Breaking News

आचार संहिता लगते ही अधिकारियों ने शुरू की दबंगई,नगर मजिस्ट्रेट ने पत्रकार को ही भेज दिया हवालात




बलिया ।। समाचार संकलन करने गये  एक दैनिक समाचार पत्र अमर उजाला  के  पत्रकार कृष्ण कांत के साथ सिटी मजिस्ट्रेट और बलिया पुलिस के द्वारा अमानवीय व्यवहार करने का मामला सामने आया है। बीएसए बलिया को कक्ष के अंदर ताला बन्द करके बंधक बनाने की खबर को संकलित करने गये पत्रकार को ही नगर मजिस्ट्रेट ने स्थानीय पुलिस के द्वारा तब गिरफ्तार करा दिया जब उनको कृष्ण कांत द्वारा बताया गया कि मैं अमर उजाला का पत्रकार हूं और खबर को संकलित करने के लिये यहाँ आया हूँ न कि बीएसए को बंधक बनाने । बावजूद इसके नगर मजिस्ट्रेट द्वारा कृष्ण कांत को एक अपराधी की तरह पुलिस से पकड़वाने के बाद कोतवाली के लॉक अप में डालने का हुक्म दिया गया ।





पीड़ित पत्रकार कृष्ण कांत ने आरोप लगाया कि मेरे द्वारा सिटी मजिस्ट्रेट और पुलिस को बताया गया कि मैं अपराधी नही पत्रकार हूँ बावजूद सिटी मजिस्ट्रेट मुझे गिरफ्तार कर चालान करने को कहते हुए सिटी मजिस्ट्रेट द्वारा अमानवीय शब्दो का इस्तेमाल किया गया। 

इसकी सूचना आग की तरह प्रिंट और इलेक्ट्रॉनिक मीडिया के पत्रकारों के बीच फैल गयी । जिसके बाद पत्रकारों में आक्रोश व्याप्त हो गया और मतदाता दिवस के गंगा बहुउद्देश्यीय सभागार के बाहर पत्रकारों ने धरना देकर नारेबाजी शुरू कर दी। 

इस मामले के बाद आक्रोशित पत्रकारों ने डीएम इंद्र विक्रम सिंह से शिकायत कर दोषी पुलिस कर्मियों और सिटी मजिस्ट्रेट पर कार्रवाई कराने की मांग की लेकिन जिला अधिकारी इंद्र विक्रम सिंह पत्रकारों पर ही झल्ला गए और न्याय की गुहार लगाने गए पत्रकारों को धमकी भरे अंदाज में कहा 'आप के इच्छा के अनुसार कार्रवाई नही होगी' जिसके बाद पत्रकारों ने जिला प्रशासन का विरोध किया लेकिन डीएम साहब ने एक न सुनी साथ ही अपनी सरकारी गाड़ी में बैठ निकलते समय अपनी न्यायिक पद की मर्यदा को लांघते हुए पत्रकारों से कहा 'नारे लगा लो भाई' ।

जनपद में वैक्सीनेशन में आयी तेजी के लिए लोगो को जागरूक करने को लेकर जिस प्रिंट इलेक्ट्रॉनिक और सोशल मीडिया को बार-बार डीएम साहब बधाई दे रहे थे, जब उसी मीडिया के साथ जिला प्रशासन और पुलिस प्रशासन के द्वारा अमानवीय रवैया अपनाया गया तो दोषियों के ऊपर कार्रवाई के बजाय 'नारे लगाते रहो भाई' कह कर  बलिया के नवागत डीएम ने बता दिया कि प्रशासन के खिलाफ आपकी मांग है तो आप को न्याय नही मिलेगा। सवाल यह उठ रहा है कि जब पत्रकारों के साथ ही जिला प्रशासन का ऐसा रवैया है तो फिर ऐसे अधिकारी जनता को कैसे न्याय देंगे ।