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जनपद में ओमिक्रॉन का मरीज मिलने की अफवाह झूठी, जिले में ओमिक्रॉन का कोई मरीज नहीं : डॉ एके तिवारी



प्रयागराज ।। सोशल मीडिया पर जनपद में ओमिक्रॉन के मरीज मिलने की अफवाह से हड़कंप मच गया। लोगों ने बिना आधार के फैलाई जा रही अफवाह को जमकर शेअर किया। इस अफवाह का कोविड-19 के नोडल डॉ. एके तिवारी व मुख्य चिकित्सधिकारी ने खंडन किया है।





शुक्रवार को वॉट्सएप पर एक पीडीएफ शेयर हुआ इसमें ओमिक्रॉन के नए केस की पुष्टि बताई जा रही थी। इस पर कोविड-19 के नोडल डॉ. एके तिवारी ने बताया कि स्वास्थ्य विभाग ने जीनोम सीक्वेंसिंग के लिए अभी तक कोई सैंपल नहीं भेजा है। कोरोना का नया वेरिएंट ओमिक्रॉन भारत में आ चुका है लेकिन हमारा जनपद अभी पूरी तरह से सुरक्षित है। यहां कोई भी ऐसा मरीज नहीं मिला है जो इस बीमारी की चपेट में आया हो। कुछ वॉट्सएप ग्रुपों में यह अफवाह फैलायी जा रही है कि जनपद में एक महिला इस नए वेरिएंट की चपेट में आ गई है लेकिन यह जानकारी सिर्फ एक अफवाह तक ही सीमित है।


मुख्य चिकित्साधिकारी डॉ. नानक सरन ने जनपद में ओमिक्राॅन के संक्रमित मरीज मिलने की बात को खारिज किया है। सीएमओ ने बताया कि कुछ अराजकतत्वों द्वारा यह अफवाह फैलाई जा रही है यह गलत है। सीएमओ ने जनपदवासियों का आह्वान किया है कि वह किसी भी तरह के अफवाहों पर ध्यान न दें। ऐसी अफवाह फैलाकर लोगों में भय व्याप्त करने का प्रयास किया जा रहा है। निराधार सूचना को साझा करने से बचें व अफवाहों पर ध्यान न दें। 


जब सैंपल ही नहीं भेजे तो कैसे मिल जाएंगे ओमिक्रॉन के मरीज


डॉ. तिवारी ने बताया कि जिस महिला को ओमिक्राॅन से संक्रमित होने की अफवाह फैलाई जा रही है वह कोविड-19 की मरीज है। उसे सामान्य फीवर हुआ था और शहर के निजी अस्पताल में वह भर्ती थी। वहां कोविड की जांच में वह पॉजिटिव मिली है। कोरोना के नए वेरिएंट ओमिक्रॉन" पर चल रही रिसर्च में यह बताया जा रहा है कि इसके तेजी से फैलने की आशंका है। यह डेल्टा से 5 गुना तक ज्यादा संक्रामक हो सकता है। इसलिए सभी कोविड प्रोटोकोल का पालन करें। मास्क लगाएं व भीड़ में जाने से बचें। खास तौर पर बच्चों, बुजुर्गों व गर्भवती का ख्याल रखें। इनकी प्रतिरोधक क्षमता कम होती है इसलिए किसी भी प्रकार का संक्रमण इन्हें सबसे पहले प्रभावित कर सकता है।