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बादशाहत का खात्मा की खूबसूरत मर्मस्पर्शी प्रस्तुति से दी गयी भिखारी ठाकुर को जयंती पर श्रद्धांजली



बलिया।।"औरत का औरत होना ही कुदरत की इतनी खूबसूरत घटना है कि उसमें और क्या खूबसूरती तलाशना ।"

"औरत पे  खूबसूरती ना देखो औरत में खूबसूरती देखो "।

औरत की महत्ता को दर्शाते ये संवाद  बादशाहत का खात्मा नाटक के हैं। नाटक में यह भी दर्शाया गया कि भावनाओं पर बुद्धि का नियंत्रण होना चाहिए नहीं तो पल भर में सबकुछ खत्म हो जाता है ।  नाटक का एक संवाद कि "मत कहो बंटवारे में एक लाख हिन्दू और एक लाख मुसलमान मारे गए ये कहो कि दो लाख इंसान मारे गए ।" के माध्यम से इंसानियत का  भी संदेश दिया।  रविवार को देर शाम श्री मुरली मनोहर टाउन इंटर कॉलेज के सभागार  बादशाहत का खात्मा नाटक का  मंचन किया गया। संकल्प साहित्यिक,  सामाजिक एवं सांस्कृतिक संस्था बलिया द्वारा महान लोक कलाकार भिखारी ठाकुर की जयंती पर आयोजित  कार्यक्रम में भिखारी ठाकुर संगीत, काव्यांजलि और नाटक की प्रस्तुति की गई। 

कार्यक्रम की शुरुआत में संकल्प के रंगकर्मी आनन्द कुमार चौहान , ट्विंकल गुप्ता , मुस्कान , सोनू साहनी , सुनील , अखिलेश मौर्य , राहुल चौरसिया , प्रेम कुमार प्रेम  ने बिदेसिया नाटक से "पियवा गइलन कलकतवा"  और "करि के गवनवा भवनवा में छोड़ि कर , अपने परइल पुरूबवा बलमुआ"  भिखारी ठाकुर संगीत की प्रस्तुति की । उसके बाद लोकगीत गायक शैलेंद्र मिश्र ने "छूरा छूटल नाच के जरि से " सुनाकर भिखारी ठाकुर के जीवन को जीवंत कर दिया।








    कार्यक्रम के दूसरे सत्र में जनपद के कवियों ने काव्यांजलि के माध्यम से भिखारी ठाकुर को श्रद्धांजलि अर्पित किया । वरिष्ठ कवि शशि प्रेमदेव , डा राजेन्द्र भारती , शिव जी पांडेय रसराज , भोला प्रसाद आग्नेय ,   पवन तिवारी के साथ युवा कवि श्वेतांक सिंह , धनंजय शर्मा , मोहन जी सत्यांश , ने काव्य पाठ किया। 

तीसरे सत्र में नाटक बादशाहत का खात्मा का मंचन किया गया। अख्तर अली द्वारा लिखित व आशीष त्रिवेदी द्वारा निर्देशित मंटो की कहानी पर आधारित नाटक बादशाहत का खात्मा को अपने शानदार अभिनय से ट्विंकल गुप्ता और  अखिलेश कुमार मौर्य ने जीवंत किया। नाटक में मनमोहन नाम के आदमी के पास एक लड़की का फोन‌ आता है जो रांग नम्बर होता है । इस रांग नम्बर पर बातें शुरू हो जाती है । बातों बातों में लड़के को लड़की से प्रेम हो जाता है । लड़का लड़की का नाम पता और फोन नम्बर पूछता है तो लड़की सुबह बताने को कहकर फोन रख देती है । लड़का फोन का इंतजार करता है लेकिन लड़की का फोन नहीं आता । लड़का इस गम में बीमार हो जाता है और अंत में मर जाता है । मरने के बाद लड़की का  फोन आता है,घंटी बजती है लेकिन  अब कोई फोन उठाने वाला नहीं। 

    इस अवसर पर संकल्प द्वारा सभी कवियों और कलाकारों को अंगवस्त्रम और प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया गया।  कार्यक्रम की अध्यक्षता वरिष्ठ पत्रकार अशोक जी ,  संचालन डा. राजेन्द्र भारती और  श्री मुरली मनोहर टाउन इंटर कॉलेज के प्रधानाचार्य डा. अखिलेश सिन्हा ने आभार व्यक्त किया।