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जमाखोरी रोकने में असफल सरकार व रिज़र्व बैंक :2000 के नोट को किया बंद करने का ऐलान, 30 सितम्बर तक ही वैध



मधुसूदन सिंह 

नईदिल्ली।। मोदी सरकार द्वारा साल 2016 में की गयीं नोटबंदी के बाद एक बार फिर से भारतीय रिज़र्व बैंक ने 2000 रुपये के नोट को लेकर बड़ा फैसला लिया है। आरबीआई अब 2000 रुपये के नोटों को चलन से बाहर करने का ऐलान किया है।रिजर्व बैंक ने जानकारी देते हुए बताया है कि इसका लीगल टेंडर  रहेगा, लेकिन इसको सर्कुलेशन से 30 सितम्बर 2023 के बाद बाहर कर दिया जाएगा। अगर आपके पास भी 2000 रुपये के नोट पड़े हुए हैं तो आप इसको 30 सितंबर तक बैंक में बदलवा सकते हैं। बता दे कि इस नोट को जमाखोरो ने मात्र 5 सालों में लगभग 89 प्रतिशत को जमा कर लिया है और सरकार के जमाखोरी रोकने के प्रयासों को धत्ता बता दिया है।


2016 में हुई नोटबंदी के बाद हुए थे 2000 के नोट शुरू

आरबीआई ने देश के सभी बैंकों को सलाह दी है कि 2000 रुपये मूल्य के नोटों को तत्काल प्रभाव से जारी करना बंद कर दे।आरबीआई ने क्लीन नोट पॉलिसी के तहत यह फैसला लिया है।सरकार ने साल 2016 में हुई नोटबंदी के बाद में 2000 रुपये के नोटों को शुरू किया था।


एक बार में बदल सकते हैं 20,000 रुपये

RBI के मुताबिक, 23 मई 2023 के बाद से आप अधिकतम 20 हजार रुपये तक के नोटों को बदल सकते हैं। बैंक के अन्य काम प्रभावित न हो इसी वजह से आरबीआई ने यह फैसला लिया है।


2019 से नहीं छापा गया 2000 का नोट 

8 नवंबर 2016 में हुई नोटबंदी के बाद में सरकार ने 500 और 2000 रुपये के नए नोटों की छपाई शुरू की थी।नोटबंदी के बाद में 2000 रुपये के नोट मार्केट में आए थे, लेकिन पिछले कुछ सालों से आरबीआई ने 2000 रुपये के नोटों की छपाई करना बंद कर दी थी। वित्त वर्ष 2019 से लेकर 2023 तक एक भी 2000 रुपये का नोट नहीं छापा गया है।





जमाखोरी को रोकने में असफल रही सरकार

8 नवंबर 2016 से प्रचलन में आयी 2000 की नोट मार्च 2017 आते आते प्रचलन में मात्र 89% ही रह गयीं। यानी मात्र 6 माह में ही 11% नोट जमाखोरो के कब्जे में चले गये। इस बीच सरकार जनता को आश्वासन देती रही कि सरकार इस नोट की जमाखोरी नही होने देगी। वही कुछ समाचार चैनल्स द्वारा इस नोट में चिप्स होने की भी खबरें प्रसारित की गयीं, जिसके चलते जमाखोरो ने भी इसको लेकर सतर्कता बरती थी।

लेकिन जैसे ही यह बात साफ हो गयीं कि इस नोट में कोई चिप्स नही है तो इस नोट की जमाखोरी में एकाएक तेजी आयी और मात्र एक साल में ही प्रचलन में नोट का प्रतिशत काफी कम हो गया। 31 मार्च 2018 तक 61.7% नोट की जमाखोरी हो गयीं और मात्र 6.73 लाख करोड़ रूपये  31मार्च 2018 (37.3%) ही प्रचलन में पाये गये। हालत यह हो गयीं कि 31 मार्च 2023 को मात्र 3.62 लाख करोड़ (10.80%) की ही 2000 रूपये के नोट प्रचलन में पाये गये।

लगभग 90% नोट के जमाखोरो के पास पहुंचने के बाद सरकार और रिज़र्व बैंक के पास इस नोट को प्रचलन से बाहर करने के अलावा कोई दूसरा रास्ता ही नही बचा था। यही कारण है कि रिज़र्व बैंक ने इस नोट को बंद करने की समय सीमा 30 सितम्बर निर्धारित कर दी है।