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रामनाथ सुमन प्रियदर्शी विशेषांक का हुआ लोकार्पण,साहित्यांजलि प्रभा ने शुरू की है साहित्यकार विशेषांक श्रृंखला



प्रयागराज ।। मौलिक विचार एवं साहित्यिक सर्जना की प्रतिनिधि हिंदी मासिक पत्रिका  साहित्यांजलि प्रभा  यमुनापार से विगत चार दशक से निरंतर प्रकाशित हो रही है और पिछले एक दशक से इस पत्रिका को भारतीय राष्ट्रीय पत्रकार महासंघ का मासिक मुखपत्र बना दिया गया है । इस पत्रिका की गुणवत्ता में दिनों दिन निखार आ रहा है और पत्रिका ने एक नई श्रृंखला शुरू की साहित्यकार विशेषांक प्रकाशन की जिसके तहत अब तक तीन विशेषांक प्रकाशित हो चुके हैं । श्री रामनाथ सुमन प्रियदर्शी विशेषांक डॉ राम लखन चौरसिया वागीश  विशेषांक और श्रीमती तुलसी देवी तिवारी विशेषांक का प्रकाशन हो चुका है जो क्रमशः अप्रैल मई-जून में आया ।





 जुलाई अंक वृंदावन त्रिपाठी रत्नेश के व्यक्तित्व कृतित्व पर आधारित विशेषांक के रूप में 15 जुलाई को आ रहा है । इसके पश्चात प्रयाग की कवयित्रियों  पर विशेषांक निकालने की योजना है । संपादक  डा० भगवान प्रसाद उपाध्याय ने बताया कि विशेषांक प्रकाशन में साहित्यकार का सहयोग अपेक्षित रहता है और उनकी रचनाओं एवं उनके व्यक्तित्व कृतित्व का सचित्र निरूपण पत्रिका में किया जाता है । प्रयागराज की कई महिला साहित्यकारों ने विशेषांक प्रकाशन योजना में शामिल होने की इच्छा जताई है जिन का सम्मान किया जाएगा ।

 इन दिनों साहित्य जगत में पत्रिका अपना विशेष स्थान बनाती जा रही है और अब कई प्रदेशों में इसका विस्तार किया जा रहा है । भारतीय राष्ट्रीय पत्रकार महासंघ के साहित्य प्रकोष्ठ के राष्ट्रीय प्रभारी श्याम नारायण श्रीवास्तव एवं प्रयागराज मंडल के  साहित्य प्रकोष्ठ प्रभारी डॉ राम लखन चौरसिया बागीश  तथा महासंघ के कार्यालय प्रभारी श्याम सुंदर सिंह पटेल सहित प्रियदर्शी विशेषांक के लोकार्पण के  अवसर पर रामनाथ सुमन प्रियदर्शी एवं पत्रिका के संपादक डॉक्टर भगवान  प्रसाद  उपाध्याय उपस्थित रहे ।

लोकार्पण के पश्चात साहित्य पर एक चिंतन गोष्ठी भी आयोजित की गई । जिसमें उपरोक्त साहित्यकारों ने साहित्य को अधिकाधिक समाजोपयोगी बनाने पर बल दिया । विभिन्न विधाओं में नवोदित लेखकों को प्रोत्साहन देने के लिए भी योजना बनाई गई । इसी के साथ साथ पत्रिका के आगामी   विशेषांक  पर भी विस्तृत रूपरेखा तय की गई । विभिन्न जिलों से आने वाले प्रस्ताव पर गंभीरता से विचार विमर्श किया गया । शीघ्र ही पत्रिका द्वारा विभिन्न जनपदों में साहित्यिक गोष्ठियों का आयोजन किया जाएगा जिसमें भारतीय राष्ट्रीय पत्रकार महासंघ की ओर से उपस्थित साहित्यकारों को सम्मानित भी किया जाएगा ।