फेफना में मंत्री उपेन्द्र तिवारी को मिल रही है कड़ी चुनौती,लूजर का टैग हटाने को संग्राम सिंह यादव बेचैन,मंत्री से बदला लेने की अम्बिका चौधरी के सामने बड़ी चुनौती
मधुसूदन सिंह
बलिया ।। फेफना विधानसभा का चुनाव इस बार काफी रोचक और पिछले सारे रिकॉर्ड को ध्वस्त करता दिख रहा है । एक तरफ भाजपा प्रत्याशी मंत्री उपेन्द्र तिवारी हैट्रिक लगाने की जुगत में है तो वही बहुत दिनों से जीत की आस में भटकते समाजवादी गठबंधन के प्रत्याशी संग्राम सिंह यादव अपने ऊपर से लूजर का टैग हटाने को बेताब दिख रहे है । फेफना विधानसभा में यह पहला मौका है जो चुनावी मैदान में सवर्ण प्रत्याशियों की संख्या ज्यादे है । जबकि पिछले चुनाव तक यही होता था कि पिछड़े वर्ग के प्रमुख प्रत्याशियों की संख्या अधिक होती थी, जिससे सवर्ण प्रत्याशी मंत्री उपेन्द्र तिवारी को पिछले दो चुनावों में जीत हासिल करने में कोई परेशानी नही हुई थी । लेकिन इस बार समीकरण अलग है । मंत्री जी के ही दल से टिकट न मिलने से जेडीयू के टिकट पर अवलेश सिंह ,मंत्री जी के कट्टर समर्थक जो अब कट्टर विरोधी मुन्ना बहादुर सिंह के साथ सवर्ण वोटरों में सेंधमारी करके मंत्री उपेन्द्र तिवारी को परेशान कर रहे है,तो मंत्री जी से पिछले दो सालों से विरोध का झंडा बुलंद करने वाले विवेक सिंह कौशिक वीआईपी की नाव की सवारी करके भाजपा गठबंधन से सवर्ण और निषाद मल्लाह वोटरों को अपनी तरफ करने में लगे हुए है ।
सोमवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बलिया के हैबतपुर में एक जनसभा को संबोधित करते हुए समाजवादी पार्टी को परिवारवादी,विकास की दुश्मन और गरीबो के हक को लूट कर अपनी तिजोरी भरने वाली,कह कर बड़ा हमला किया । इस सभा के बाद मंत्री उपेंड़ तिवारी को कितना लाभ होगा, यह तो आने वाले 3 मार्च के मतदान के बाद 10 मार्च को मतगणना के बाद ही पता चल पायेगा । इस चुनाव में समाजवादी पार्टी के उम्मीदवार संग्राम सिंह यादव के पैतृक गांव के बगल वाली हरिजन बस्ती में संत रैदास मंदिर को लेकर जो पिछले दिनों हरिजनों और यादव में जो संघर्ष हुआ था,इसका भी चुनाव पर असर पड़ना लाजमी दिख रहा है । वही रविवार को देर शाम मंत्री उपेन्द्र तिवारी के भाई कमलेश तिवारी व समर्थको पर वैना में सपा समर्थको द्वारा पैसा बांटने का आरोप लगाते हुए जो हमला किया गया,यह दर्शाता है कि इस चुनाव में दोनों दलों के समर्थको के बीच करो या मरो की रणनीति चल रही है ।
प्रधानमंत्री मोदी की जनसभा के बाद मंगलवार को समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव की फेफना विधानसभा की कटरिया में जनसभा है । अब देखना है कि श्री यादव की इस जनसभा के बाद संग्राम सिंह यादव कितने मजबूत होते है । इस विधानसभा में संग्राम सिंह को जिताने की मुहिम में पूर्व मंत्री और इस क्षेत्र के कद्दावर नेता अम्बिका चौधरी भी जी जान से जुड़े हुए है । श्री चौधरी अपने चिर प्रतिद्वंद्वी और लगातार दो बार हराने वाले, जमीनी मामलों में फंसा कर परेशान करने वाले मंत्री उपेन्द्र तिवारी से अपना बदला लेने के लिये कोई कोर कसर नही छोड़ रहे है । क्षेत्रीय लोगो का कहना है कि अगर अम्बिका चौधरी प्रत्याशी होते तो कोई लड़ाई नही होती और श्री चौधरी बम्पर वोट से जीत जाते । यह कमेंट दर्शाता है कि चाहे लाख जातीय समीकरण को दोनों प्रत्याशी अपने अपने पक्ष में बता रहे हो और जीत का दावा कर रहे हो,वह अभी दावा मात्र ही है । कौन किसको अगले दो दिनों में पटखनी दे दे,किसका खास कब विरोधी को समर्थन और विरोधी समर्थक बन जाये कहा नही जा सकता है ।
पिछले 2017 के चुनाव पर नजर डाले तो भारतीय जनता पार्टी के उम्मीदवार उपेन्द्र तिवारी ने 39.51 प्रतिशत मत यानी 70588 मत पाकर विजयी हुए थे । श्री तिवारी ने बसपा उम्मीदवार अम्बिका चौधरी को 17897 मतों से हराया था । अम्बिका चौधरी 29.49 प्रतिशत मत के साथ कुल 52691 ही मत प्राप्त कर सके थे । तब अम्बिका चौधरी की हार में सबसे बड़े कारण समाजवादी पार्टी के उम्मीदवार संग्राम सिंह यादव ही थे । श्री यादव को 28 प्रतिशत वोट शेयरिंग के साथ 50016 मत प्राप्त हुआ था । इस चुनाव के बाद हुए लोकसभा चुनाव में भी भारतीय जनता पार्टी को इस विधानसभा में बढ़त 2019 में मिली थी । इस चुनाव में वीरेंद्र सिंह मस्त ने समाजवादी पार्टी के उम्मीदवार सनातन पांडेय को 15519 मतों से इस विधानसभा में पटखनी दी थी ।
2012 के चुनाव की बात करें तो वर्तमान मंत्री उपेन्द्र तिवारी ने इस वर्ष अपने ऊपर से लूजर का तमगा उतार फेक कर पहली बार विधायक हुए थे । श्री तिवारी ने तब के कद्दावर मंत्री व समाजवादी पार्टी के उम्मीदवार अम्बिका चौधरी का एकाधिकार खत्म किया था । इस चुनाव में उपेन्द्र तिवारी को 51151,अम्बिका चौधरी को 43764 मत प्राप्त हुए है । तब इस विधानसभा में कुल 296011 मतदाता थे ।
इस बार फेफना विधानसभा में कुल 328592 मतदाता है जिनमे 193916 पुरुष,162444 महिलाएं और 2 ट्रांसजेंडर मतदाता है । इस बार भारतीय जनता पार्टी महिलाओ को दिये गये उज्ज्वला गैस कनेक्शन,महिला सुरक्षा,प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री आवास,शौचालय और गरीबो को दो बार दिये जा रहे राशन के आधार पर हर जाति धर्म की महिलाओ और पुरुषों का मत पाने के प्रति आशान्वित है । आम लोगो को गुंडा माफियाओं से दी गयी सुरक्षा, महिला सुरक्षा और स्कूल में पढ़ने वाली मेधावी छात्राओं को स्कूटी देने की अपनी घोषणा से महिला मतदाओं के मत पाने की जुगत में है । तो वही एमवाई को छोड़कर अन्य लोगो को यह समझाने के प्रयास में लगी है कि समाजवादी पार्टी एक परिवारवादी है,इसका आपके विकास से कोई मतलब नही है । ये तो आपके हक के पैसों को लूटकर अपनी तिजोरी भरने वाले है ।
वही सपा मुखिया भी किसी भी कीमत पर अपनी सरकार बनाने की जुगत में है । सपा मुखिया नौजवानों को नौकरी देने, कर्मचारियों को पुरानी पेंशन देने,मुफ्त में 300 यूनिट बिजली देने के वादे के साथ भाजपा की जीत के रास्ते मे रोड़ा खड़ा कर रहे है । श्री यादव योगी सरकार को हर मोर्चे पर असफल बता कर सिर्फ नाम बदलने वाला मुख्यमंत्री कहकर लोगो मे अपनी पार्टी का जनाधार बढ़ाने में लगे हुए है । सपा मुखिया मंगलवार को फेफना विधानसभा में चुनावी सभा को संबोधित करके अपने मतों को कितना बढ़ा पाते है,यह तो 10 मार्च को ही पता चलेगा । लेकिन इतना तय है इस बार फेफना में सीधी लड़ाई के चलते मुकाबला काफी रोचक हो गया है । इसमें जहां संग्राम सिंह यादव अपने ऊपर से लूजर का तमगा हटाने में लगे हुए है तो मंत्री उपेन्द्र तिवारी हैट्रिक के साथ संग्राम सिंह यादव की राजनीति पर पूर्ण विराम और अम्बिका चौधरी को जबाब देना चाहते है । वही अम्बिका चौधरी संग्राम सिंह यादव के सहारे मंत्री उपेन्द्र तिवारी को हरा कर अपना जातीय बदला लेने के साथ ही अपने कद को फिर से बढ़ाकर किंगमेकर का ओहदा हासिल करना चाहते है । अब देखना है कि किसकी मुराद पूरी होती है ।