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यूपी का अगला डीजीपी कौन ? इन 4 मे से किसी के सर सजेगा डीजीपी का ताज



मधुसूदन सिंह

बलिया ।। सीएम योगी के पहले कार्यकाल में जहां डीजीपी जावीद अहमद को अखिलेश यादव सरकार के कार्यकाल में डीजीपी बनने की कीमत चुकानी पड़ी थी और 3 महीने में ही पद से हटा दिये गये थे । तो इस बार मुकुल गोयल को मात्र 11 माह में ही डीजीपी से हटा दिया गया है । इनके ऊपर भी सपा के साथ नजदीकियों की खबरें चर्चा में रही थी और अखिलेश यादव ने इनके डीजीपी बनने पर ट्यूट भी किया था । अब एक बार फिर से नये डीजीपी की नियुक्ति की कबायत शुरू हो गयी है ।

डीजीपी मुकुल गोयल  को हटाए जाने के बाद अब उत्तर प्रदेश का अगला पुलिस महानिदेशक  कौन होगा, इस पर चर्चाएं तेज हो गई हैं। योगी आदित्यनाथ  सरकार ने शासकीय और विभागीय कार्यों की अवहेलना और पुलिसिंग में ध्यान नहीं देने की वजह से मुकुल गोयल को नियुक्ति के 11 महीने के अंदर ही हटा दिया।

आरपी सिंह,जीएल मीणा के साथ डीएस चौहान आनंद कुमार भी रेस में

लोक सेवा आयोग की वरिष्ठता सूची के मुताबिक उत्तर प्रदेश पुलिस के नये मुखिया के लिए जो टॉप तीन नाम भेजे जाएंगे, उसमें सबसे पहला नाम डीजी प्रशिक्षण आरपी सिंह का है। आरपी सिंह वर्ष 1987 बैच के आईपीएस अधिकारी हैं। डीजी ईओडब्ल्यू और डीजी एसआईटी रहते उन्होंने कई प्रमुख जांचों को अंजाम तक पहुंचाया था।

दूसरे नंबर पर डीजी सीबीसीआईडी जीएल मीणा का नाम है। ये भी वर्ष 1987 बैच के आईपीएस अफसर हैं। कई प्रमुख जिलों में कप्तान, डीआईजी और आईजी के पद पर रहे हैं। 

तीसरा नाम वर्ष 1988 बैच के आईपीएस और वर्तमान में डीजी पुलिस भर्ती एवं प्रोन्नति बोर्ड और डीजी ईओडब्ल्यू आरके विश्वकर्मा का नाम है।

सूची में चौथा और सबसे चर्चित नाम डीजी इंटेलिजेंस और डायरेक्टर विजिलेंस डॉ. डीएस चौहान का नाम है। डीएस चौहान 1988 बैच के अफसर हैं। पांचवां नाम डीजी जेल आनन्द कुमार का है। वर्ष 1988 बैच के अफसर आनन्द कुमार योगी सरकार के पहले कार्यकाल में एडीजी एलओ का पद लंबे समय तक सफलतापूर्वक संभाला।





मुकुल यूपी पुलिस के महानिदेशक के तौर पर एक साल भी कार्यकाल पूरा नहीं कर पाए। केंद्रीय प्रतिनियुक्ति से करीब 5 साल बाद यूपी लौटे मुकुल गोयल सीएम योगी आदित्यनाथ की मिशन मोड की चाल से कदमताल नहीं कर पाए। साथ ही उनके पूर्ववर्ती सपा सरकार के करीबी होने, उनकी तैनाती के बाद अखिलेश द्वारा उनके पक्ष में किए गए ट्वीट ने भी उन्हें योगी सरकार के बीच असहज कर दिया। इसके साथ ही कुछ और भी मामले रहे, जिसकी वजह से मुकुल को हटा दिया गया।