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गृहे गृहे गायत्री यज्ञ उपासना वर्ष अन्तर्गत 1 जनवरी 2022 से 4 जनवरी 2022 तक आयोजित होंगे विभिन्न संस्कार

 


बलिया ।। पिछले वर्षों की भांति इस वर्ष भी गायत्री शक्तिपीठ महावीर घाट गंगा जी मार्ग बलिया पर गृहे गृहे गायत्री यज्ञ उपासना वर्ष, के अंतर्गत  गायत्री महायज्ञ एवं विभिन्न संस्कार कार्यक्रम का आयोजन किया गया है । यह कार्यक्रम 1 जनवरी 2022 से 4 जनवरी 2022 के मध्य आयोजित किया गया है । इस कार्यक्रम में जहां पहले दिन झांकियों के साथ भव्य कलश यात्रा निकाली जाएगी वहीं शाम को संगीत में प्रवचन का आयोजन किया गया है । 2 जनवरी को सुबह 6:00 बजे से 7:30 बजे तक सामूहिक जप, ध्यान ,प्रज्ञा योग, व्यायाम ,8:00 बजे से देव पूजन, गायत्री महायज्ञ और सायं 5:00 बजे संगीत में प्रवचन का आयोजन किया गया है । तीसरे दिन 3 जनवरी को प्रातः 6:00 से 7:30 बजे तक सामूहिक जप, ध्यान, प्रज्ञा योग, व्यायाम , वही सुबह 8:00 बजे से 11:00 बजे तक गायत्री महायज्ञ एवं विभिन्न संस्कार और शाम 3:00 बजे से 4:00 बजे तक कार्यकर्ता गोष्ठी का आयोजन किया गया है । सायं 5:00 बजे से 7:00 बजे तक संगीतमय प्रवचन एवं भव्य दीप महायज्ञ का आयोजन किया गया है । चौथे दिन यानी 4 जनवरी 2022 को प्रातः 6:00 से 7:30 बजे तक सामूहिक जप, ध्यान, प्रज्ञा योग, व्यायाम, सुबह 8:00 बजे से 11:00 बजे तक गायत्री महायज्ञ एवं विभिन्न संस्कार पूर्णाहुति का आयोजन किया गया है । इसके बाद सत कार्यों का अभिनंदन करने के बाद कार्यकर्ताओं एवं टोलियो की विदाई चौथे दिन 4 जनवरी को की जाएगी । यह जानकारी गायत्री शक्तिपीठ महावीर घाट के श्री विजेंद्र चौबे ने दी है ।





श्री चौबे ने कहा है कि इसके निमित्त गायत्री परिवार की बहनें विभिन्न टोलियों के माध्यम से जनपद के प्रत्येक गांव व शहरी वार्डो में अक्षत पुष्प देकर प्रत्येक परिवार को इस महायज्ञ में सम्मिलित होने के लिये स्नेह व आत्मीयता भरा निमंत्रण दे रही है । श्री चौबे ने कहा कि जिस तरह आजादी की जंग में बलिया सबसे अग्रगणी रहते हुए 5 वर्ष पूर्व ही आजादी का स्वाद चख लिया था, उसी तरह परम श्रद्धेय श्री गुरुवर श्रीराम शर्मा जी के सभी परिवारों को देवमय बनाने के संकल्प को पूरा कर विश्व मे पहला देवमय जनपद होने का गौरव हासिल करने के लिये प्रयत्नशील है ।

कहा कि आज समस्त विश्व पर विनाशकारी बादल मंडरा रहे हैं । भविष्य अंधकारमय दिखाई दे रहा है ।मानवीय श्रेष्ठ चिंतन विचार से वरदान अभिशाप में बदल गए हैं ।स्वस्थ परंपरायें मृत प्रायः हो चुकी है । प्रत्येक परिवार विभिन्न दुखों एवं मानसिक तनाव प्रेत बाधाओं, और मुकदमेबाजी से जकड़ा हुआ है ।इन जन समस्याओं का समाधान शांतिकुंज द्वारा घर-घर में गायत्री यज्ञ और शुभ संस्कारों में निहित बताया गया है । इसके लिए निम्नलिखित कार्य करने के निर्देश प्राप्त हुए हैं -

 प्रत्येक घर में देव स्थापना कराकर गायत्री मंत्र का जप यज्ञ किया जाए ।

बलिवेश्य के रूप में रोटी गुड़ और घी की पांच आहुति प्रातः और सायं समर्पित किए जाए ।

 तुलसी के पौधे में प्रातः काल सूर्य को अर्ध्य दिया जाए ।तुलसी अमृता घृतकुमारी( एलोवेरा )और हरसिंगार( फूल) के पौधे लगाए जाए,ये स्वास्थ्य प्रद है ।

कहा कि इस गायत्री महायज्ञ के आयोजन में पुंसवन,नामकरण,  मुंडन ,विद्यारंभ ,दीक्षा यज्ञोपवीत एवं विवाह संस्कार निशुल्क कराए जाएंगे । इसके लिए अग्रिम पंजीकरण आवश्यक है । साथ ही यह भी कहा कि बहने 5 दिन की अशुद्धि एवं खिन्न मन से या आपसी क्लेश में रसोई घर में प्रवेश ना करें क्योंकि इन बातों का उल्लंघन करने से रोग उत्पन्न होते हैं तथा देशी गायों से घर में धन सुख शांति की वर्षा होती है । श्री चौबे ने सभी जनपद वासियो से चार दिनों तक चलने वाले इस आयोजन में शामिल होने के लिये करबद्ध प्रार्थना की है । इस निमित्त गायत्री शक्तिपीठ में तैयारियां जोरों पर चल रही है ।