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हेडमास्टर का बच्चों से सफाई मे सहयोग लेना क्या बन सकता है निलंबन का है आधार, सहयोग न करने वाले शिक्षकों पर भी क्या होगी कार्यवाही



मधुसूदन सिंह

बलिया।। देश के प्रधानमंत्री जब सफाई कर सकते है, मुख्यमंत्री कर सकते है, मंत्री गण, आईपीएस, आईएएस अधिकारी करते है तो खबरों की सुर्खियां बनती है। लेकिन जब सरकार के द्वारा सामुदायिक जन सहयोग से साफ सफाई पखवाड़ा मनाने का आदेश दिया जाता है और एक हेडमास्टर खुद सार्वजनिक शौचालय को साफ करता है और तीन बच्चों से पानी डलवाने का काम करता है तो वह निलंबित हो जाता है। जब आदेश ही सामूहिक रूप से मिलकर साफ सफाई करने का था और हेडमास्टर ने खुद गंदे शौचालय के पाट्स को साफ किया और सिर्फ बच्चों से उसके बाद पानी डलवाया तो वह दोषी हो गया, अगर यह कार्य गलत है तो सामूहिक रूप से साफ सफाई करने का आदेश भी गलत है। क्या विद्यालय को साफ सुथरा रखने की जिम्मेदारी सिर्फ हेडमास्टर की ही है, अन्य अध्यापकों की नही है? अगर सहायक अध्यापकों की यह जिम्मेदारी नही है तो हेडमास्टर की भी जिम्मेदारी शौचालय साफ करने की तो नही ही है।



बता दे कि सोहाँव ब्लॉक के अंतर्गत प्राथमिक विद्यालय पिपराकला नंबर 1 की एक वीडियो बुधवार को सोशल मीडिया पर वायरल हुई जिसमे तीन बच्चे शौचालय के पॉट्स मे पानी डाल रहे है और उनके साथ हेडमास्टर मृत्युंजय सिंह भी है। यही वीडियो बलिया मे ऐसा हंगामा किया कि गुरुवार को देर शाम बेसिक शिक्षा अधिकारी ने हेडमास्टर को निलंबित कर ब्लॉक संसाधन केंद्र से सम्बद्ध करने का आदेश जारी कर दिया। जबकि इस घटना के बाद गुरुवार को कुछ अध्यापक /अध्यापिकाओ द्वारा मीडिया को खुलकर बयान दिया गया। लेकिन बयान देने वाले ने यह नही बताया कि उसने क्या सफाई की। हेडमास्टर के खिलाफ जिस तरह से कुछ लोगों ने बयान दिया है कि यहां कुछ तो गड़बड़ है। या तो कुछ ऐसे अध्यापक है जो बिना पढ़ाये ही हाजिरी लगाना चाहते है या कुछ ऐसे है जो हेडमास्टर की सख़्ती से परेशान है।







अभी हाल ही मे स्वयं के साथ बच्चों से स्कूल को साफ सुथरा करने के लिए यही हेडमास्टर साहब सहयोग लिये थे तो उसको भी किसी शिक्षक ने ही वायरल करके निलंबित कराया था। इस बार भी वही कहानी दोहरायी गयी है। दोनों बार हेडमास्टर खुद सफाई करते हुए देखे गये है। इस बार मीडिया के साथियों ने जब बच्चों से पूंछा कि आपको शौचालय साफ करने के लिए किसने कहा था तो बच्चें ने जबाब दिया हेडमास्टर साहब साफ किये, हम तो पानी डाल रहे है। जब फिर पूंछा गया कि सफाई करते हुए तुम को कैसा लगा, तुम तो पढ़ने आये हो, तो मासूम ने सौ टके का जबाब दिया अपना क्लास साफ रखने के लिये।


अब इन सहायक अध्यापिका महोदया का बयान भी सुन लीजिए, ये समाज मे कैसे अपने बयान से विष घोल रही है -----



अब सवाल यह उठता है कि खंड शिक्षा अधिकारी सोहाँव सामुदायिक सहभागिता से विद्यालय की साफ सफाई का शासन से आये निर्देश के क्रम मे अपने क्षेत्र के सभी हेडमास्टरों को ग्रुप के माध्यम से आदेश देते है और मीडिया जब सवाल करती है कि क्या इसमें बच्चें भी शामिल होंगे तो कहते सामूहिक का मतलब सभी। बाद मे यही खंड शिक्षा अधिकारी हेडमास्टर पर कई आरोप लगाते हुए निलंबित करने की संस्तुति भी करते है। खंड शिक्षा अधिकारी का बयान सुनिए ---






निलंबित प्रधानाचार्य का बयान भी सुनिए ---




इस विद्यालय के शिक्षक एक दूसरे के दुश्मन, यहां से हो सामूहिक तबादला

इस विद्यालय पर दो बार हुए घटनाक्रम से यह साफ हो गया है कि इस विद्यालय के शिक्षकों मे एक दूसरे को बदनाम करने की गन्दी राजनीति चल रही है। ये लोग एक साथ एक विद्यालय पर कार्य करने के लिए सही नही है। बेसिक शिक्षा अधिकारी अगर यहां पढ़ाई का माहौल चाहते है तो इनको यहां के सभी अध्यापकों का सामूहिक तबादला और सभी को अलग अलग विद्यालयों मे भेजनें का कठोर कदम उठाना पड़ेगा।