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डा. चिन्मय पांड्या के स्वर से आह्दलित हुआ बागी बलिया




गायत्री शक्तिपीठ भ्रमण करने के बाद कहा लग रहा मिनी शांतिकुंज में हूं

-गायत्री माता के उपासकों और गायत्री परिवार के सदस्यों को दिया स्नेह


बलिया।। देव संस्कृति विश्वविद्यालय के प्रतिकुलपति आध्यात्मिक जगत के विश्व विख्यात पुरुष के रुप में प्रसिद्ध डा. चिन्मय पांड्या का आगमन सोमवार को बलिया में हुआ। डा. पांड्या गायत्री शक्तिपीठ परिसर पहुंच माता गायत्री का विधि विधान से पूजा अर्चना और आरती की। उन्होंने कहा कि यहां आने के बाद हमें लग रहा है कि हम शांतिकुंज में है। बलिया गायत्री शक्तिपीठ निश्चित तौर पर मिनी शांतिकुंज है और यहां पुज्य गुरुजी की आत्मा विद्यमान है। डख. पांड्या के श्रीमुख से इतना सुन गायत्री परिवार से जुड़े लोगों संग पूरा बागी बलिया आह्दलित हो गया।







गाजीपुर जनपद में डा. पांड्या का कार्यक्रम पूर्व से ही निर्धारित था। गाजीपुर के कार्यक्रम में सहभागिता को आने के दौरान ही डा. पांड्या बलिया की चल दिए। बलिया के गायत्री परिवार के लोगों को जानकारी हुई तो वे डा. पांड्या के स्वागत की तैयारी में जुट गए। माल्देपुर मोड़ पर ही गायत्री परिवार के सदस्यों ने उनका अभिनंदन कर सीधे शक्तिपीठ ले गए। परिसर में पहुंचते ही बाल कन्याओं ने डा. पांड्या का अभिवादन अभिनंदन किया। उसके बाद शक्तिपीठ प्रभारी विजेंद्र चौबे ने उनका तिलक लगाकर अभिवादन किया। यज्ञशाला और श्रीराम स्मृति उपवन भ्रमण करते हुए वे माता गायत्री माता के मंदिर में पहुंचे। विधि विधान से पूजा अर्चना करने के पश्चात आरती किया। उसके पश्चात वे सतसंग भवन में पहुंच परिवार के सदस्यों के साथ बैठ चर्चा किया और सभी को आशीर्वचन दिया। डा. चिन्मय पांड्या बहुत आनंदित दिखे। उसके पश्चात वे गाजीपुर के लिए प्रस्थान कर गए।