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बोली पत्रकार अजित ओझा की माता -मुख्यमंत्री योगी मेरे बेटे जैसे,क्या मां को नही देंगे न्याय,मेरे बेटे को डीएम ने फंसाया

 


मधुसूदन सिंह

बलिया ।। जिस अजित ओझा को बलिया का जिला प्रशासन नकल माफिया बनाने के लिये अपनी पूरी ताकत झोंक दिया है,अमर उजाला ने अपना प्रतिनिधि मानने से इंकार कर दिया है,पुलिस अधीक्षक बिना नाम लिये ही कक्ष निरीक्षक की ड्यूटी करने व इनके पास से पेपर मिलने की बात बयान में कहते है । यह अलग बात है कि ड्यूटी रजिस्टर में न तो अजित ओझा का कही नाम दर्ज है और न ही उन्होंने किसी दिन कक्ष निरीक्षक की ड्यूटी ही किया है । जब ड्यूटी ही नही किया तो पेपर आउट करने का इल्जाम तब और हास्यास्पद हो जाता है जब बलिया के जिला प्रशासन द्वारा सभी बंडलों के सील दुरुस्त होने की सूचना शासन को भेजी गई हो । सूत्रों ने यह भी कहा है कि जिस पेपर को 1 बजकर 45 मिनट पर खुलना था,उसके निरस्त होने की सूचना साढ़े 11 बजे से साढ़े 12 बजे के बीच जारी कर दी गयी ,तब तक पेपर के पैकेट नही खुले थे ,यह शासन की एक चिट्ठी में साफ तौर पर लिखा है। साथ ही बलिया को छोड़कर शेष अन्य 23 जिलों से अंग्रेजी के बंडलों की जांच करके 31 मार्च तक रिपोर्ट मांगी गई थी ।




 वही अजित ओझा की गिरफ्तारी से सदमे में जी रहे परिजनों ने तो जिला प्रशासन को ही कटघरे में खड़ा करते हुए मुख्यमंत्री योगी जी से न्याय की गुहार लगायी है ।अपने बेटे के जेल जाने के बाद से बदहवाश मां का कहना है कि मुख्यमंत्री योगी भी हमारे बेटे जैसे है, क्या वो एक मां को न्याय नही देंगे ? कहा कि मेरे बेटे को फर्जी फंसाया गया है,इसकी जांच होनी चाहिये । साथ ही यह भी कहा कि बेटे के घर आने के बाद पत्रकारिता नही करने दूंगी, घर रहकर खेती करेगा लेकिन पत्रकारिता नही ? अजित की माता ने अपने बेटे को न्याय दिलाने के लिये सीएम योगी के पास जाने की भी बात कही है । बता दे कि अजित ओझा की दो नाबालिग पुत्रियां व एक नाबालिग पुत्र है । इन दोनों लोगो का बयान 30 मार्च की गिरफ्तारी के बाद का है ।




वही बंगाल पुलिस से सेवानिवृत्त अजित के पिता का कहना है कि कमियों को उजागर करना पत्रकार का काम है और कमियों की जांच करना प्रशासन का काम है । मेरे बेटे को गलत तरीके से फंसाया गया है । सुनिये अजित ओझा के  पिता ने क्या कहा है ---




वही पेपर लीक मामले में गिरफ्तार होकर जेल जाने से पहले सुनिये अजित ओझा ने क्या कहा था ---