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भाजपा के मंच पर केतकी सिंह और कनक पांडेय में हुई रार,क्या चुनाव में मुश्किल में कमल खिलने की राह

 



मधुसूदन सिंह

बलिया ।। एक तरफ भारतीय जनता पार्टी दूसरे दलों से नेताओ को अपने दल में शामिल करते हुए अपने कुनबे को बढ़ाने में लगी हुई है, तो दूसरी तरफ दूसरे दलों से आकर इसमें शामिल होने वालों की हरकतें या यूं कहें कि अनुशासनहीनता की घटनाएं भी दिखने लगी है, वो भी सरेआम सार्वजनिक मंच से । ऐसे में यह सवाल उठने लगा है कि क्या कुनबा बढ़ाना भाजपा के कमल को खिलाने की राह को आसान करेगा या सार्वजनिक रूप से शुरू हुई वरिष्ठ नेताओं का विरोध पार्टी की राह को दुष्कर बनाने का काम करेगा । बांसडीह में प्रदेश के उप मुख्यमंत्री डॉ दिनेश शर्मा के कार्यक्रम में मंच पर जो हुआ,उसको देखने के बाद तो यही कहा जा सकता है कि अगर भाजपा समय रहते अपने नेताओं पर नियंत्रण नही लगाती है तो आगामी चुनाव में पार्टी के घोषित प्रत्याशियों के खिलाफ विद्रोह की घटनाएं सार्वजनिक रूप से दिखने लगेगी, जो अच्छी बात नही होगी ।



उप मुख्यमंत्री डॉ दिनेश शर्मा के लिये सजे बांसडीह में भाजपा के मंच पर शुक्रवार को वो देखने और सुनने को मिला जिसका कयास 2022 के विधानसभा चुनाव से पहले लगाया जा रहा है। दरअसल मामला बांसडीह विधानसभा क्षेत्र में प्रदेश के डिप्टी सीएम दिनेश शर्मा के कार्यक्रम मंच का है। डिप्टी सीएम के आगमन से पहले मंच पर विराजमान तमाम नेताओं को अपनी जनता को सम्बोधित करने का अवसर मिल रहा था, सभी ने बारी-बारी से जनता को सम्बोधित भी किया । लेकिन इस दौरान बांसडीह विधानसभा के संभावित प्रत्याशी कनक पांडेय मंच की गरिमा खो बैठे। 




दरअसल बांसडीह विधानसभा से भाजपा का टिकट मांग रहे दो कार्यकता मंच पर मौजूद रहे । जिसमे भाजपा की स्टार प्रचारक रह चुकी भाजपा नेत्री केतकी सिंह और युवा भाजपा कार्यकर्ता कनक पांडेय कार्यक्रम में अपने-अपने समर्थको के साथ पहुंचे थे। इस दौरान मंच पर कनक को अपने समर्थकों को सम्बोधित करने का मौका मिला लेकिन कम समय मिलने से अपने समर्थकों को शायद ठीक से सम्बोधित नही कर सके । उसके बाद भाजपा नेत्री केतकी सिंह को भी अपने समर्थको को सम्बोधित करने का मौका मिला । लेकिन केतकी सिंह ने अपने समर्थको को कनक पांडेय के सापेक्ष कुछ देर तक सम्बोधित करते नज़र आयी, ये बात कनक पांडेय को हज़म नही हुई ।




 तभी मंच का संचालन कर रहे भाजपा जिला मंत्री अरुण सिंह बंटू  पर नाराज़गी जताते हुए कनक पांडेय अचानक माइक पकड़ कर बोले 'हम भी जनता के लिए काम करते है, यहां सभी भारतीय जनता पार्टी के नेता है, सबको एक बराबर का स्थान हो,किसी को दो मिनट का समय दिया जाता है, किसी को घण्टे-घण्टे बोलने का समय दिया जाता है।' हालांकि कि इस वाक्ये के बाद केतकी सिंह तुरन्त कनक पांडेय के तरफ बढ़ी, तभी मंच पर मौजूद सलेमपुर के सांसद रविन्द्र कुशवाहा ने मामले को संभाल लिया।

 दरअसल कनक और केतकी के बीच बांसडीह विधानसभा से भाजपा का टिकट लेने की रस्सा-कस्सी चल रही है। दोनों भले ही भाजपा के कार्यकर्ता है लेकिन दोनों एक दूसरे के लिए बांसडीह विधानसभा से किसी विपक्ष की भूमिका से कम नही, जिसका जीता-जागता उदाहरण डिप्टी सीएम के कार्यक्रम मंच पर देखने को मिला। बहरहाल बांसडीह विधानसभा से भाजपा का टिकट किसकी झोली में गिरेगा ये तो आने वाला वक्त ही बताएगा लेकिन फिलहाल टिकट के लिए मंच का वाक्या कनक पांडेय के लिए ठीक नही रहा।

सांसद रविंद्र कुशवाहा ने टाला मंच पर संभावित टकराव

अगर सलेमपुर के सांसद रविंद्र कुशवाहा ने तत्परता नही दिखाई होती तो शुक्रवार को उप मुख्यमंत्री डॉ दिनेश शर्मा का कार्यक्रम साढ़े आठ करोड़ की परियोजनों के लोकार्पण/शिलान्यास की बजाय मंच पर केतकी सिंह और कनक पांडेय और दोनों के समर्थको के बीच महाभारत के लिये सुर्खियों में होता ।

जिस तेवर के साथ केतकी सिंह कनक पांडेय की तरफ बढ़ी ,निश्चित ही उनका मंसूबा कनक पांडेय को जबाब देना था,जो बाद में महाभारत का कारण बन सकता था । ऐसे में श्री कुशवाहा का बीच बचाव इस कार्यक्रम को और बदनाम होने से बचा ले गया ।