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बलिया एक्सप्रेस के साथ खास मुलाकात में बोले सांसद वीरेंद्र सिंह मस्त : किसानों को समृद्धि प्रदान करने वाला है आम बजट,गिनाई किसानों को मिलने वाली सुविधाएं

 


मधुसूदन सिंह

बलिया ।। भारतीय जनता पार्टी के किसान मोर्चा के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष व बलिया लोकसभा के सांसद वीरेंद्र सिंह मस्त ने बलिया एक्सप्रेस से एक्सक्लूसिव बातचीत में कहा कि मोदी जी की नेतृत्व वाली भाजपा की सरकार ने जो किसानों के लिये किया है , वह अबतक किसी भी सरकार ने नही किया है । किसानों को मिलने वाली किसान समृद्धि के रूप में मिलने वाली 6000 की धनराशि किसानों के लिये बहुत मायने रखती है । कहा कि मैं 1991 से सांसद हूं । मैं इस आधार पर दावे के साथ कह सकता हूँ कि मोदी सरकार के पहले किसी भी सरकार ने किसानों के हित के लिये इतना कार्य नही किया है । कहा कि इस बजट में किसानों से गोबर खरीदने की महत्वपूर्ण योजना शुरू की गई है । इससे एक तरफ जहां किसानों को लाभ होगा, तो दूसरी तरफ आर्गेनिक खेती को बढ़ावा मिलेगा ।



कहा कि आर्गेनिक खेती के द्वारा उपजाये गये अनाज की देश मे ही नही आसपास के देशों में भी अच्छा बाजार उपलब्ध है, जिससे किसानों की आमदनी काफी बढ़ जाएगी । इसके अलावा खेतो में घूमने वाले बेसहारा पशुओं से होने वाले खेतो के नुकसान में भी कमी आएगी क्योकि किसान गोबर से आमदनी के लिये अपने पशुओं को छोड़ना बन्द कर देंगे । 



श्री मस्त ने कहा कि देश मे 60 प्रतिशत क्षेत्रो में आज भी एक फसली खेती और 40 प्रतिशत में दो फसली खेती होती है । प्रधानमंत्री मोदी जी का स्पष्ट निर्देश है कि दो फसली खेती का दायरा बढ़ाया जाय । इससे एक तरफ जहां अनाज का अधिक उत्पादन होगा तो दूसरी तरफ किसानों की आमदनी भी बढ़ेगी ।

कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के निर्देशन में किसानों की समृद्धि के लिये इस बजट में जो प्राविधान किये गये है,वह निश्चित ही किसानों की आय को समृद्धि प्रदान करेगा । कहा कि कृषि क्षेत्र में केवल अनाज फल उत्पादन ही नही आता है , बल्कि पशुपालन भी इसी का हिस्सा है । भारत आज भी विश्व मे सबसे बड़ा दुग्ध उत्पादक है और इस बजट में शुरू की गई योजना से और दुग्ध उत्पादित करेगा ।



खेती वाली जमीनों पर अंधाधुंध बन रही कालोनियों के चलते एक दिन कृषि योग्य भूमि की ही कमी हो जाएगी और खाद्यान्न का संकट पैदा हो सकता है,के प्रश्न के जबाब में श्री मस्त ने कहा कि बाजार का प्रभाव लोगो के रहन सहन पर भी पड़ा है । यही कारण है कि ग्रामीण अंचलों में भी शहरीकरण हो रहा है । कहा कि मेरा मानना है संतुलित विकास होना चाहिये । विकास के साथ साथ कृषियोग्य भूमि का संरक्षण भी जरूरी है । अन्यथा की स्थिति में देश व दुनिया के समक्ष खाद्यान्न का भीषण संकट उत्पन्न हो सकता है ।