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अब शिक्षक नही एमबीए डिग्रीधारी बनेंगे जिला समन्वयक, बेसिक शिक्षा मे परिवर्तन का शासनादेश जारी

 


मधुसूदन सिंह

बलिया।। माध्यमिक व बेसिक शिक्षकों मे से जिला समन्वयक बालिका शिक्षा /सामुदायिक शिक्षा /सामुदायिक सहभागिता बनने की रह को बेसिक शिक्षा विभाग ने अब बंद कर दिया है और अब इसके लिए जेम पोर्टल के माध्यम से चयनित सेवा प्रदाता के माध्यम से हायर करने का निर्णय किया है। इससे संबंधित शासनादेश 29 अगस्त को जारी कर दिया गया है। इस आदेश मे कहा गया है कि जिला समन्वयक के जो भी पद खाली हो उसके जेम पोर्टल के माध्यम से चयनित सेवा प्रदाता से हायर करके भरा जाय। शासनादेश मे जिला समन्वयक के विभिन्न पदों के लिए शैक्षणिक योग्यता को एमबीए (60% से अधिक ) निर्धारित करते हुए मानदेय रुपये 40 हजार नियत किया गया है। इस आदेश के बाद ऊपरी जुगाड़ से जिला समन्वयक बनने वाले शिक्षकों की आशाओं पर पानी फिर गया है ।

सरकार को होगा इससे आर्थिक लाभ

शिक्षकों को जिला समन्वयक के पद  पर प्रतिनियुक्ति पर रखने पर उस शिक्षक के वेतन मान के अनुसार प्रतिमाह वेतन देना पड़ता है जो 70 हजार रूपये से कम नही होता है। जबकि नयी व्यवस्था से एक शिक्षक के स्थान पर दो जिला समन्वयक की सेवा ले ली जायेगी। इससे सरकार को प्रतिवर्ष करोड़ों रूपये के राजस्व की बचत करने का अवसर मिलेगा।




सेवा प्रदाताओं पर भी लगा है अंकुश

सेवा प्रदाताओं द्वारा ऐसे पदों पर नियुक्ति के समय अभ्यर्थियों से बड़ा चढ़ावा लेने की शिकायतों को भी सरकार ने संज्ञान लिया है। पहले सेवा प्रदाता मन चाहा चढ़ावा न मिलने पर अपने द्वारा चयनित अभ्यर्थी की जगह दूसरे की नियुक्ति कर देते थे या सेवा प्रदाता की जगह दूसरे सेवा प्रदाता के आ जाने पर नियुक्ति पाये व्यक्ति को पद से हटना पड़ता था। लेकिन अब ऐसी व्यवस्था को सरकार ने खत्म कर दिया है। अब सेवा प्रदाता के बदलने पर भी कार्यरत डीसी को तबतक नही हटाया जा सकता है जबतक बेसिक शिक्षा अधिकारी हटाने की संस्तुति न करें।

भ्रष्टाचार पर लगेगा अंकुश

जिला समन्वयक के पद पर प्रति नियुक्ति पर आये हुए शिक्षकों द्वारा समय समय पर भ्रष्टाचार करने की खबरें सुर्खियों मे आती रहती है। सरकार के स्थायी कर्मी होने के कारण इनके अंदर नौकरी जाने का भय कम होता है। इनको पता है कि अगर भ्रष्टाचार करने मे भी पकड़ा गया तो निलंबित हूंगा और जांच बैठायी जायेगी, जिसको बाद मे मैनेज करके वापस कार्य पर आया जा सकता है। लेकिन सेवा प्रदाता के माध्यम से नियुक्त जिला समन्वयक ऐसा नही कर पाएंगे और अगर किये तो बर्खास्त हो जायेंगे।