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किसान दिवस मनाने भर से नहीं, किसानों की मांगो को पूरा करने से होगा, किसानों का भला



बलिया।।आज राष्ट्रीय कृषि दिवस है, हमारा देश एक कृषि प्रधान देश है, यहां पर हर साल 23 दिसंबर को राष्ट्रीय किसान दिवस मनाया जाता है. यह दिन किसान नेता वह देश के पांचवें प्रधानमंत्री रहे चौधरी चरण सिंह की जयंती के मौके पर मनाया जाता है. भारत में 70% ग्रामीण परिवार अपनी आजीविका के लिए मुख्य रूप से कृषि पर ही निर्भर है, जिसमें से 82% छोटे और सीमांत किसान शामिल है। वर्ष 2011 में हुई जनगणना के अनुसार भारत की कुल आबादी की 68.84 प्रतिशत आबादी ग्रामीण क्षेत्रों में निवास करती है और कुल 121 करोड़ लोगो में से 56.6% आबादी सीधे कृषि कार्य में लगी हुई है, ऐसे में हमारे देश के सभी किसान भाइयों को सरकार इनकी सभी मांगे पूरी करें, क्योंकि आज उन्हीं की देन से हमें भोजन नसीब होता है।







दरअसल किसानों की मांग  MSP और किसान सम्मान निधि बढ़ाने समेत ये है किसानों की मांग ---


सभी कृषि उपज के बदले उपयुक्त मूल्य का भुगतान

कृषि उपज पर वस्तु एवं सेवा कर (GST) नहीं लगाए जानें की मांग

उपज के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) की मांग

किसान सम्मान निधि के तहत दी जाने वाली वित्तीय सहायता बढ़ाई जाए

अनुवांशिक रूप से संवर्द्धित (जीएम) सरसों के बीज को मंजूरी नहीं दी जाए

देश की आयात और निर्यात नीति लोगों के हित में होनी चाहिए

किसान के ट्रैक्टर को 15 साल वाली नीति से बाहर रखने की मांग।  ऐसे में केंद्र सरकार को चाहिए कि इनकी बातों को सुना जाए और इनका समाधान भी किया जाए। वहीं सरकार को चाहिए कि किसानों के प्रति लोकलुभावन वादे छोड़कर सही दिशा में कार्य करें। गौरतलब है कि हमारे देश में किसानों की ही देन है कि आज देश और राज्य को कृषि कर्मण अवार्ड मिलते हैं।


राहुल उपाध्याय स्वतंत्र टिप्पणीकार, पत्रकार व लेखक