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बजट पेश करते हुए बोले वित्त मंत्री सुरेश खन्ना :योगी जी का बजट बना है जनता की खुशहाली को,यह बजट रंगीन करेगा, आने वाली होली को



लखनऊ।।

उत्तर प्रदेश: वित्तीय वर्ष 2023-24 का बजट

विधानसभा वित्तमंत्री सुरेश खन्ना जी के बजट भाषण के प्रमुख अंश----

● उत्तर प्रदेश 24 करोड़ की देश की सर्वाधिक जनसंख्या वाला राज्य है हमारा प्रदेश न केवल भारत का सबसे बड़ा उपभोक्ता एवं श्रम बाजार है अपितु गंगा के उपजाऊ मैदानों के किनारे प्रदेश में प्रचुर प्राकृतिक संसाधन विद्यमान हैं। देश की जीडीपी में प्रदेश का योगदान 08 प्रतिशत से अधिक का हैं। 


● मुझे यह बताते हुये हर्ष है कि वर्ष 2021 2022 में प्रदेश के सकल राज्य घरेलू उत्पाद (जीएसडीपी) में 16.8 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गयी जो देश की विकास दर से अधिक रही। 


● वित्तीय वर्ष 2023 2024 के लिये जीएसडीपी में वृद्धि की दर 19 प्रतिशत अनुमानित की गयी है। वैश्विक मंदी के दौर में प्रदेश की अर्थव्यवस्था की विकास दर उत्साहजनक है।


● वर्ष 2017 के पूर्व, प्रदेश की बेरोजगारी दर 14.4 प्रतिशत थी, आज यह घटकर लगभग 4.2 प्रतिशत हो गयी है। यह प्रदेश की एक महत्वपूर्ण उपलब्धि है।


● प्रदेश की राजधानी लखनऊ में दिनांक 10 से 12 फरवरी, 2023 के मध्य यू.पी. ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट का भव्य एवं अत्यन्त सफल आयोजन किया गया। इस समिट के आयोजन के पूर्व प्रदेश सरकार के मंत्रियों एवं अधिकारियों के प्रतिनिधि मण्डल 16 देशों के 21 शहरों में भेजे गये जहाँ उनके द्वारा व्यापारिक समुदाय को प्रदेश में निवेश की संभावनाओं के संबंध में अवगत कराया गया और इसी थीम पर रोड शो आयोजित किये गये इन देशों में अमेरिका, कनाडा, यूके जर्मनी, बेल्जियम, स्वीडन, नीदरलैण्ड्स, फ्रांस, मैक्सिको, ब्राजील, अर्जेन्टीना, जापान, दक्षिण कोरिया, संयुक्त अरब अमीरात, सिंगापुर व ऑस्ट्रेलिया शामिल हैं। इसी क्रम में राज्य सरकार द्वारा भारत के 08 प्रमुख नगरों मुम्बई, बंगलूरू, हैदराबाद, चेन्नई, दिल्ली, कोलकाता, अहमदाबाद एवं चण्डीगढ़ में रोड शो का आयोजन किया गया।


● इसके परिणामस्वरूप उ०प्र० ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट-2023 में 25,000 से अधिक निवेशकों द्वारा प्रतिभाग किया गया।


● ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट में लगभग 33.50 लाख करोड़ रूपये के 19,000 से अधिक समझौता ज्ञापनों पर हस्ताक्षर किये गये अधिकांश समझौता ज्ञापन नवीकरणीय ऊर्जा ( 16 प्रतिशत), इलेक्ट्रॉनिक्स (12 प्रतिशत) औद्योगिक पार्क (11 प्रतिशत), शिक्षा (09 प्रतिशत) तथा लॉजिस्टिक्स (09 प्रतिशत), सेक्टर्स में किये गये हैं।


सुधर गई कानून- व्यवस्था

उद्योगों की अलख जगी

*यूपी बना ग्रोथ का इंजन

यह सब पहली दफा समझ

फकत किनारे बैठे-बैठे

लहरों से मत सवाल कर

डूब के खुद गहरे पानी में

पानी का फलसफा समझ







● यह हमारे लिये अत्यन्त गर्व का विषय है कि दिनांक 01 दिसम्बर, 2022 से 30 नवम्बर 2023 के मध्य विश्व के सबसे शक्तिशाली 20 देशों के समूह जी -20 के सम्मेलन की मेजबानी का गौरव भारत सरकार को प्राप्त हुआ है। इस सम्मेलन के अन्तर्गत भारत सरकार की अध्यक्षता में 200 से अधिक बैठकें होंगी, जिसमें उत्तर प्रदेश के 04 शहरों- लखनऊ, आगरा, वाराणसी एवं ग्रेटर नोएडा में 11 बैठकों का आयोजन किया जायेगा। 


● जी-20 सम्मेलन की बैठकों की मेजबानी उत्तर प्रदेश के लिये बुनियादी ढांचे सांस्कृतिक विरासत तथा विकास के स्तर और सम्भावनाओं को दुनिया के सम्मुख प्रदर्शित करने का एक वृहद एवं व्यापक अवसर होगा जिसका लाभ प्रदेश की अर्थव्यवस्था एवं जनता को प्राप्त होगा।


● गवर्नेन्स के हर पहलू पर हमारे तेजस्वी मुख्य मंत्री योगी आदित्यनाथ जी के नेतृत्व में समयबद्ध रूप से की गयी प्रभावी कार्यवाही के कारण आज उत्तर प्रदेश कई क्षेत्रों में देश के अग्रणी राज्य के रूप में उभरा है।


● इनमें से कुछ प्रमुख कार्यक्रमों के संबंध में मैं इस सम्मानित सदन के समक्ष संक्षिप्त विवरण प्रस्तुत करना चाहूँगा। 


● प्रधानमंत्री आवास योजना ग्रामीण एवं शहरी के अन्तर्गत आवास निर्माण, ग्रामीण स्वच्छ शौचालय निर्माण, सूक्ष्म लघु मध्यम उद्योगों की स्थापना, स्मार्ट सिटी मिशन के अंतर्गत इंडिया स्मार्ट सिटी अवॉर्ड कॉटेस्ट में तथा पीएफएमएस पोर्टल द्वारा डीबीटी के माध्यम से लाभार्थियों को धनराशि हस्तांतरण करने में उत्तर प्रदेश देश में प्रथम स्थान पर है।

दुग्ध उत्पादन, गन्ना एवं चीनी उत्पादन तथा एथेनॉल की आपूर्ति में उत्तर प्रदेश देश में प्रथम स्थान पर है। कृषि निवेशों पर किसानों को देय अनुदान डीबीटी के माध्यम से भुगतान करने वाला देश में उत्तर प्रदेश पहला राज्य बना।


● कोरोना के बचाव हेतु वैक्सीनेशन के 39.20 करोड़ से अधिक डोज लगाने वाला देश में उत्तर प्रदेश प्रथम स्थान पर है तथा चिकित्सा शिक्षण संस्थान स्थापित कर संचालित करने वाला देश का अग्रणी राज्य बन गया है।


● भारत सरकार द्वारा स्टार्टअप रैकिंग के तहत उत्तर प्रदेश को "इनस्पायरिंग लीडर" के रूप में सम्मानित किया गया है। उत्तर प्रदेश कौशल विकास नीति को लागू करने वाला देश का प्रथम राज्य बन गया है। 


● अटल पेंशन योजना के अन्तर्गत पंजीकरण करने में उत्तर प्रदेश का देश में प्रथम स्थान पर है। 


● आज हमारा प्रदेश न केवल देश के अन्दर बल्कि वैश्विक समुदाय के मध्य भी अपनी सशक्त उपस्थिति दर्ज करा रहा है। यह मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी के निरन्तर कठोर परिश्रम एवं अनुशासन से सम्भव हो सका है।


श्रम के जल से राह सदा सिंचती है

गति मशाल आंधी में ही हंसती है

छालों से ही श्रृंगार पथिक का होता है

वो विपरीत परिस्थितियों में चलने के आदी हैं

मंजिल की मांग लहू से ही सजती है।


● हमारी सरकार द्वारा अपने पिछले कार्यकाल तथा वर्तमान कार्यकाल में प्रदेश के सर्वागीण विकास की ठोस नीतियां तैयार कर उन्हें घरातल पर प्रभावी रूप से मूर्त रूप प्रदान किया गया हैं । हमने न केवल प्रदेश में अवस्थापना विस्तार, निवेशानुकूल वातावरण तैयार करने और उद्योग स्थापित करने पर बल दिया अपितु समाज के विभिन्न समूहों, विशेषकर किसान, महिला, युवा, श्रमिक तथा आर्थिक एवं सामाजिक रूप से दुर्बल वर्ग के सशक्तिकरण एवं स्वावलम्बन की दिशा में निरन्तर कार्य किया।


● हमारी सरकार द्वारा प्रदेश के लगभग 46 लाख 22 हजार गन्ना किसानों को वर्ष 2017 से अब तक 1,96,000 करोड रूपये से अधिक का रिकार्ड गन्ना मूल्य भुगतान कराया गया जो वर्ष 2012 से 2017 तक की अवधि में किये गये कुल गन्ना मूल्य भुगतान 95,125 करोड़ रूपये से 86,728 करोड़ रूपये अधिक है। 


● गन्ना उत्पादकता में 1,00,875 टन प्रति हेक्टेयर की वृद्धि किसानों की आय में औसतन 349 रुपये प्रति कुन्तल की दर से 34,656 रुपये प्रति हेक्टेयर की वृद्धि हुई है। इसके अतिरिक्त, गन्ने के साथ अंतःफसली खेती से कृषकों को लगभग 25 प्रतिशत की अतिरिक्त आय हुई।


● रबी विपणन वर्ष 2022 2023 में 2015 रुपये प्रति कुन्तल गेहूँ, का न्यूनतम समर्थन मूल्य निर्धारित था विपणन वर्ष के दौरान 87991 किसानों से 3.36 लाख मीट्रिक टन गेहूँ का क्रय किया गया. जिसके सापेक्ष किसानों के खातों में पीएफएमएस पोर्टल के माध्यम से 675 करोड़ रुपये का भुगतान किया जा चुका है।


● खरीफ विपणन वर्ष 2022-23 के अंतर्गत भारत सरकार द्वारा कॉमन श्रेणी हेतु रु0 2040 तथा ग्रेड ए हेतु रु. 2060 प्रति कुन्तल मूल्य निर्धारित किया गया है। अद्यतन 62.66 लाख मीट्रिक टन धान क्रय किया गया है जिसके सापेक्ष सीधे किसानों के खातों में पीएफएमएस पोर्टल के माध्यम से 10.30 लाख किसानों के बैंक खातों में 12 हजार करोड़ रूपये का भुगतान किया है।


● प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना के अन्तर्गत वर्ष 2022 2023 में अब तक 51.639.68 करोड़ रुपये से अधिक धनराशि डीबीटी के माध्यम से किसानों के बैंक खातों में सीधे हस्तांतरित की गयी।


● किसानों के निजी नलकूपों के क्षतिग्रस्त परिवर्तकों को निर्धारित समय पर बदला जा रहा है।


● प्रदेश के डार्क जोन में किसानों को निजी नलकूप कनेक्शन देने पर लगे प्रतिबंध को हटाने से 01 लाख किसान लाभान्वित हुए हैं।


● बालिकाओं के प्रति आमजन की सकारात्मक सोच विकसित करने हेतु संचालित "मुख्यमंत्री कन्या सुमंगला योजना" के अन्तर्गत प्रति लाभार्थी को रु० 15,000 तक की धनराशि से लाभान्वित किया जा रहा है। वित्तीय वर्ष 2023-2024 हेतु 1050 करोड़ रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित है।


● सभी वर्गों की पुत्रियों की शादी हेतु संचालित मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना हेतु 600 करोड रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित है। अन्य पिछड़ा वर्ग के निर्धन व्यक्तियों की पुत्रियों की शादी अनुदान योजना हेतु 150 करोड़ रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित है।


● ग्रामीण महिलाओं को स्वावलम्बी बनाने के लिए महिला सामर्थ्य योजना के अन्तर्गत महिला स्वयं सहायता समूहों के माध्यम से गठन किया जाता है। योजना हेतु वित्तीय वर्ष 2023-2024 के बजट में 83 करोड़ रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित है।


● निराश्रित विधवाओं के भरण-पोषण अनुदान योजनान्तर्गत वर्तमान में 32 लाख 62 हजार निराश्रित महिलाओं को पेंशन दी जा रही है। इस हेतु वर्ष 2023 2024 के बजट में 4032 करोड़ रुपये की बजट व्यवस्था प्रस्तावित हैं।


● प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व अभियान के तहत गर्भवती महिलाओं एवं धात्री माताओं को लाभान्वित किया जा रहा है। प्रदेश में जननी सुरक्षा योजना, जननी शिशु सुरक्षा कार्यक्रम, बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम आदि संचालित हैं।


● प्रदेश में नियमित टीकाकरण के अंतर्गत अक्टूबर, 2022 तक 95 प्रतिशत बच्चों को टीका लगाया गया। मिशन इन्द्र धनुष के अंतर्गत 36 लाख 82 हजार से अधिक बच्चों एवं 10 लाख 31 हजार से अधिक गर्भवती माताओं का टीकाकरण किया गया।


● प्रदेश में कानून एवं शान्ति व्यवस्था को दृष्टिगत रखते हुए महिलाओं की अधिक से अधिक भागीदारी सुनश्चित करने हेतु 03 महिला पीएसी बटालियन का गठन किया जा रहा है।


● स्वामी विवेकानन्द युवा सशक्तीकरण योजना के पात्र छात्र-छात्राओं को टैबलेट / स्मार्टफोन देने हेतु वित्तीय वर्ष 2023-2024 के बजट में 3600 करोड़ रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित है। 


● उप्र स्टार्टअप नीति-2020 के अन्तर्गत कृषि, चिकित्सा एवं स्वास्थ्य, ऊर्जा, खादी, शिक्षा, पर्यटन, परिवहन आदि क्षेत्रों में स्टार्टअप को बढ़ावा दिया जा रहा है। प्रदेश में 50 इन्क्यूबेटर तथा 7200 स्टार्टअप्स कार्यरत हैं। नीति के अंतर्गत पीजीआई लखनऊ, आईआईटी कानपुर तथा नोएडा परिसर में आर्टिफिशियल इन्टेलीजेन्स के क्षेत्र में परिचालन प्रारम्भ किया जा चुका है।


● इन्क्यूबेटर्स को बढ़ावा देने तथा स्टार्टअप्स के लिये सीड फण्ड हेतु 100 करोड़ रूपये की व्यवस्था की गई है।


● उत्तर प्रदेश सूचना प्रौद्योगिकी एवं स्टार्टअप्स नीति हेतु 60 करोड़ रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित है।


● ग्रामीण क्षेत्रों में युवा उद्यमियों को एग्रीटेक स्टार्ट-अप्स की स्थापना के लिए प्रोत्साहित करने के उद्देश्य से एग्रीकल्चर एक्सीलरेटर फण्ड के लिए 20 करोड़ रुपये प्रस्तावित हैं।


● प्रदेश के राजकीय माध्यमिक विद्यालयों में अध्ययनरत छात्रों को रोजगारोन्मुख व्यावसायिक कोर्सेज / स्किल्स में प्रशिक्षण देने की योजना के तहत कौशल विकास मिशन के माध्यम से 06 वर्षों में 12 लाख से अधिक युवाओं को प्रशिक्षित किया गया तथा 4 लाख 88 हजार युवाओं को प्रतिष्ठित कंपनियों में सेवायोजित कराया गया।


● युवा अधिवक्ताओं को कार्य के शुरूआती 03 वर्षों के लिये किताब एवं पत्रिका क्रय करने हेतु आर्थिक सहायता प्रदान किये जाने के लिये 10 करोड़ रूपये तथा युवा अधिवक्ताओं के लिये कॉपर्स फण्ड हेतु 5 करोड़ रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित है।


● मनरेगा योजना के अंतर्गत वित्तीय वर्ष 2022- 2023 में अब तक प्रदेश में 26 लाख 29 हजार मानव दिवस सृजित कर प्रदेश द्वारा देश में प्रथम स्थान प्राप्त किया गया है। 


● राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन के अन्तर्गत वित्तीय वर्ष 2022-2023 में अब तक लगभग 01 लाख 07 हजार स्वयं सहायता समूहों का गठन किया गया है एवं 81,283 स्वयं सहायता समूहों को रिवॉल्विंग फण्ड प्रदान करते हुये 3,497 स्वयं सहायता समूहों को सामुदायिक निवेश निधि उपलब्ध करायी गयी है।


● प्रदेश सरकार द्वारा अधिकाधिक उद्यमों की स्थापना हेतु अनुकूल वातावरण का सृजन किया गया है। एमएसएमई अधिनियम, 2020 के माध्यम से इकाईयों को 1000 दिवस तक किसी भी विभाग से निरीक्षण से छूट प्रदान की गई है। इसी प्रकार, निवेश मित्र के माध्यम से उद्यमियों को उद्यम स्थापना के क्रम में वांछित अनापत्ति / लाइसेन्स /अनुमति आदि को प्राप्त करने की व्यवस्था की गयी है। जिसमें उद्यमी समयबद्ध रूप से स्वीकृतियाँ आदि प्राप्त कर रहा है।


● सरकार के इन प्रयासों से वित्तीय वर्ष 2022-2023 में 24 नवम्बर 2023 तक 03 लाख 95 हजार से अधिक उद्यम पंजीकृत हुये जिसमें 25 लाख 64 हजार से अधिक रोजगार का सृजन हुआ। 


●एक जनपद एक उत्पाद वित्त पोषण योजनान्तर्गत 01 लाख 35 हजार से अधिक व्यक्तियों को रोजगार प्राप्त हुआ। 


● एक जनपद एक उत्पाद प्रशिक्षण एवं टूलकिट वितरण योजना के अंतर्गत अब तक 83473 से अधिक हस्तशिल्पियों / पारम्परिक कारीगरों को प्रशिक्षण एवं टूलकिट वितरण किया गया। 


● विश्वकर्मा श्रम सम्मान योजना के अंतर्गत 01 लाख 73 हजार से अधिक लाभार्थियों को लाभान्वित किया गया। 


● मुख्यमंत्री युवा स्वरोजगार योजना अंतर्गत 17,147 लाभार्थी लाभान्वित हो चुके हैं तथा रोजगार के 01 लाख 37 हजार से अधिक अवसरों का सृजन हुआ हैं।


● उत्तर प्रदेश कौशल विकास मिशन द्वारा विगत 06 वर्षों में 12 लाख 50 हजार से अधिक युवाओं को विभिन्न प्रकार के अल्पकालिक प्रशिक्षण कार्यक्रमों में पंजीकृत किया गया है।



● वृद्धावस्था / किसान पेंशन योजना हेतु वित्तीय वर्ष 2023 2024 के बजट में 7248 करोड़ रूपये का बजट प्राविधान प्रस्तावित है ।


● दिव्यांग पेंशन योजना के अन्तर्गत लगभग दिव्यांग भरण पोषण अनुदान हेतु 1120 करोड़ रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित है।


● कुष्ठावस्था पेंशन योजना हेतु 42 करोड़ रुपये की व्यवस्था प्रस्तावित है। मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना के तहत इस वर्ष 35,950 जोड़ों का विवाह सम्पन्न कराया गया। 


● प्रधानमंत्री स्वनिधि योजना के अंतर्गत देश में सर्वाधिक 10.33 लाख से अधिक पथ विक्रेताओं को 1190 करोड़ 49 लाख रुपये का ऋण वितरित कराते हुये उत्तर प्रदेश ऋण वितरण में देश में प्रथम स्थान पर रहा है।


● राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम के तहत प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना के फेज-03, 04 एवं फेज-05 में 81.25 लाख मीट्रिक टन खाद्यान्न निःशुल्क वितरित किया गया।



●प्रदेश में अब तक 1.53 करोड़ से अधिक निर्माण श्रमिकों तथा 3,14,611 निर्माण स्थलों का पंजीकरण कराया जा चुका है। 


● कामगार मृत्यु व दिव्यांगता सहायता योजना के तहत कार्यस्थल पर श्रमिक की मृत्यु की दशा में 05 लाख रुपये, स्थायी दिव्यांगता पर 04 लाख रुपये एवं आशिक दिव्यांगता पर 03 लाख रुपये की सहायता प्रदान किये जाने का प्रावधान है ।


● श्रमिकों के बच्चों को निःशुल्क गुणवत्ता पूर्ण शिक्षा देने हेतु प्रदेश के प्रत्येक मण्डल में एक-एक आवासीय विद्यालय की स्थापना की गयी है। 


● प्रधानमंत्री श्रम योगी मानधन योजनान्तर्गत अब तक 6,65,977 लाभार्थियों का पंजीकरण किया जा चुका है।


● प्रदेश में 5021 रोजगार मेलों का आयोजन कराया गया। जिनके माध्यम से 7 लाख 29 हजार से अधिक अभ्यर्थियों को रोजगार उपलब्ध कराया गया।


● प्रदेश के सर्वाधिक बाल श्रम से प्रभावित जिलों के हॉट स्पॉट को चिन्हित करते हुए 490 ग्राम पंचायतों / शहरी वॉड़ों को बालश्रम मुक्त घोषित कर नया सवेरा योजना का संचालन किया गया जिनमें 30287 बच्चों को शिक्षा की मुख्यधारा से जोड़ा गया।


● असंगठित क्षेत्र के कर्मकारों हेतु संचालित "मुख्यमंत्री जन आरोग्य योजना हेतु 100 करोड़ रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित है।


● असंगठित क्षेत्र के कर्मकारों हेतु संचालित "मुख्यमंत्री दुर्घटना बीमा योजना" के लिये 12 करोड़ रुपये की व्यवस्था प्रस्तावित है।


● बाल श्रमिक विद्या योजना के तहत 2000 बच्चों को योजना से आच्छादित कर लाभ दिया जा रहा है।



● प्रधानमंत्री आवास योजना (शहरी) के तहत मार्च, 2017 से अद्यतन 17.62 लाख आवासों की स्वीकृति प्रदान की गयी है। 


● पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे पर यातायात संचालित है। एक्सप्रेस-वे के आसपास औद्योगिक क्लस्टर्स स्थापित करने की कार्यवाही प्रक्रियाधीन है।


● बुन्देलखण्ड एक्सप्रेस-वे का निर्माण कार्य पूर्ण हो चुका हैं। एक्सप्रेस वे के आसपास औद्योगिक क्लस्टर्स स्थापित करने की कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। 


● गोरखपुर पूर्वांचल लिंक एक्सप्रेस-वे परियोजना का निर्माण प्रगति पर है तथा दिसम्बर, 2022 तक 56 प्रतिशत कार्य पूर्ण हो चुका है ।


● मेरठ से प्रयागराज तक लगभग 594 किमी0 लम्बे लगभग रूपये 36230 करोड़ लागत से बन रहे गंगा एक्सप्रेस वे के निर्माण का कार्य प्रगति पर है।


● वित्तीय वर्ष 2023 2024 के बजट में झांसी लिंक एक्सप्रेस-वे तथा चित्रकूट लिंक एक्सप्रेस-वे की नई परियोजनाओं के प्रारम्भिक चरण हेतु 235 करोड़ रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित है।


● बुन्देलखण्ड एक्सप्रेस-वे के साथ डिफेन्स कॉरीडोर परियोजना के लिए 550 करोड़ रुपये की व्यवस्था प्रस्तावित है।


● गोरखपुर लिंक एक्सप्रेस वे के दोनों तरफ गोरखपुर में औद्योगिक गलियारा विकसित किये जाने हेतु 200 करोड़ रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित है। 


● यमुना एक्सप्रेस-वे औद्योगिक विकास प्राधिकरण द्वारा 1000 एकड भूमि पर अन्तर्राष्ट्रीय फिल्म सिटी की स्थापना की जा रही फिल्म सिटी से लगभग 10,000 करोड़ रुपये से अधिक के निवेश की सम्भावना के साथ-साथ रोजगार एवं वाणिज्यिक गतिविधियों में वृद्धि होगी ।


● वर्तमान सरकार के अब तक के कार्यकाल में लगभग 21,696. किलोमीटर लम्बाई में ग्रामीण मार्गो का निर्माण किया जा चुका है तथा लगभग 18,407 किमी0 लम्बाई में मार्गों का 



● जनसामान्य को सुरक्षा प्रदान करने एवं कानून व्यवस्था के क्षेत्र में आने वाली चुनौतियों का सामना करने हेतु पुलिस व्यवस्था को और अधिक सक्षम एवं सुदृढ़ करना हमारी सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है। 


● महिलाओं एवं समाज के कमजोर वर्गों के विरूद्ध अपराधों को नियन्त्रित करने हेतु प्रभावी कार्यवाही करके इनके लिए निरापद वातावरण उपलब्ध कराने के प्रति सरकार निरन्तर प्रयासरत है।


● सरकार की अपराध एवं अपराधियों के प्रति जीरो टालरेन्स की नीति के अनुरूप प्रदेश की कानून व्यवस्था को और अधिक मजबूत बनाये जाने एवं आपराधिक /असामाजिक तत्वों पर प्रभावी नियन्त्रण करने के उद्देश्य से कार्ययोजना बनाकर अपराधियों के विरूद्ध कठोरतम विधिक कार्यवाही की जा रही है जिसके फलस्वरूप अपराध एवं कानून व्यवस्था की स्थिति सुदृढ़ है ।


● वर्ष 2022 में वर्ष 2016 के सापेक्ष आलोच्य अवधि में डकैती में 80.31 प्रतिशत, लूट में 61.51 प्रतिशत हत्या में 32.45 प्रतिशत, बलवा में 51.65 प्रतिशत, गृहभेदन में 5.59 प्रतिशत, चोरी में 17.22 प्रतिशत, रोड होल्डअप में 100 प्रतिशत व फिरौती हेतु अपहरण में 43.18 प्रतिशत की कमी आयी है। अपराधों पर अंकुश लगाये जाने हेतु निरन्तर प्रयास किये जा रहे हैं ।


● उक्त अवधि में महिलाओं के विरूद्ध घटित अपराधों में दहेज मृत्यु में 15.81 प्रतिशत, बलात्कार में 21.75 प्रतिशत व अपहरण में 9.17 प्रतिशत की कमी आयी है महिलाओं के विरूद्ध घटित होने वाले अपराधों पर पुलिस द्वारा नियंत्रण हेतु निरन्तर प्रयास किये जा रहे हैं। प्रदेश में एण्टी भू-माफिया पोर्टल पर अवैध कब्जे से सम्बन्धित 3,41,236 शिकायतें प्राप्त हुई हैं जिसमें से 3,39,552 शिकायतें निस्तारित की गई।


● अभियान के अन्तर्गत 70 हज़ार हेक्टेयर से अधिक क्षेत्रफल अवैध अतिक्रमण से अवमुक्त कराया गया है। 23,920 राजस्व वाद, 923 सिविल वाद एवं 4504 एफआईआर दर्ज करायी गयी है।


● 847 अतिक्रमणकर्ताओं को भू-माफिया के रूप में चिन्हित किया गया है, वर्तमान में 196 भू-माफिया जेल में निरूद्ध हैं।


● साइबर क्राइम की रोकथाम हेतु प्रदेश के प्रत्येक परिक्षेत्र में साइबर क्राइम पुलिस थाना की स्थापना की गयी है


● प्रदेश के समस्त थानों में (1531) साइबर हेल्प डेस्क की स्थापना की गयी है परिक्षेत्रीय मुख्यालयों पर बेसिक साइबर फोरेसिक लैब एवं पुलिस मुख्यालय पर एडवांस्ड डिजिटल साइबर फारेंसिक लैब की स्थापना करायी जा रही है।


● कर्तव्य पालन के दौरान शहीद / मृत पुलिस कर्मियों एवं उत्तर प्रदेश राज्य के मूल निवासी केन्द्रीय अर्द्ध सैन्य बलों / अन्य प्रदेशों के अर्द्ध सैन्य बलों अथवा भारतीय सेना में कार्यरत रहते हुये 73 शहीद / मृत कर्मियों के आश्रितों को 17 करोड़ 96 लाख रूपये की आर्थिक सहायता प्रदान की गयी।


● पुलिस विभाग के अधिकारियों एवं कर्मचारियों के लिए आवासीय सुविधा उपलब्ध कराये जाने हेतु वित्तीय वर्ष 2023 2024 में 1000 करोड़ रूपये की व्यवस्था बजट में प्रस्तावित है।


● नवसृजित पुलिस कमिश्नरेट के कार्यालय एवं अनावासीय भवनों आदि की व्यवस्था हेतु 850 करोड़ रूपये व्यवस्था प्रस्तावित है।


● प्रदेश में पुलिस विभाग के अधिकारियों/कर्मचारियों को आवासीय सुविधा (शहरी क्षेत्र) उपलब्ध कराये जाने हेतु 400 करोडरूपये की व्यवस्था प्रस्तावित है। एसडीआरएफ के सुदृढीकरण हेतु नये वाहनों के क्रय के लिए 10 करोड़ रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित है ।


● कोविड- 19 वैश्विक महामारी के सामने विश्व के ताकतवर समझे जाने वाले देश असहाय हो गये थे उस विषम परिस्थिति में माननीय प्रधानमंत्री जी के कुशल नेतृत्व में हमारे कर्मठ मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी ने प्रदेश की जनता के सहयोग से प्रदेश को उस कठिन कालखण्ड से बाहर निकाला।


● कोविड कालखण्ड में जिन चुनौतियों का सामना करना पड़ा. उन्हें ध्यान में रखते हुये अत्यन्त त्वरित गति से प्रदेश में स्वास्थ्य अवसंरचना का विस्तार किया गया और प्रवासी श्रमिकों के पुनर्वास की अदभुत मिसाल प्रस्तुत की।


मंजिलें लाख कठिन आयें, गुजर जाऊँगा।

हौसले हार के बैठूंगा तो मर जाऊँगा

लाख रोकें ये अंधेरे, मेरा रास्ता

लेकिन मैं जिधर जाऊँगा रोशनी ले जाऊँगा ।।



● राष्ट्रीय ग्रामीण स्वास्थ्य मिशन के अन्तर्गत विभिन्न कार्यक्रमों के संचालन हेतु 12,631 करोड़ रुपये की व्यवस्था प्रस्तावित है।


● प्रधानमंत्री आत्मनिर्भर स्वस्थ भारत योजना हेतु 1,655 करोड़ रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित है। प्रधानमंत्री आयुष्मान भारत हेल्थ इन्फ्रास्ट्रक्चर मिशन योजना के अन्तर्गत प्रदेश में ग्रामीण एवं शहरी क्षेत्र में हेल्थ वेलनेस सेन्टर क्रिटिकल केयर यूनिट जनपदों में इन्टीग्रेटेड पब्लिक हेल्थ लैब की स्थापना, नेशनल सेन्टर फॉर डिजीजेज कन्ट्रोल का सुदृढीकरण, हेल्थ इन्फारमेशन के विस्तार के लिये पोर्टल की स्थापना तथा इमर्जेन्सी आपरेशन सेन्टर एवं मोबाइल यूनिट हॉस्टिल की स्थापना आदि कार्यों हेतु 1,547 करोड़ रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित है।


● आयुष्मान भारत- प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना का संचालन सम्पूर्ण प्रदेश में दिनांक 23 सितम्बर 2018 से किया जा रहा है। योजना के अन्तर्गत 2.34 करोड़ से अधिक लाभार्थी पंजीकृत हो चुके हैं लाभार्थी परिवारों को प्रति वर्ष 5 लाख रूपये तक की निःशुल्क चिकित्सा सुविधा सूचीबद्ध राजकीय एवं निजी चिकित्सालयों के माध्यम से प्रदान की जा रही है। योजना हेतु 400 करोड़ रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित है।


● भारत सरकार द्वारा उप स्वास्थ्य केन्द्रों एवं प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों को क्रमबद्ध तरीके से क्रियाशील हैल्थ एण्ड वैलनेंस सेण्टर्समें परिवर्तित किया जा रहा है। कन्वर्जन ऑफ रूरल सब हेल्थ सेन्टर्स एण्ड पी०एच०सी० टू हेल्थ एण्ड वेलनेस सेन्टर्स" हेतु 15वें वित्त आयोग की सिफारिश के अनुरूप वित्तीय वर्ष 2023 2024 में लगभग 407 करोड़ रूपये का व्यय किया जायेगा।


● प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना हेतु 320 करोड़ रुपए की बजट व्यवस्था प्रस्तावित है। आयुष्मान भारत मुख्यमंत्री जन आरोग्य अभियान हेतु 250 करोड़ रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित है।


● सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रों के लिये उपकरणों के क्रय हेतु 100 करोड़ रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित है।


● प्राथमिक / सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रों के सुदृढीकरण हेतु ₹15 करोड रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित है।

चौड़ीकरण / सुदृढीकरण किया जा चुका है ।


● 188 दीर्घ सेतु पहुंच मार्ग सहित पूर्ण किये जा चुके हैं तथा 74 रेल उपरिगामी सेतुओं का निर्माण कार्य पूर्ण कर आवागमन हेतु चालू किये जा चुके हैं ।


● प्रदेश में पर्यटन को बढ़ावा देने एवं जनसामान्य को यातायात की सुविधा देने के उद्देश्य से अन्तर्राष्ट्रीय/अन्तर्राज्यीय मार्गों का विकास, जिसके क्रम में 1024 किमी लम्बाई की 87 सड़कों में 75 सड़कों का निर्माण पूर्ण हो चुका है ।


● वित्तीय वर्ष 2022 -2023 में प्रदेश के 60.397 किलोमीटर लम्बाई की सड़कों को गड्ढामुक्त तथा 14,144 किलोमीटर लम्बाई के मार्गों को नवीनीकृत किया गया।


चौड़ीकरण / सुदृढीकरण किया जा चुका है ।


● 188 दीर्घ सेतु पहुंच मार्ग सहित पूर्ण किये जा चुके हैं तथा 74 रेल उपरिगामी सेतुओं का निर्माण कार्य पूर्ण कर आवागमन हेतु चालू किये जा चुके हैं ।


● प्रदेश में पर्यटन को बढ़ावा देने एवं जनसामान्य को यातायात की सुविधा देने के उद्देश्य से अन्तर्राष्ट्रीय/अन्तर्राज्यीय मार्गों का विकास, जिसके क्रम में 1024 किमी लम्बाई की 87 सड़कों में 75 सड़कों का निर्माण पूर्ण हो चुका है ।


● वित्तीय वर्ष 2022 -2023 में प्रदेश के 60.397 किलोमीटर लम्बाई की सड़कों को गड्ढामुक्त तथा 14,144 किलोमीटर लम्बाई के मार्गों को नवीनीकृत किया गया।


● प्रदेश सरकार द्वारा प्रत्येक जिले में एक मेडिकल कॉलेज की स्थापना किये जाने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। "एक जनपद एक मेडिकल कालेज की योजना के अन्तर्गत प्रदेश के 45 जनपद मेडिकल कॉलेज से आच्छादित किये जा चुके हैं, 14 जनपदों में मेडिकल कालेज निर्माणाधीन है। असेवित 16 जनपदों में मेडिकल कालेजों की स्थापना पी०पी०पी० मॉडल पर की जा रही है।


● 14 नये मेडिकल कालेजों की स्थापना एवं संचालन हेतु 2491 करोड़ 39 लाख रूपये की व्यवस्था की गयी है।


● असाध्य रोगों की चिकित्सा हेतु 100 करोड़ रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित है।


● उत्तर प्रदेश इन्स्टीट्यूट ऑफ फार्मास्यूटिकल रिसर्च एण्ड डेवलपमेण्ट की स्थापना हेतु 20 करोड़ रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित है ।


● स्वशासी चिकित्सा महाविद्यालयों में नर्सिंग कालेजों की स्थापना हेतु 26 करोड़ रूपये की व्यवस्था की गयी है।


● प्रदेश में स्थित सरकारी एवं निजी क्षेत्र के मेडिकल कालेजों / चिकित्सा विश्वविद्यालयों में एमबीबीएस की कुल 8528 सीटें उपलब्ध हो गयी है।


● प्रदेश में स्थित सरकारी एवं निजी क्षेत्र के मेडिकल कालेजों / चिकित्सा विश्वविद्यालयों में वर्ष 2022- 2023 में पी. जी. की कुल 2,847 सीटें हो गयी हैं।


● वर्ष 2022 में लगभग 300 संस्थानों में नर्सिंग / पैरामेडिकल पाठ्यक्रम प्रारम्भ हुये हैं। प्रदेश में राजकीय पैरामेडिकल कालेजों की संख्या 17 से बढ़ाकर 19 की गयी जबकि निजी क्षेत्र के स्कूलों की संख्या 287 से बढ़ाकर 351 की गयी। 


● टर्शियरी चिकित्सा सुविधा को सुदृढ़ किये जाने के क्रम में एस. जी. पी.जी.आई. लखनऊ के 558 बेड के इमरजेन्सी मेडिसिन एवं रीनल ट्रान्सप्लान्ट केन्द्र की स्थापना की गयी। 


● एस.जी.पी.जी.आई. में लीवर ट्रान्सप्लान्ट सेन्टर व एडवांस डायबिटीक सेन्टर की स्थापना की गयी है। 


● राजकीय मेडिकल कॉलेज, मेरठ, प्रयागराज एवं के०जी०एम०यू० लखनऊ में डायबटिक रेटिनोपैथी की स्थापना की गयी है। राम मनोहर लोहिया संस्थान, लखनऊ में एडवान्स्ड न्यूरोसाइंस केन्द्र का कार्य प्रगति पर है।


● 14 मण्डलीय कार्यालयों तथा प्रयोगशालाओं भवन निर्माण, मशीनों तथा उपकरणों के लिये 200 करोड़ रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित है।



● आईटी० आई०टी०ई०एस० डेटा सेन्टर, ई०एस०डी०एम० डिफेंस एवं एयरोस्पेस इलेक्ट्रिक वाहन वेयरहाउसिंग एवं लॉजिस्टिक्स, पर्यटन, टेक्सटाइल, एम०एस०एम०ई० सहित विभिन्न क्षेत्रों में निवेश आकर्षित करने के लिये लगभग 25 नीतिया प्रख्यापित की गयी हैं, जिनके माध्यम से प्रदेश में समेकित औद्योगिक विकास के लिये एक समग्र पारिस्थितिकी तंत्र बनाने में अनेक सुधारात्मक कदम उठाए गये हैं।


● प्रदेश में त्वरित परिवहन के दृष्टिगत कई एक्सप्रेसवेज का निर्माण किया जा रहा है। इससे प्रदेश में द्रुत परिवहन के साथ-साथ एक्सप्रेसवेज के दोनों तरफ औद्योगिक / व्यावसायिक गतिविधियाँ तेज होगी जो प्रदेश के आर्थिक विकास में सहायक होगी।


● पाँच लाख रोजगार सृजन करने के उद्देश्य से प्रदेश में बनाये जा रहे एक्सप्रेसवेज के किनारे औद्योगिक गलियारों के सृजन का निर्णय लिया गया है। इससे स्थानीय युवाओं को रोजगार मिलने के साथ-साथ प्रदेश में औद्योगिक विकास का वातावरण बनेगा, जिससे भविष्य में और अधिक विकारा के रास्ते खुलेगें


● पूर्वाचल एक्सप्रेस वे एवं बुन्देलखण्ड एक्सप्रेस वे के किनारे 06 स्थानों पर औद्योगिक निर्माण संकुल बनाने का निर्णय लिया गया है। इनमें से 04 संकुल पूर्वांचल एक्सप्रेस वे के किनारे तथा 02 संकुल बुन्देलखण्ड एक्सप्रेस-वे के किनारे बनाये जाने प्रस्तावित है।


● प्रदेश सरकार द्वारा पहला इन्वेस्टर्स समिट फरवरी 2018 में आयोजित किया गया जिसमें प्राप्त निवेश प्रस्तावों के सापेक्ष लगभग 4 लाख करोड़ से अधिक का निवेश हो चुका है।


● भारत में व्यवसाय में सुगमता की रैंकिंग में 12 स्थानों का उल्लेखनीय सुधार करते हुये उत्तर प्रदेश देश में द्वितीय स्थान पर आ गया है। सफलता के पश्चात राज्यों की अचीवर्स श्रेणी में सम्मिलित होना इसका स्पष्ट प्रमाण है।


● प्रदेश में फार्मा पार्कों की स्थापना एवं विकास हेतु 25 करोड़ रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित है।


● प्रदेश के त्वरित आर्थिक विकास व रोजगार तथा स्वरोजगार के अवसरों के सृजन में सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यमों की महती भूमिका है। सूक्ष्म लघु एवं मध्यम तथा निर्यात प्रोत्साहन विभाग द्वारा प्रदेश में अधिकाधिक एमएसएमई इकाईयों की स्थापना कराकर प्रदेश में पूँजी निवेश एवं रोजगार सृजन सुनिश्चित किया गया है।


● प्रदेश सरकार द्वारा घोषित नवीन एम०एस०एम०ई०नीति - 2022 में रोजगार सृजन में 15 प्रतिशत वार्षिक वृद्धि प्रस्तावित है। इस नीति के अन्तर्गत एम०एस०एम०ई०इकाईयों को प्रथम बार 4 करोड़ रूपये तक पूँजी उपादान उपलब्ध कराये जाने की व्यवस्था की गयी है।


● उक्त नीति के अन्तर्गत उद्यमियों को अधिक से अधिक लाभान्वित कराया जायेगा जिससे प्रदेश में पूँजी निवेश के साथ ही अधिकाधिक रोजगार सृजन हो सकेगा।


● प्रदेश में ओ०डी०ओ०पी० एवं हस्तशिल्प उत्पादों के विपणन को प्रोत्साहित करकने हेतु यूनिटी मॉल की स्थापना के लिये वित्तीय वर्ष 2023-2024 के बजट में 200 करोड़ रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित है।




● वर्तमान सरकार के अब तक कार्यकाल में लगभग 21,696 किलोमीटर लम्बाई में ग्रामीण मार्गों का निर्माण तथा अब तक लगभग 18,407 किलोमीटर लम्बाई में मार्गों का चौड़ीकरण एवं सुदृढीकरण किया गया। 


प्रदेश में पर्यटन को बढ़ावा देने एवं जन सामान्य को यातायात की सुविधा देने के उद्देश्य से अन्तर्राष्ट्रीय / अन्तर्राज्यीय मार्गों का विकास, जिसके क्रम में 1024 कि०मी० लम्बाई की 87 सड़कों में से 75 सड़कों का निर्माण पूर्ण किया गया।


● मुख्यमंत्री समग्र ग्राम विकास योजनान्तर्गत 181 राजस्व ग्रामो में सड़क निर्माण किया गया।


● सड़कों और सेतुओं के निर्माण हेतु 21159 करोड़ 62 लाख रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित है।


● सड़कों और सेतुओं के अनुरक्षण हेतु 6209 करोड़ 50 लाख रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित है।


● कृषि विपणन सुविधाओं हेतु पुलों एवं सड़कों के कार्य के लिये 3473 करोड़ रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित है। ग्रामीण क्षेत्रों की सड़कों हेतु 1525 करोड़ रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित है।


● रेलवे उपरिगामी सेतुओं के निर्माण हेतु 1700 करोड़ रुपये एवं अन्य सेतुओं हेतु 1850 करोड़ रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित हैं। 


● राज्य राजमार्गों के चौड़ीकरण / सुदृढीकरण तथा नये कार्यो हेतु 2588 करोड़ 80 लाख रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित है।


● प्रमुख / अन्य जिला मार्गों के चौड़ीकरण / सुदृढीकरण तथा नये कार्यों हेतु 2538 करोड़ 80 लाख रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित है। धर्मार्थ मार्गों के विकास हेतु 1000 करोड़ रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित है।


● राज्य सड़क निधि से सड़कों के अनुरक्षण हेतु 3000 करोड़ रूपये तथा निर्माण हेतु 2500 करोड़ रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित है। 


● औद्योगिक / लॉजिस्टिक पार्क हेतु 04 लेन मार्गो के चौड़ीकरण / सुदृढीकरण / निर्माण कार्य हेतु 50 करोड़ रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित है। 


● चीनी मिल परिक्षेत्र में कृषि विपणन सुविधाओं हेतु मार्गों को चौडीकरण एवं सदृढ़ीकरण / नवनिर्माण / पुनर्निर्माण कार्यों हेतु 250 करोड़ रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित है।


● उत्तर प्रदेश का कुल भौगोलिक क्षेत्रफल 240.93 लाख हेक्टेयर है, जिसमें से 188.40 लाख हेक्टेयर भूमि कृषि योग्य है। इसमें से 165.42 लाख हेक्टेयर क्षेत्रफल पर कृषि कार्य होता है।


● प्रदेश में 75,090 किलोमीटर लम्बी नहर प्रणालियों, 34,316 राजकीय नलकूपों, 29 पम्प नहरों, 252 लघु डाल नहरों एवं 69 जलाशयों से लगभग 99 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में सिचाई सुविधा उपलब्ध करायी जा रही है।


● हमारी सरकार के पिछले कार्यकाल में 20 परियोजनायें पूर्ण की गयी। इन परियोजनाओं के पूर्ण होने से 21.42 लाख हेक्टेयर सिंचन क्षमता सृजित हुई जिससे 44 लाख 72 हजार कृषक लाभान्वित हो रहे हैं।


● मध्यगंगा (द्वितीय चरण) परियोजना, कचनौदा बांध के अवशेष कार्यों की परियोजना, शहजाद बांध स्प्रिंकलर परियोजना, लखेरी बांध परियोजना आदि परियोजनाओं के पूर्ण होने से 1.62 लाख हेक्टेयर अतिरिक्त सिंचन क्षमता सृजित होगी, जिससे प्रदेश में 4.26 लाख कृषक लाभान्वित होंगे। 


● विगत पांच वर्षों में लगभग 7426 किलोमीटर लम्बाई की नहर पटरियों को गढ्ढा मुक्त / नवीनीकरण किया गया।


● राजकीय नलकूपों एवं लघु डाल नहरों से सम्बन्धित 08 परियोजनाओं को पूर्ण करते हुये लगभग 1,17,435 हेक्टेयर की सिंचन क्षमता की पुनर्स्थापना कर लगभग 83,055 कृषक परिवारों को लाभान्वित किया गया। 


● प्रदेश के विभिन्न 62 जनपदों में 2100 नवीन राजकीय नलकूपों का निर्माण परियोजना (नाबार्ड पोषित) आगामी 02 वर्षों में परियोजना के समस्त कार्यों को पूर्ण करते हुये 1.05 हेक्टेयर सिंचन क्षमता के सृजन का लक्ष्य है जिससे लगभग 01 लाख 03 हजार कृषक परिवार लाभान्वित होंगे।


● प्रदेश के विभिन्न 30 जनपदों के डार्क जोन में स्थित 569 असफल राजकीय नलकूपों का पुनःनिर्माण परियोजना आगामी 02 वर्षों में परियोजना के समस्त कार्यों को पूर्ण करते हुये 56. 90 हजार हेक्टेयर सिंचन क्षमता की पुनर्स्थापना का लक्ष्य है जिससे लगभग 39,800 कृषक परिवार लाभान्वित होंगे ।


●वित्तीय वर्ष 2023- 2024 में बाढ़ नियंत्रण एवं जल निकास हेतु रू० 2,803 करोड़ की बजट व्यवस्था प्रस्तावित है। मुख्य सिंचाई परियोजना के लिए 5332 करोड़ 50 लाख रूपये, मध्यम सिंचाई परियोजना के लिए 2220 करोड़ 20 लाख रूपये तथा लघु सिंचाई परियोजनाओं के लिए 3400 करोड़ रूपये की बजट व्यवस्था प्रस्तावित है।


● नहरों एवं सरकारी नलकूपों से किसानों को मुख्य पानी की सुविधा हेतु 900 करोड़ रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित है।


● नवीन राजकीय नलकूपों के निर्माण की परियोजना (नाबार्ड पोषित) हेतु 502 करोड़ रूपये एवं 569 असफल राजकीय नलकूपों के पुर्ननिर्माण के लिए 100 करोड़ रूपये की व्यवस्था प्रास्तावित है।


● एलटीआईएफ योजनान्तर्गत वित्तीय वर्ष 2023-24 में मध्य गंगा परियोजना के लिए 375 करोड़ रूपये, सरयू नहर परियोजना के लिए 192 करोड़ रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित है।


● जल निकास (नाबार्ड पोषित) की परियोजनाओं हेतु वित्तीय वर्ष

2023- 2024 में 330 करोड़ रुपये की व्यवस्था प्रस्तावित है।


● नदी में सुधार एवं कटाव निरोधक परियोजनाओं के लिए 1619 करोड़ रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित है।



● वर्ष 2022-2023 में जल जीवन मिशन के अन्तर्गत राज्य सरकार द्वारा 19,500 करोड़ रूपये का बजट प्राविधान किया गया। 


● वर्ष 2023 -2024 में जल जीवन मिशन के अन्तर्गत 25,350 करोड़ रूपये की बजट व्यवस्था प्रस्तावित है। वर्ष 2023-2024 तक इन योजनाओं के अन्तर्गत प्रदेश के समस्त 2.26 करोड़ घरों में क्रियाशील गृह नल संयोजन प्रदान कर शुद्ध एवं सत्त पेयजल उपलब्ध कराने का लक्ष्य रखा गया है।


● राज्य ग्रामीण पेयजल कार्यक्रम के अन्तर्गत 188 योजनाओं. जिनकी लागत 455.15 करोड़ रुपये है, को पूर्ण किये जाने का लक्ष्य निर्धारित है।


● हमारी सरकार के कार्यकाल में नागरिक उड्डयन के क्षेत्र में अभूतपूर्व कार्य हुआ है। वर्तमान में प्रदेश में 09 एयरपोर्ट क्रियाशील हैं तथा 80 गन्तव्य स्थानों के लिए एयर सर्विस उपलब्ध है।


● प्रदेश में 03 अन्तर्राष्ट्रीय एयरपोर्ट क्रियाशील हैं। जेवर तथा अयोध्या में अन्तर्राष्ट्रीय एयरपोर्ट निर्माणाधीन हैं। शीघ्र ही प्रदेश में 05 अन्तर्राष्ट्रीय एयरपोर्ट क्रियाशील हो जायेंगे।


● जेवर एयरपोर्ट में रनवेज की संख्या 02 से बढ़ाकर 05 किये जाने का निर्णय राज्य सरकार द्वारा लिया गया है। हमारी सरकार के अब तक के कार्यकाल में 04 एयरपोर्ट्स के निर्माण का कार्य पूर्ण किया जा चुका है तथा 06 एयरपोर्ट्स (अलीगढ़, आजमगढ़, मुरादाबाद, श्रावरती, चित्रकूट तथा सोनभद्र) का निर्माण कार्य लगभग पूर्ण हो रहा है। 


● आगे आने वाले वर्षों में प्रदेश में 05 अन्तर्राष्ट्रीय तथा 16 घरेलू एयरपोर्ट, इस प्रकार कुल 21 एयरपोर्ट क्रियाशील हो जायेंगे।


● हमारा यह मानना है कि प्रदेश की जनता को हवाई यात्रा सुलभ हो। प्रदेश में जिस प्रकार हवाई यात्रा की सुविधा का विस्तार हो रहा है, वह कदाचित इन पंक्तियों में सांकेतिक रूप में व्यक्त किया जा सकता है।


हमारे पंखों पे कौन विराम लगा सकता है।

जब हमें नियति से उड़ने का वरदान मिला।।



वित्तमंत्री सुरेश खन्ना ने पढ़ी शायरी


योगी जी का बजट बना है जनता की खुशहाली को

यह बजट रंगीन करेगा आने वाली होली को