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लता जी के गीत कालजयी व शाश्वत : ताराचंद गुप्त




बलिया ।। भारत की शान एवं सिरमौर स्वर कोकिला भारत रत्न स्व० लता मंगेशकर जी का निधन दुखद एवं दुर्भाग्यपूर्ण रहा इनका गोलोकगमन देश के लिए अपूरणीय क्षति है।लता जी ने संगीत को जो ऊंचाई प्रदान किया है वह अविस्मरणीय है। फिल्मी दुनिया से जुड़कर लता जी ने फिल्मों को एक नई पहचान दिलाई, उनके गीत युगो-युगों तक लोगों की मन मस्तिष्क में छाए रहेंगे।

                 उक्त उद्गार राम बदन चौबे , (पूर्व जिला परीक्षाधिकारी, गाजीपुर) ने बतौर मुख्य अतिथि लता मंगेशकर की स्मृति में आयोजित श्रद्धांजलि सभा में व्यक्त कर रहे थे। यह श्रद्धांजलि सभा संस्कार भारती बलिया के तत्वावधान में पं० के०पी०मिश्र मेमोरियल संगीत विद्यालय,रामपुर उदयभान के प्रांगण में संपन्न हुई। कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए  ताराचंद गुप्त (संरक्षक, संस्कार भारती बलिया) ने कहा कि,"स्वर कोकिला लता जी ने अपने गीत व संगीत के द्वारा समाज में समरसता एवं सद्भावना कायम करने का काम किया है। उनके गीत कालजयी एवं शाश्वत है ।" डा० भोला प्रसाद आग्नेय ने काव्यपाठ करते हुए कहा कि -

 कौन कहता है कि लता अब लापता है, गीत ग़ज़ल चाहे कोई करता है।

पहले गाकर तो देख लो भाई, सुर लय ताल में लता ही लता है।।

 साहित्य प्रकोष्ठ संयोजक  शिवजी पाण्डेय 'रसराज़' ने काव्यपाठ किया कि-"अर्पित पूरा जीवन, सुर की रही साधना, कितना था ठहराव उनके गानों में ।



                कार्यक्रम का प्रारंभ दीप प्रज्जवलन एवं लता जी के चित्र पर पुष्पांजलि से हुआ । तत्पश्चात सरस्वती वंदना तथा ध्येय गीत प्रस्तुत किया गया । इसके बाद शिवम मिश्र ने "तू जहां जहां चलेगा, मेरा साया साथ होगा" प्रस्तुत कर लता जी को स्वरांजलि अर्पित किया।तबले पर संगत आकाश मिश्र ने किया।तदोपरांत नलिनपाण्डेय, प्रियंका,सतीश चंद्र,अशोक जी पत्रकार, आनंद सिंह,प्रेमप्रकाश पाण्डेय,धीरज गुप्ता इत्यादि ने अपनी प्रस्तुति के द्वारा लता मंगेशकर के प्रति श्रद्धांजलि अर्पित किया।अंत में संस्कार भारती बलिया के जिलाध्यक्ष पं० राजकुमार मिश्र ने सभी के प्रति आभार व्यक्त किया।