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बैरिया में गूँजेगी सुरेंद्र की दहाड़ या सपा की ललकार,बीजेपी को सीट बचाने की लगी है दरकार



मधुसूदन सिंह

बलिया ।। 363 बैरिया विधानसभा का चुनाव इस बार काफी रोचक हो गया है । यहां बीजेपी के वर्तमान विधायक सुरेंद्र सिंह ही टिकट कटने के बाद से बागी होकर वीआईपी की नाव पर सवारी करके बीजेपी को नाक में दम किये हुए है । वही समाजवादी पार्टी  लगातार तीसरी बार जयप्रकाश अंचल को अपना प्रत्याशी बनाकर एक बार फिर से 2012 की तरह इस सीट पर कब्जा करने की जुगत में लगी हुई है । वही भारतीय जनता पार्टी ने बलिया नगर के वर्तमान विधायक व मंत्री आनंद स्वरूप शुक्ल के रूप में ब्राह्मण चेहरा उतार कर इस बार ब्राह्मणों के सहारे यहां से पुनः जीत हासिल करने के लिये प्रयासरत दिख रही है ।

आइये इस बार के मतदाताओं के संबंध में बता दे । इस बार बैरिया में कुल मतदाताओं की संख्या 364439 है जिसमे  197510 पुरुष 166914 महिला और 15 थर्ड लिंग के मतदाता है । पिछली बार 342416 मतदाताओं में से 47.34 प्रतिशत ने मतदान किया था । इस बार लगभग 22 हजार नये मतदाता है जो प्रत्याशियों के भाग्य का फैसला करेंगे ।





वर्तमान विधायक सुरेंद्र सिंह के बागी होकर चुनाव लड़ने से बैरिया का समीकरण जनपद के अन्य विधानसभाओं से अलग है । अन्य विधान सभाओं में टिकट न मिलने से नेता बगावत करके चुनाव लड़ रहे है । लेकिन बैरिया में अपना टिकट भाजपा द्वारा काटने के बाद सुरेंद्र सिंह चुनाव मैदान में बागी बनकर है ।

पिछले 2012 के चुनाव की बात करें तो समाजवादी पार्टी के उम्मीदवार जयप्रकाश अंचल नये होने के बाद भी बैरिया के दिग्गज व पूर्व मंत्री भरत सिंह को लगभग साढ़े पांच सौ मतों से पराजित करके पहली बार विधायक बने । दोनों लोगो को 32-32 प्रतिशत मत हासिल हुआ था ।







2014 में हुए लोकसभा चुनाव में 2012 में जो भरत सिंह विधानसभा चुनाव हार गये थे,वो मोदी लहर में बलिया लोकसभा से सांसद चुने गये । केंद्र में मोदी सरकार बनने के बाद 2017 के चुनाव में बैरिया विधानसभा से भाजपा ने शिक्षक सुरेंद्र सिंह को अपना प्रत्याशी बनाया ,तो समाजवादी पार्टी ने अपने सिटिंग विधायक जयप्रकाश अंचल पर ही दुबारा दांव लगाया । नतीजन मोदी लहर और अखिलेश सरकार के खिलाफ जनता द्वारा किये गये मतदान में सुरेंद्र सिंह ने समाजवादी पार्टी से बैरिया की सीट छीनकर भाजपा की झोली में डाल दिया । इस चुनाव में 162100 मतदाताओं ने अपने अपने मत का प्रयोग किया, जो कुल मत का 47.34  प्रतिशत था । इसमें सुरेंद्र सिंह को 40.02 प्रतिशत मतदाता यानी 64868 मतदाताओं ने वोट दिया । वही पराजित समाजवादी पार्टी के उम्मीदवार जयप्रकाश अंचल को 2012 के मुकाबले 2.52 प्रतिशत मतदाताओं ने कम वोट दिया । श्री अंचल को 29.48 प्रतिशत यानी 47791 प्रतिशत मतदाताओं ने वोट दिया ।




इस बार भी सुरेंद्र सिंह और जयप्रकाश अंचल आमने सामने है । इनके सामने अबकी बार ब्राह्मण चेहरे के रूप में बीजेपी के मंत्री आनंद स्वरूप शुक्ल मैदान में है । वही बसपा ने पूर्व विधायक सुबाष यादव को अपना उम्मीदवार बनाया है । इस बार 364439 मतदाता है । इसमें लगभग 22 हजार नये मतदाता जुड़े है । पूरे प्रदेश में चल रहे मतदान के रुझान पर अगर गौर करे और बैरिया के कम मतदान प्रतिशत पर नजर दौड़ाये तो यहां भी 48 से 50 प्रतिशत से ज्यादे मतदान होता नही दिख रहा है ।

ऐसे में यहां अधिकतम 1 लाख 80 हजार के करीब मतदाताओ के द्वारा मतदान करने की संभावना दिख रही है । इस चुनाव में 4 प्रमुख उम्मीदवार है -सुरेंद्र सिंह,जयप्रकाश अंचल,आनंद स्वरूप शुक्ल और सुबाष यादव । इस बार मुख्य द्वंद सुरेंद्र सिंह,जयप्रकाश अंचल और आनंद स्वरूप शुक्ल में देखने को मिल रहा है । जिस सोच से बहुजन समाज पार्टी ने समाजवादी पार्टी में सेंधमारी करके यादव वोटरों को अपनी तरफ करने के लिये यादव प्रत्याशी सुबाष यादव को खड़ा किया था,वह सोच /रणनीति यहां फेल हो चुकी है । बसपा प्रत्याशी को अपने दलित वोटरों को ही बचाने की बड़ी जिम्मेदारी सामने खड़ी है ।

टिकट कटने के बाद सहानुभूति लहर,स्वजातीय वोटरों का जबरदस्त समर्थन, वीआईपी के वोटर (बिंद मल्लाह निषाद) का पूर्ण समर्थन,ब्राह्मण वर्ग में भी 50 प्रतिशत से ज्यादे मिल रहे समर्थन,वैश्य वर्ग,कायस्थ वर्ग का मिल रहा समर्थन सुरेंद्र सिंह को वर्तमान समय मे ड्राइविंग सीट पर रखे हुए है । वही इनके पास ही समाजवादी पार्टी के उम्मीदवार जयप्रकाश अंचल भी एमवाई समीकरण के साथ ही ओमप्रकाश राजभर के समर्थन के साथ खड़े दिख रहे है । तो भाजपा उम्मीदवार ब्राह्मण मतदाताओं , भाजपा के कैडर मतदाताओं,निषाद पार्टी के सनार्थको के समर्थन के साथ लड़ाई को त्रिकोणीय बनाने में लगे हुए है । उम्मीदतः सुरेंद्र सिंह,जयप्रकाश अंचल और आनंद स्वरूप शुक्ल की तिगड़ी को लगभग डेढ़ लाख मत मिलेगा ।

इस बार सुरेंद्र सिंह अगर पिछले चुनाव के बराबर मत प्राप्त कर लेते है तो इनको विजयी होने से कोई नही रोक सकता है । वही सपा उम्मीदवार जयप्रकाश अंचल को अपने मत प्रतिशत में लगभग 8 से 10 प्रतिशत की बढ़ोत्तरी जीत के लिये करने की बड़ी चुनौती खड़ी है । वही भाजपा उम्मीदवार आनंद स्वरूप शुक्ल को भी 42 प्रतिशत का आंकड़ा छूकर यह साबित करना है कि 2017 के चुनाव में सुरेंद्र सिंह जो मत प्राप्त किये थे, वो भाजपा का था,सुरेंद्र सिंह का नही ।

भाजपा उम्मीदवार श्री शुक्ल को योगी जी के बाद अब राजनाथ सिंह और मोदी जी के कार्यक्रम के बाद अपने मत प्रतिशत के बढ़ने की उम्मीद है । वही समाजवादी पार्टी के उम्मीदवार को राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव के आगमन के बाद अपनी जीत सुनिश्चित होने की उम्मीद है । तो नौजवानों के बल पर बैरिया को गुंडा माफिया मुक्त बनाने,व्यापारियों को रंगदारी से बचाने ,बैरिया को बाहरी नेताओ से बचाने की और सहानुभूति लहर के साथ साथ गरीबो, दलितों की सेवा और पिछले 5 साल में पुलिसिया उत्पीड़न रोकने,के नाम पर विधायक सुरेंद्र सिंह अपनी जीत के प्रति आश्वस्त दिख रहे है ।

कौन जीतेगा, कौन हारेगा, यह तो 3 तारीख के मतदान के बाद 10 मार्च को पता चलेगा । लेकिन इतना तय है कि 60 हजार से ऊपर पाने वाला ही जीतेगा । न जाति जीतेगा, न धर्म जीतेगा,बैरिया का स्वभाव जीतेगा ।