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पूरे प्रदेश में हो मान्यता प्राप्त पत्रकारों की जांच,निकलेगा बड़ा फर्जीवाड़ा,डीएवीपी की भी हो गहनता से जांच



मधुसूदन सिंह

बलिया ।। पूरे प्रदेश में पत्रकारों के बीच मै सही दूसरा फर्जी साबित करने की होड़ लगी हुई है । ऐसे में इस पेशे में सच्ची पत्रकारिता करने वालों पर भी गाहे बगाहे उंगलियां उठती रहती है । आज आवश्यकता है कि सही पत्रकारों को संरक्षण और पत्रकारिता की आड़ में गलत कृत्यों में लिप्त लोगो की पहचान की जाय ।

यूपी में अपने को बड़ा पत्रकार साबित करने के लिये एक नया ट्रेंड चला है मान्यता प्राप्त पत्रकार बनने की। मान्यता प्राप्त पत्रकार बनाने के लिये संभवत गैंग कार्यरत है जो ऐसे ऐसे लोगो को मान्यता प्राप्त बनवा दे रहे है जो वास्तव में पत्रकारिता के लिये फील्ड में दिखते ही नही है,कुछ ऐसे लोग भी है जिनका अखबार डीएवीपी है लेकिन मार्केट में दिखता ही नही फिर भी लाखों का सरकारी विज्ञापन लेने के साथ ही उसी से मान्यता भी ले लिए है ।





ऐसे लोग भी है जो अपने चैनल/अखबार के स्थायी कर्मचारी/वेतन भोगी भी नही है फिर भी मान्यता लिये हुए है ।ऐसे लोग पूरे प्रदेश मे भरे पड़े है,इनकी एकबार पूरी गहनता के साथ जांच हो गयी तो फर्जी डॉक्युमेंट के सहारे मान्यता और डीएवीपी लेने वालों की एक बहुत बड़ी संख्या सामने आ जायेगी । जो मानक पर खरे नही उतरते है उनके खिलाफ मान्यता/डीएवीपी रद्द करने के साथ आपराधिक मुकदमो के द्वारा भी दंडित होने चाहिये ।

भारतीय राष्ट्रीय पत्रकार महासंघ उत्तर प्रदेश के प्रांतीय मुख्य महासचिव मधुसूदन सिंह ने प्रदेश सरकार से सिर्फ पत्रकारिता करने वाले पत्रकारों को बिना किसी भेदभाव के संरक्षण देने और फर्जी तरीके/डॉक्युमेंट के आधार पर मान्यता लेने और डीएवीपी लेकर सरकारी राजस्व का चूना लगाने वाले तथाकथित पत्रकारों के खिलाफ सख्त कार्यवाही किये जाने की मांग की है ,ताकि पत्रकारिता को कलंकित करने वाले बाहर हो सके ।