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इस मौसम में डेंगू से बच्चों का करें बचाव :डॉ सिद्धार्थ




बरसात के मौसम में मच्छरों के प्रकोप से होती है यह बीमारी

मौसम में बदलाव के कारण शरीर की इम्युनिटी होती है कम

बलिया।।वर्तमान समय में डेंगू से बहुत सावधान रहने की आवश्यकता है। इसके लिए जनमानस में सतर्कता व जागरूकता बेहद जरूरी है। यह बातें जिला महिला चिकित्सालय स्थित प्रश्नोत्तर केंद्र में तैनात वरिष्ठ नवजात शिशु एवं बाल रोग विशेषज्ञ डॉक्टर सिद्धार्थ मणि दुबे ने कही।

                   डॉक्टर दुबे ने कहा कि मौसम का मिजाज पल-पल बदल रहा है। कभी तेज धूप लोगों गर्मी का एहसास कराती है तो कभी अचानक बरसात होने लगती है और मौसम सर्द हो जाता है। इस मौसम में मच्छरों का प्रकोप भी बढ़ जाता है। ऐसे में अभिभावकों को बच्चों के प्रति विशेष सावधानी बरतने की आवश्यकता है। डा. दुबे ने बताया कि जब मौसम में तेजी से बदलाव होता है तो वह रोग प्रतिरोधक क्षमता (इम्यूनिटी) को भी प्रभावित करता है। ऐसे में वर्तमान समय में एलर्जी और वायरल संक्रमण होने का खतरा बढ़ जाता है जिससे सांस के रोगी, टीवी के मरीजों के साथ साथ गर्भवती महिलाओं एवं बच्चों को बेहद सावधान रहने की आवश्यकता है।



          डेंगू बुखार के लक्षण

डॉ दुबे बताते हैं कि डेंगू एक विषाणु से होने वाली बीमारी है जो एडिज एजिप्टी नामक संक्रमित मादा मच्छर के काटने से फैलती है। यह मच्छर ज्यादातर दिन के समय ही काटता है। डेंगू एक तरह का वायरल बुखार है जिसमें बच्चों को अचानक तेज बुखार आना, पूरे बदन की मांसपेशियों और जोड़ों में दर्द होना, सिर में तेज दर्द होना, उल्टी होना, भूख ना लगना, अत्यधिक कमजोरी लगना आदि साधारण डेंगू के शुरुआती लक्षण है। वही अत्यधिक गंभीर डेंगू (डेंगू हेमोरेजिक बुखार और डेंगू शॉक सिंड्रोम) की स्थिति में मुंह,नाक और मसूड़ों से खून आना, शरीर की चमड़ी पीली तथा ठंडी पड़ जाना, सांस लेने में तकलीफ होना, नसों का कमजोर होना व तेजी से चलना, रक्तचाप का कम होना, पेट में तेज दर्द होना, अत्यधिक बेचैनी होना प्रमुख लक्षणों में आते हैं। डेंगू संक्रमण होने पर शरीर में प्लेटलेट्स कोशिकाओं की संख्या अचानक बहुत तेजी से कम होने लगती है जिससे रक्त स्त्राव की संभावना बढ़ जाती है और यह जानलेवा भी साबित हो सकता है।






                    डेंगू बुखार से बचाव 

 बच्चों को ऐसे कपड़े पहनाए जिससे उनके हाथ पाव पूरी तरह ढके रहे।

 घर के आस-पास छोटे डिब्बों/गमलों में, कूलर और टायर आदि  में पानी इकट्ठा ना होने दें।

 मच्छर भगाने वाली दवाओं/ वस्तुओं का प्रयोग करें एवं घर के आसपास कीटनाशक दवाओं का छिड़काव करें।

 सोते समय मच्छरदानी का प्रयोग अवश्य करें।

 बच्चों में डेंगू के किसी भी लक्षण के दिखने पर उसका तुरंत नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र पर चिकित्सकीय परामर्श में ही इलाज कराएं।