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समीक्षकों की पहली पसंद बन रहा है काव्य संकलन "हस्तिनापुर की आंखों का मर गया है पानी"




बलिया ।। आधुनिक साहित्य के इस दौर में बेहतरीन रचनाएं मिलना थोड़ा कठिन है। लेकिन जब आप बेहतरीन, प्रेरक, अनुकरणीय और विचार प्रवर्धक कविताएं ढूंढते हैं तो आपकी खोज डॉ० आदित्य कुमार 'अंशु ' के काव्य संकलन "हस्तिनापुर की आंखों का मर गया है पानी" पर जा कर समाप्त होती है।



66 सामाजिक और सांस्कृतिक सोच की कविताओं के साथ 17 ग़ज़लों से सजी यह पुस्तक हर साहित्यप्रेमी के लिए संग्रहणीय है। अनेक पत्र पत्रिकाओं में इस पुस्तक की समीक्षा प्रकाशित हुई है। देश के अनेक प्रख्यात साहित्यकारों ने इस पुस्तक की मुक्त कंठ से सराहना की है। अनेक साहित्यिक पत्रिकाओं में प्रमुखता से इस पुस्तक की समीक्षा को जगह दी गई है। 



उत्तर प्रदेश के बलिया जिले के निवासी और इस पुस्तक के रचयिता डॉ० आदित्य कुमार 'अंशु ' ने अपने जीवन के अनुभवों, ज्ञान और संस्कृति के निचोड़ को कविताओं में पिरो दिया है। न सिर्फ उत्तर प्रदेश, अपितु राजस्थान, हरियाणा, मध्य प्रदेश, गुजरात, छत्तीसगढ़, दिल्ली एवम् महाराष्ट्र तक की पत्र पत्रिकाएं इस पुस्तक की समीक्षा कर रही हैं, और प्रकाशित कर रही हैं।