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नहीं रहे कैप्टन रामचन्द्र सिंह, शतायु पूर्ण करने के बाद अंतिम सांस

 



  बलिया ।।  जाने माने सामाजिक कार्यकर्ता और भूतपूर्व सीनियर फ्लाइट लेफ्टिनेंट वायु सेना तथा भूतपूर्व सैनिक प्रकोष्ठ बलिया के अध्यक्ष शतक वीर कैप्टन रामचन्द्र ने गुरुवार को दिन में 1:00 बजे अपने निवास स्थान बलिया आवास विकास काॅलोनी हरपुर में परिवार के बीच अंतिम सांस ली।
         बता दे कि श्री सिंह 100 वर्ष के थे और करीब एक माह से बीमार चल रहे धे। इनका इलाज बनारस के एक निजी अस्पताल में चल रहा था तथा स्वस्थ होने के उपरांत कल रात में ही घर वापस लौटे थे।
      पैतृक निवास श्रीनगर के प्रतिष्ठित व्यक्ति, मूर्धन्य विद्वान तथा कुशल वक्ता होने के साध ही भूतपूर्व सैनिक प्रकोष्ठ बलिया के आजीवन अध्यक्ष रहे तथा सैनिकों के हक हकूक की लड़ाई के लिए आजीवन समर्पित रहे। सैनिकों के वन रैंक पेंशन बहाली में श्री सिंह का अहम योगदान रहा है। श्री सिंह  भूतपूर्व प्रधानमंत्री चन्द्रशेखर के सहपाठी मित्र रहे तथा उनके अनेकों संघर्षों में साथ - साथ रहे। जब तक चन्द्रशेखर जी जीवित रहे बिना कैप्टन साहब से मिले नहीं जाते थे। 









अपने वसूलों और दिनचर्या के पक्के होने के कारण इन्हें लोग हिटलर की संज्ञा भी देते थे। आज इनके निधन से एक युग की समाप्ति हुई है। गांव जमीन से जुड़े होने के कारण इनकी शख्सियत ऐसी थी कि हर वर्ग के लोग इनसे मशविरा लिया करते थे।
    इनका अंतिम संस्कार कल पैतृक गांव श्रीनगर से संपन्न होगा। इनकी मृत्यु की सूचना पर पड़ोसियों, गांव वासियों, भूतपूर्व सैनिक प्रकोष्ठ, वायु सेना कमांड व ब्रह्म कुमारी के अनेकों सेवादारों कुमारियों ने श्रद्धांजलि अर्पित किया।