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74वे गणतंत्र दिवस की पूरे जनपद में धूम :जिलाधिकारी ने लोगों को दिलाई संविधान के प्रति श्रद्धा एवं निष्ठा की शपथ :समाजवादी पंथनिरपेक्ष को शपथ से किया गया गायब


 










मधुसूदन सिंह 

बलिया।। 26 जनवरी के 74वें गणतंत्र दिवस के अवसर पर जिलाधिकारी सौम्या अग्रवाल ने अपने कैम्प कार्यालय  और जिलाधिकारी कार्यालय में झंडारोहण किया। साथ ही उपस्थित लोगों को अपने राष्ट्रध्वज और राष्ट्र के प्रति सच्ची श्रद्धा रखने की प्रतिज्ञा भी दिलाई।

 इसके उपरांत जिलाधिकारी ने जिलाधिकारी कार्यालय में स्थित सुभाष चंद्र बोस की प्रतिमा का माल्यार्पण किया, तदुपरांत कलेक्ट्रेट सभागार में उन्होंने कलेक्ट्रेट के कर्मचारियों के साथ बैठक की।जिला अधिकारी ने इस अवसर पर स्वतंत्रता सेनानी रामविचार पांडे और दिवंगत स्वतंत्रता सेनानी नारायण जी की पत्नी ज्योतिया देवी को  माला पहनाकर और शाल भेंट कर सम्मानित किया।




जिलाधिकारी ने इस अवसर पर कहा कि बीते वर्षों में हम लोगों ने बहुत कुछ देखा है। देश ने कोरोना जैसी महामारी से निपटने हुए अपने को विकास के पथ पर आगे बढ़ाया है। वर्तमान समय में भारत जी-20 का अध्यक्ष होने का गौरव प्राप्त कर चुका है। हम सभी जनपद वासियों को चाहिए कि हम सब भी राष्ट्र के निर्माण मैं अपना भरपूर सहयोग दें। उन्होंने कहा कि जनपद का विकास केवल प्रशासन के द्वारा ही नहीं अपितु जनता के सहयोग से हो पाएगा। हम सभी को मिलकर इसके लिए आज के दिन संकल्प लेना चाहिए कि हम हर कार्य अपने जनपद के विकास के लिए करेंगे। जिलाधिकारी ने कहा कि जल्द ही पूर्वांचल एक्सप्रेसवे से बलिया को जोड़ दिया जाएगा। जिससे आमजन लोगों को और भी सुविधाएं मिलेंगी साथ ही रोजगार के नए अवसर खुलेंगे।



इस अवसर पर कलेक्ट्रेट के भूतपूर्व कर्मचारी पतिराम  ने राष्ट्र भक्ति से संबंधित गीत प्रस्तुत किया।बैठक में इतिहास लेखक शिवकुमार कौशिकेय  ने 26 जनवरी के महत्व पर अपनी बात रखी।








शपथ से समाजवादी पंथनिरपेक्ष शब्द हुआ गायब

जनपद भर में चाहे स्वतंत्रता दिवस हो या गणतंत्र दिवस हो, जिलाधिकारी कार्यालय से इन महत्वपूर्ण दिवस पर झंडारोहण से लेकर पूरे दिन भर के होने वाले कार्यक्रमों को आयोजित करने के लिये निर्धारित समय और दिशानिर्देश जारी किया जाता है। इसके साथ ही सभी सरकारी कार्यालयों, विद्यालयों व अन्य संस्थानों पर झंडारोहण के बाद भारतीय संविधान के प्रति अपनी श्रद्धा व विश्वास को दर्शाने के लिये शपथ पत्र भी जिलाधिकारी कार्यालय से ही हर जगह पम्पलेट्स के माध्यम से भेजा जाता है। जिलाधिकारी कार्यालय से भेजे गये शपथ पत्र के एक एक शब्द को चाहे जिलाधिकारी हो या अन्य अधिकारी हूंबहू पढ़ कर अपने अपने मातहतो को शपथ दिलाते है।

 भारतीय संविधान के प्रस्तावना को ही सभी लोग शपथ लेते है। हमारे संविधान के प्रस्तावना में लिखा है कि ----

हम भारत के लोग, भारत को एक '[संपूर्ण प्रभुत्व-संपन्न समाजवादी पंथनिरपेक्ष लोकतंत्रात्मक गणराज्य] बनाने के लिए, तथा उसके समस्त नागरिकों को :

सामाजिक, आर्थिक और राजनैतिक न्याय, विचार अभिव्यक्ति, विश्वास, धर्म और उपासना की स्वतंत्रता,

प्रतिष्ठा और अवसर की समता प्राप्त कराने के लिए.तथा उन सब में व्यक्ति की गरिमा और 2[ राष्ट्र की एकताऔर अखंडता ] सुनिश्चित करने वाली बंधुता बढ़ाने के लिए दृढ़संकल्प होकर अपनी इस संविधान सभा में आज तारीख 26 नवम्बर, 1949 ई0 (मिति मार्गशीर्ष शुक्ला सप्तमी, संवत् दो हज़ार छह विक्रमी) को एतद्द्वारा इस संविधान को अंगीकृत, अधिनियमित और आत्मार्पित करते हैं ।



लेकिन इस बार बलिया में जो शपथ दिलायी गयी है उसमे से समाजवादी पंथनिरपेक्ष शब्द को ही गायब कर दिया गया। बलिया में जो शपथ दिलायी गयी उसमे कहा गया कि हम भारत के लोग, भारत को एक '[संपूर्ण प्रभुत्व-संपन्न लोकतंत्रात्मक गणराज्य] बनाने के लिए,

यानी समजवादी पंथनिरपेक्ष को शपथ से निकाल दिया गया है और यही नहीं जिलाधिकारी ने स्वयं अपने मातहतों को दिलायी भी। नीचे के वीडियो में खुद देखे और सुने ----










अब देखना है कि इतनी बड़ी चूक पर शासन प्रशासन क्या कार्यवाही करता है क्योंकि संविधान में वर्णित शब्दों में छेड़छाड़ करने का किसी को भी अधिकार नहीं है। क्या बलिया प्रशासन की नजर में समाजवादी पंथनिरपेक्ष शायद किसी राजनैतिक पार्टी को दर्शाता है।