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अनुदानित महाविद्यालय स्ववित्तपोषित शिक्षक संघ ने उच्च शिक्षा मंत्री से की यू०जी०सी० वेतनमान की मांग

 




डॉ सुनील कुमार ओझा 

लखनऊ ।। विनियमितीकरण व यू०जी०सी० वेतनमान की मांगों पर लम्बे समय से संघर्षरत अनुदानित महाविद्यालय स्ववित्तपोषित शिक्षक संघ ने उच्च शिक्षा मंत्री योगेन्द्र उपाध्याय से शिष्टाचार भेंट कर उनको स्मृति चिन्ह दिया। प्रदेश के अनुदानित महाविद्यालयों मेंसंचालित स्ववित्तपोषित पाठ्यक्रमों को सरकार द्वारा अनुदान में लेकर शिक्षकों को विनियमित करने की मॉग रखी।

 संघ के प्रदेश अध्यक्ष डा० अरूणेश अवस्थी ने बताया कि अनुदानित महाविद्यालयों में एक ही छत के नीचे दोहरी व्यवस्था विगत लगभग 20 वर्षों से संचालित की जा रही है। ये शिक्षक शिक्षण कार्य से लेकर विश्वविद्यालय की परीक्षाओं एवं मूल्याकंन समेत अन्य कार्यों को समान भाव से करते आ रहे है। इसके बावजूद इन शिक्षको को बेहद न्यून वेतन दिया जा रहा है। जिससे प्रदेश के शिक्षक बेहद मायूस हैं एवं उनकी आर्थिक एवं सामाजिक प्रतिष्ठा में भी काफी गिरावट आ रही है।




वर्ष 2006 में तत्कालीन सरकार ने कुछ महाविद्यालय के बी०एड० पाठ्यक्रम को अनुदान में लिया था। संघ के प्रदेश महामंत्री डा० ओमकार नाथ पाण्डेय ने उच्च शिक्षा मंत्री को शुल्क प्रतिपूर्ति की धनराशि को शिक्षकों के वेतन पर खर्च करने का सुझाव भी दिया। उन्होने बताया कि हम शिक्षकों को ग्रेड पे न मिलने की वजह से हमारा कैरियर ही समाप्त हो गया है।

 इस पर उच्च शिक्षा मंत्री ने संघ की मांग को गम्भीरतापूर्वक सुनकर मण्डलवार शिक्षकों की समस्या का निस्तारण करने का आश्वासन दिया। इस दौरान महामन्त्री संगठन डा० अंजना सिंह, डा० विशाल सक्सेना, डा० रवीन्द्र सिंह, डा० घनश्याम मिश्रा, डा० मनीषा सिन्हा, डा० आनन्द राय,डा० अरूण श्रीवास्तव, डा० अलका त्रिपाठी, डा० दिव्या मिश्रा, डा० सन्धया पाण्डेय, डा० शिवकुमार एवं डा० शैलेन्द्र श्रीवास्तव आदि मौजूद रहे।