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नगर मजिस्ट्रेट व चौकी इंचार्ज समेत पुलिसकर्मियों पर जब तक न हो कार्यवाही,पत्रकार करे जिलाधिकारी व जिला प्रशासन की खबरों का बहिष्कार : मधुसूदन सिंह प्रांतीय मुख्य महासचिव आईएनजेएफ



बलिया ।। अमर उजाला के पत्रकार कृष्ण कांत के साथ एक जिम्मेदार अधिकारी नगर मजिस्ट्रेट द्वारा बताये जाने के बाद भी कि मैं पत्रकार हूं और यह खबर संकलित करने आया हूँ ,जिस तरीके से एक पत्रकार के साथ अमर्यादित शब्दो का प्रयोग किया गया,उसकी जितनी भी भर्त्सना की जाय कम है । साथ ही नगर मजिस्ट्रेट के इशारे पर चौकी इंचार्ज व दो सिपाहियों द्वारा किया गया अभद्र व्यवहार यह दर्शाता है कि आचार संहिता लगने के बाद इन लोगो को कोई डर भय, न समाज से , न ही कानून से रह गया है ।

  भारतीय राष्ट्रीय पत्रकार महासंघ उत्तर प्रदेश का प्रांतीय मुख्य महासचिव होने और अपने ही गृह जनपद में किसी भी पत्रकार साथी के साथ इस तरीके का दुर्व्यवहार न मेरे द्वारा और न ही मेरे संगठन द्वारा बर्दाश्त किया जाएगा । मेरी जनपद के सभी पत्रकार भाइयों से अपील है कि आजाद हिंदुस्तान में अपने पद के नशे में खुद को शासक समझने वाले अधिकारियों को यह याद दिलाना जरूरी हो गया है कि संविधान का चौथा स्तंभ  जब अंगड़ाई लेता है तो तानाशाहों का ताज चला जाता है , आप लोग तो सरकारी नियमो से बंधे अधिकारी है । इस लिये जब तक इस कृत्य को करने वाले अधिकारियों पर कार्यवाही नही होती है,तब तक हम लोग सरकारी कार्यक्रमों और सरकारी अधिकारियों की खबरों का बहिष्कार करना शुरू कर दे ।

 जिस जिलाधिकारी के बलिया में पदभार ग्रहण करने के बाद एक अपील पर सभी मीडिया कर्मियों ने जागरूकता का ऐसा माहौल बनाया कि जिले की रैंकिंग 75 से उठकर 30 वी हो गयी, वो जिलाधिकारी गाड़ी में बैठकर पत्रकारों का उपहास उड़ाते कहते हो और नारा लगाओ, यह जिलाधिकारी महोदय मजाक मजाक में बागी बलिया के स्वाभिमान को रौंदने का काम किये है और हम लोग बलिया के स्वाभिमान को किसी को रौंदने तो हरगिज नही देंगे ।



है याचक को अधिकार नही, दुर्बल को मिलता प्यार नही। 

वो वीर भला क्या वीर कहो, जिसमें रण का हुँकार नहीं। 

है समर शंख का नाद हुआ, अब कोई भी संवाद नही

साथियो,  हम लोग गणतंत्र दिवस की पूर्व संध्या पर  प्रण ले कर अपनी कलम से तब तक प्रशासन की कोई भी खबर न तो छापेंगे न ही दिखाएंगे,देखिये आपकी मांग कैसे नही पूरी होती है । पूरी दुनिया मे जिसके साम्राज्य में कभी सूरज अस्त नही होता था,वह अंग्रेज जब बलिया के जांबाजों से पस्त हो गये ,तो ये किस ........

साथियो, मुझे पूर्ण विश्वास है कि बलिया की आन बान शान के लिये, पत्रकारों के सम्मान के लिये जिला प्रशासन की खबरों का बहिष्कार सभी लोग अब से शुरू कर दिये है । विश्वास रखिये आज काली रात है तो कल का उजाला भी आपका ही होगा । जिलाधिकारी महोदय से यही कहूंगा --

बड़ी मगरूरियत है हमारी शख्सियत में जनाब...

 हमे यूँ बार-बार आज़माया ना करें...

  धन्यवाद 

आप सबका साथी

मधुसूदन सिंह

प्रांतीय मुख्य महासचिव

भारतीय राष्ट्रीय पत्रकार महासंघ

उत्तर प्रदेश