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21 अगस्त 1942 : नरही मे तहसीलदार की गाड़ी को फूंका, गड़वार थाने पर किया कब्जा, चिलकहर स्टेशन को फूंका


 


मधुसूदन सिंह

बलिया।। जनपद मुख्यालय पर कांग्रेस का कब्जा हो जाने से जनता मे उत्साह भर गया था।

जिले पर कब्जा हो जाने के बाद भी लोगों को ये आशंका बनी रहती थी कि बिहार से फोर्स न या जाय । इसके लिए स्वयं सेवक गाँव के लोगों को तैया थे। बलिया के तहसीलदार ठाकुर रामलगन सिंह बनारस कमिश्नरी में फोर्स लाने के लिए 18 अगस्त को कार से बनारस गए थे। लोग पहले ही से सतर्क हो गये। रास्ते में लोगों ने पेड़ काट कर गिरा दिया था ताकि फोर्स बलिया न पहुँच सके। 21 अगस्त को 9 बजे सुबह तहसीलदार की कार लक्षमनपुर के पास दिखाई दी। कुछ लोगों ने उसी समय साइकिल से पीछा किया और लोगों से कहते गये कि तसीलदार कार से वापस जा रहा है।

हजारों की संख्या में लोगों ने तहसीलदार का पीछा किया। नरही पुल पर पहले से ही गढा खोद दिया गया था। कार उसी में जाकर गिर गई। कार से निकल कर तहसीलदार गाँव की ओर भागना चा या किन्तु लोगों ने पकड़ लिया। ड्राइवर और चपरासी को भी काबू में कर लिया। तहवीलदार साहब रो-रोकर माफी मांग रहे थे, लोगों के पैरों पर गिर रहे थे लेकिन किसी ने सुना नहीं। उनकी रिवाल्वर, राइफल और कारतूस नेताओं ने ले लिया और कार को पेट्रोल छिड़क कर वहीं जला दी। तहसीलदार को लोगों ने छोड़ दिया। वे धर्मदेव राय की मकान में तीन दिनों तक शरण लिए रहे ।




गड़वार थाने पर आक्रमण

लोगों ने गड़वार थाने पर 21 तारीख को अपने पूर्व घोषणा के अनुसार 8 बजे सुबह ही हजारों की संख्या में एकत्रित होकर थाने पर कब्जा कर लिया । थानेदार,थाने पर आक्रमण की सूचना पाकर हथियारों और कागजातों को लेकर बुढ़ऊ गांव पहले ही भाग गया था।

थाने में लोगों ने आग लगा दी। थाना जलने लगा। एक दल थाना फूंक आने के बाद थानेदार की खोज और हथियार लेने के लिए 11 बजे तक बुढऊँ गाँव में पहुँच गया ।

बुढऊँ गाँव में थानेदार छुपा 

थानेदार ने हथियार को  घर की खपरैल में छिपा दिया था और श्री राजदेव सिंह से कहा कि बागी अगर मुझे मार डालें तो यह हथियार और कागजात सरकार के सामने पेश कर देना, इस बिना पर मेरे बच्चों को पेंशन तो मिल जायेगी। श्री विश्वनाथ चौबे, श्री महानन्द मिश्र, श्री राम नाथ सैकड़ों आदमी के साथ वहाँ पहुँच कर सभी हथियारों को ले लिए। थानेदार को वहीं छोड़ दिया।

( बाद मे इस सम्बन्ध में सर्व श्री महानन्द मिश्र, विश्वनाथ चौबे, शिव पूजन सिंह, श्री राम चन्द्र अहीर, रामनाथ, जमुना सिंह, जगदीश सिंह और मान्धाता सिंह पर मुकदमा चला।)


चिलकहर स्टेशन फूँका गया 


फेफना-मऊ लाइन पर चिलकहर स्टेशन पर सैकड़ों आदमी पहुँच गये और स्टेशन में आग लगा दिये। जिससे स्टेशन के सारे कागजात जल गये और स्टेशन का कुछ भाग भी जल गया। इस सम्बन्ध में सर्व श्री मान्धाता सिंह, जगदीश सिंह, ब्रह्मा सिंह और चन्द्रमा सिंह पर मुकदमा चला ।