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राष्ट्रीय फाइलेरिया कार्यक्रम का हुआ शुभारंभ :नुक्कड़ नाटक द्वारा लोगों को किया गया जागरूक

 




- लगभग 28 लाख लोगों को दवा खिलाने का है लक्ष्य 

- फाइलेरिया उन्मूलन अभियान के लिए 2300 टीमों का गठन 

बलिया 

जिला चिकित्सालय के प्रांगण में राष्ट्रीय फाइलेरिया कार्यक्रम का उद्घाटन जिला उपाध्यक्ष भाजपा सुरेंद्र सिंह, मुख्य चिकित्सा अधीक्षक डॉ० बीके सिंह, डॉ राजनाथ ने किया। इस अवसर पर जिला उपाध्यक्ष भाजपा सुरेंद्र सिंह ने जिले की जनता से अपील किया कि स्वास्थ विभाग की टीम जब दवा खिलाने जाए तो दवा अवश्य खाएं और जिले से फाइलेरिया बीमारी को दूर भगाएं।

जिला मलेरिया अधिकारी सुनील कुमार यादव ने बताया कि फाइलेरिया उन्मूलन अभियान के लिए जिले में 2300 टीमों का गठन किया गया है । पर्यवेक्षण के लिए 387 लोगों को लगाया गया है।

जिला मलेरिया अधिकारी ने बताया कि इस बीमारी से हाथ, पैर, स्तन  और अंडकोष में सूजन पैदा हो जाती है। सूजन के कारण फाइलेरिया प्रभावित अंग भारी हो जाता है और दिव्यांगता  जैसी स्थिति बन जाती है । प्रभावित व्यक्ति का जीवन अत्यंत कष्टदायक एवं कठिन हो जाता है। यह एक लाइलाज बीमारी है | इस बीमारी से बचाव के लिए  वर्ष में एक बार दवा खाना जरूरी है।

उन्होंने बताया कि जनपद में फाइलेरिया उन्मूलन अभियान  सात दिसंबर तक चलाया जायेगा। इस अभियान के तहत जनपद में लगभग 28 लाख लोगों को फाइलेरिया की दवा (डीईसी और एल्बेण्डाज़ोल) उनके वजन और आयु के आधार पर खिलाई जाएगी। उन्होंने बताया कि फाइलेरिया मच्छर के काटने से होने वाला एक संक्रामक रोग है जिसे सामान्यतः हाथीपाँव के नाम से भी जाना जाता है। पेशाब में सफेद रंग के द्रव्य का जाना जिसे कईलूरिया भी कहते हैं जो फाइलेरिया का ही एक लक्षण है। इसके प्रभाव से पैरों व हाथों में सूजन, पुरुषों में हाइड्रोसील (अंडकोष में सूजन) और महिलाओं में ब्रेस्ट में सूजन की समस्या आती है। उन्होंन बताया कि इस अभियान के तहत दो वर्ष से कम आयु के बच्चों, गर्भवती और गंभीर बीमारियों से ग्रसित  व्यक्तियों को छोड़कर सभी को दवा खिलाई जाएगी। जो लोग उच्च रक्तचाप, मधुमेह, अर्थराइटिस की दवा ले रहे हैं उनको भी इस दवा का सेवन अवश्य करना है। 

 इसी क्रम में सेंटर फार एडवोकेसी एंड रिसर्च (सीफार) संस्था के सहयोग से आकार फाउंडेशन के  कलाकारों ने राष्ट्रीय फाइलेरिया कार्यक्रम के उद्घाटन के पूर्व जिला अस्पताल, मे नुक्कड़ नाटक का प्रस्तुतीकरण किया ।उसके बाद बांसडीह ब्लॉक के राजपुर,नगर पंचायत बांसडीह के वार्ड नम्बर 11 पर  रे भैया, सुनो रे बहना, सुनो रे दादा, सुनो रे अम्मा… बात पते की आज तुम्हें बताने आया हूं…हो जाओ सावधान - तुम्हें जगाने आया हूं.... हाइड्रोसील और हाथी पांव फाइलेरिया की निशानी है…कर देता है जीवन मुश्किल, यही इसकी कहानी है…।”  इस गीत के जरिए जब इन कलाकारों ने  नुक्कड़ नाटक की शुरुआत की तो उत्सुकता के साथ बड़ी संख्या में लोग वहाँ इकठ्ठा हो गए और नाटक के जरिए फाइलेरिया की गंभीरता को समझा और हर साल एमडीए राउंड में खिलाई जाने वाली दवा की उपयोगिता भी समझी ।  

कलाकारों ने अपने संदेश में यह भी बताया कि सामान्य लोगों को इन दवाओं के सेवन से कोई दुष्प्रभाव नहीं होता है । दवा के सेवन के बाद उल्टी, चक्कर, खुजली या जी मिचलाने जैसे लक्षण नजर आयें तो किसी भी तरह से घबराने की जरूरत नहीं है क्योंकि यह इस बात का प्रतीक है कि उस व्यक्ति के शरीर में फाइलेरिया के कृमि मौजूद हैं जो कि दवा खाने के बाद कीटाणुओं के मरने के कारण उत्पन्न होते हैं । साल में केवल एक बार फाइलेरिया रोधी दवाएं खाने से फाइलेरिया की बीमारी से बचा जा सकता है । कलाकारों की प्रस्तुति को दर्शकों ने सराहा और भरोसा दिलाया कि अभियान के तहत घर-घर पहुंचकर मुफ़्त खिलाई जाने वाली दवाओं का सेवन वह खुद करेंगे और परिवार व आस-पास के लोगों को भी इसके लिए प्रेरित करेंगे। 

सीफार के सहयोग से नुक्कड़ नाटक आकार फाउंडेशन के शाश्वत शुक्ला, ललिता कुमारी, सपना शर्मा, अभय सिंह, मोहित कश्यप ने प्रस्तुत किया ।

इस अवसर पर जिला मलेरिया,  अधिकारी सुनील कुमार यादव, डीवीडीसी  कंसल्टेंट रागिनी तिवारी,  फाइलेरिया एवं मलेरिया विभाग के सभी अधिकारी और कर्मचारी ,जिला कार्यक्रम प्रबंधक राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन डॉ० आरबी यादव,  सी-फार के स्टेट प्रोग्राम मैनेजर डॉ० सतीश कुमार पाण्डेय सी-फार के कालाजार एवं फाइलेरिया कार्यक्रम के जिला समन्वयक आशीष पाण्डेय एवं शक्ति पाण्डेय भी उपस्थित रहे।