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बलिया के लाल श्वेतांक सिंह को मिला सृजन साधक सम्मान



बलिया ।। जिस परिवार के वातावरण में कविता बसती हो,जिस परिवार के रगों में केदारनाथ सिंह जैसे हिंदुस्तान के अद्वितीय हिंदी के हस्ताक्षर का खून हो,जिस युवक के पिता कोलकाता विश्वविद्यालय के सेवानिवृत्त प्रोफेसर व प्रतिष्ठित कवि हो,उसके रगों में कविता न रचे बसे यह हो ही नही सकता है । यही कारण है कि श्वेतांक सिंह आज धीरे धीरे हिंदी साहित्य में सफलता की सीढ़ी चढ़ते जा रहे है ।



बता दे कि सुपरिचित कवि व लेखक श्री श्वेतांक कुमार सिंह को काव्यकला सेवा संस्थान सीतापुर की ओर से बसंत पंचमी के शुभ अवसर पर उनके उत्कृष्ट काव्य सृजन के लिए 'सृजन साधक सम्मान' से विभूषित किया गया है। श्री सिंह को इसके पहले देश की कई प्रतिष्ठित संस्थाओं द्वारा अनेक सम्मान और पुरस्कार मिले हैं। उनमें कुछ महत्वपूर्ण सम्मान  माँ वीणापाणि साहित्य सम्मान, अभिजना साहित्य सम्मान, नीरज शब्द शिल्पी सम्मान,  शिक्षक रत्न सम्मान,इंकलाब साहित्य सम्मान, वागेश्वरी साहित्य सम्मान, सुमित्रानंदन पंत स्मृति सम्मान इत्यादि है।

                श्री सिंह के अब तक पाँच से ज्यादा साझा काव्य संग्रह आ चुके हैं। इनकी कविताएं देश विदेश की प्रतिष्ठित पत्र-पत्रिकाओं में लगातार छपती रहती हैं। इन्होंने इतनी कम उम्र में दो सौ से ज्यादा कविताएं लिखी हैं फिर भी अपने कविता संग्रह के लिए नहीं सोचते।