर  आर्थिक विकास नही अर्थात राष्ट्रीय आय तो बढ़ रही है पर साथ ही आय असमानता भी बढ़ रही है जो कि उदीयमान भारत के सामने एक प्रमुख चुनौती है अर्थात हमें ग्रामीण विकास पर ध्यान देने की जरूरत है।कार्यक्रम वक्ता डॉ. अनिल कुमार ठाकुर जी ने बताया कि कैसे बेरोजगारी की वजह से आय असमानता एवं इसकी वजह से अपराध बढ़ रहे हैं। इसके साथ ही इन्होंने आर्थिक विकास के लिए सामाजिक उपरिव्यय पूंजी की बात की।

कार्यक्रम के अगले वक्ता प्रोफेसर श्याम पाल जी ने बताया कि हमारे देश की अधिकांश जनसंख्या गावों में रहती है जो कृषि से अपनी जीविका की आपूर्ति करती है । सरकार का जो लक्ष्य था कि किसानों की आय दोगुनी हो लेकिन  नहीं हो पाई। कृषि में  कीमत स्थिरता नहीं है इसलिए निम्न वर्ग को विकास का लाभ नहीं मिल पा रहा है।ख्वाजा मोइनुद्दीन भाषा विश्वविद्यालय लखनऊ के डॉo उधम सिंह जी ने बताया  की आय की असमानता दिन प्रतिदिन बढ़ रही है , श्रम सुधार की आवश्यकता है साथ ही कृषि को रोजगार परक बनाने की आवश्यकता है। निजी निवेश को बढ़ावा देकर, नवाचार की चुनौतियों का सामना करके रोजगार को बढ़ाया जा सकता है।

कार्यक्रम के अध्यक्ष एवं हरिशचंद्र पीजी कॉलेज के प्राचार्य प्रोफेसर रजनीश कुंवर जी ने कहा कि हमारा देश आंतरिक और बाह्य दोनों चुनौतियों का सामना कर रहा है आंतरिक चुनौतियों के अंतर्गत गरीबी , बेरोजगारी, भुखमरी जैसी समस्याएं विद्यमान है और वाह्य समस्याओं के अंतर्गत सीमा विवाद एवं देश की सुरक्षा प्रमुख है इससे देश को सुरक्षित रखने की आवश्यकता है।

इंडियन इकोनामिक एसोसिएशन के मुख्य कॉन्फ्रेंस कोऑर्डिनेटर डॉक्टर एo केo तोमर ने बताया कि हमारे देश में शिक्षा, स्वास्थ्य और स्किल डेवलपमेंट पर सार्वजनिक व्यय बढ़ाकर देश से गरीबी और बेरोजगारी दूर की जा सकती है जिससे देश को विकसित होने में मदद मिलेगा।


इंडियन इकोनामिक एसोसिएशन के रीजनल ज्वाइंट सेक्रेटरी एवं हरिशचंद्र पीजी कॉलेज की अर्थशास्त्र विभाग के  अध्यक्ष प्रोफेसर जगदीश सिंह ने यह बताया कि हमारा देश 5 ट्रिलियन डॉलर इकोनॉमी की ओर बढ़ रहा है साथ ही देश आंतरिक और बाह्य दोनों समस्याओं से जूझ रहा है । इन दोनों चुनौतियों का सामना करने के लिए भविष्य में G-20 और इस प्रकार के अन्य संगठनों के माध्यम से सुलझाने का प्रयास किया जाना चाहिए। जिससे देश और पड़ोसी देशों को भी इसका लाभ मिलेगा और यही सभी देशों के हित में होगा। 


कार्यक्रम का संचालन नेशनल वेबीनार के संयोजक एवं इंडियन इकोनामिक एसोसिएशन के रीजनल ज्वाइंट सेक्रेटरी प्रोफेसर जगदीश सिंह ने किया ।इंडियन इकोनामिक एसोसिएशन के जनरल सेक्रेटरी डॉक्टर डी के अस्थाना जी ने सबको धन्यवाद ज्ञापन किया और यह बताया कि सब कुछ सरकार के भरोसे नहीं छोड़ा जा सकता हमें भी अपना योगदान बढ़-चढ़कर देश के विकास में देना होगा तभी देश समृद्ध हो पाएगा। इस नेशनल वेविनार में तकनीकी सहयोग डॉo मोनिका वाष्णेय और करुणेश ओझा जी ने किया।इस नेशनल वेबीनार में कुल 100 से अधिक प्रतिभागियों ने भाग लिया जिसमें शिक्षक, शोधार्थी एवं छात्र शामिल थे।