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पीएम मोदी ने किया पूर्वांचल एक्सप्रेस वे का लोकार्पण,किसानों मजदूरों इंजीनियरों को दिया धन्यवाद





ए कुमार

सुल्तानपुर ।। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उत्तर प्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल व मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की उपस्थिति में बहुप्रतीक्षित पूर्वांचल एक्सप्रेस वे का मंगलवार को लोकार्पण किया । अपने संबोधन में श्री मोदी ने कहा कि हमारे जिन किसान भाई-बहनों की भूमि इसमें लगी है, जिन श्रमिकों का पसीना इसमें लगा है, जिन इंजीनियरों का कौशल इसमें लगा है, उनका भी मैं बहुत-बहुत अभिनंदन करता हूं ।



मैं यूपी के ऊर्जावान मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी, उनकी टीम और यूपी के लोगों को पूर्वांचल एक्सप्रेसवे की बहुत-बहुत बधाई देता हूं ।

मुझे मालूम था कि जिस तरह तब की सरकार ने यूपी के लोगों के साथ नाइंसाफी की जा रही है, विकास में भेदभाव किया जा रहा था, जिस तरह सिर्फ अपने परिवार का हित साधा जा रहा था, यूपी के लोग ऐसा करने वाली सरकार को हमेशा-हमेशा के लिए यूपी के विकास के रास्ते से हटा देंगे ।

गरीबों को पक्के घर मिलें, गरीबों के घर में शौचालय हों, महिलाओं को खुले में शौच के लिए बाहर ना जाना पड़े, सबके घर में बिजली हो, ऐसे कितने ही काम थे, जो यहां किए जाने जरूरी थे।लेकिन मुझे बहुत पीड़ा है, कि तब यूपी में जो सरकार थी, उसने मेरा साथ नहीं दिया ।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जनसभा को संबोधित करते हुए अपना भाषण स्थानीय भाषा में शुरू किया। उन्होंने कहा कि जिस धरती पर हनुमानजी ने कालनेमि का वध किया। उस पावन धरती के लोगों का मैं चरण स्पर्श करता हूं। उन्होंने पूर्वांचल एक्सप्रेस वे के लोकार्पण की जनता को बधाई दी। उन्होंने कहा कि दुनिया में जिसको भी यूपी के लोगों का सामर्थ्य देखना हो वो पूर्वांचल एक्सप्रेसवे को देख ले। यह एक्सप्रेसवे नए यूपी का एक्सप्रेसवे है। ये एक्सप्रेसवे यूपी की संकल्प शक्ति का प्रकटीकरण है। यह एक्सप्रेसवे यूपी की बढ़ती अर्थव्यवस्था का प्रतीक है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि तीन साल पहले जब मैंने पूर्वांचल एक्सप्रेसवे का शिलान्यास किया था तब मैंने नहीं सोचा था कि एक दिन इस एक्सप्रेसवे पर ही मैं विमान से उतरूंगा भी। यह एक्सप्रेसवे यूपी के विकास का एक्सप्रेसवे है। यह एक्सप्रेसवे यूपी की प्रगति का एक्सप्रेसवे है।




कहा कि कौन भूल सकता है कि पहले यूपी में पहले कितनी बिजली कटौती होती थी।कौन भूल सकता है कि यूपी में कानून व्यवस्था की क्या हालत थी।कौन भूल सकता है कि यूपी में मेडिकल सुविधाओं की क्या स्थिति थी।यूपी में तो हालात ऐसे बना दिये थे कि यहाँ सड़कों पर राह नहीं होती थी, राहजनी होती थी ।

पिछले मुख्यमंत्रियों के लिए विकास वहीं तक सीमित था जहां उनका घर था। लेकिन आज जितनी पश्चिम की पूछ है, उतनी ही पूर्वांचल के लिए भी प्राथमिकता है।पूर्वांचल एक्सप्रेसवे आज यूपी की इस खाई को पाट रहा है, यूपी को आपस में जोड़ रहा है ।

ये भी एक सच्चाई थी कि यूपी जैसा विशाल प्रदेश, पहले एक दूसरे से काफी हद तक कटा हुआ था।अलग अलग हिस्सों में लोग जाते तो थे लेकिन एक दूसरे से कनेक्टिविटी ना होने की वजह से परेशान रहते थे। पूरब के लोगों के लिए लखनऊ पहुँचना भी महाभारत जीतने जैसा होता था ।









सीएम योगी ने अपने संबोधन में पूर्वांचल एक्सप्रेस वे के निर्माण का सारा क्रेडिट प्रधानमंत्री को देते हुए कहा कि आज से 3 साल पहले पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे के शिलान्यास का कार्यक्रम संपन्न हुआ था। पिछले 19 महीने से पूरी दुनिया कोविड महामारी का सामना कर रही है। इसके बावजूद प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व का ही परिणाम है कि आज पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे का उद्घाटन संपन्न होने जा रहा है ।

पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे सिर्फ आवागमन का माध्यम नहीं बल्कि पूर्वी उ.प्र. जो आज़ादी के बाद से भौतिक विकास के मापदंडों को पूरा करने में विफल रहा था। उस पूर्वी उ.प्र. को विकास की नई जीवन रेखा के रूप में स्थापित किए जाने वाले प्रयास का हिस्सा होगा ।



जाने पूर्वांचल एक्सप्रेस वे की क्या है खासियत

एक्सप्रेस-वे लखनऊ के चांद सराय से शुरू होगा और गाजीपुर तक पहुंचेगा. इसे बनाने में 22 हजार 497 करोड़ रुपये का खर्चा आया है. ये एक्सप्रेस-वे 9 जिलों लखनऊ, बाराबंकी, अमेठी, अयोध्या, सुल्तानपुर, अंबेडकरनगर, आजमगढ़, मऊ और गाजीपुर से होकर निकलेगा. प्रधानमंत्री मोदी ने जुलाई 2018 में आजमगढ़ से इसकी आधारशिला रखी थी.

अभी 6 लेन, बाद में 8 लेन भी हो सकता है

पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे लखनऊ के चांद सराय गांव से शुरू होगा जो गाजीपुर में NH-31 पर स्थित हैदरिया गांव पर खत्म होगा. ये गांव यूपी-बिहार बॉर्डर से 18 किलोमीटर पहले पड़ता है. ये एक्सप्रेस-वे अभी 6 लेन का बनाया गया है, जिसे भविष्य में 8 लेन भी किया जा सकता है. दावा है कि इस एक्सप्रेस-वे से गाजीपुर से दिल्ली पहुंचने में 10 घंटे लगेंगे. यूपी सरकार के मुताबिक, अक्टूबर 2018 में इसका काम शुरू हुआ था और तीन साल में इसे पूरा कर लिया गया.

अभी नहीं देना होगा टोल

एक अनुमान के मुताबिक, 341 किलोमीटर के पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे का सफर तय करने में करीब 4 घंटे का वक्त लगेगा. इस एक्सप्रेस-वे से सरकार को टोल से 202 करोड़ रुपये का राजस्व प्राप्त होगा. फिलहाल लोगों को टोल टैक्स नहीं देना पड़ेगा. यानी अभी कुछ दिन यह सफर मुफ्त रहेगा. लेकिन बाद में टोल टैक्स वसूलने का काम निजी कंपनी को दिया जाएगा. यह कंपनी जल्द प्रति किमी के हिसाब से टोल की दरें तय करेगी और इसके बाद टोल बूथ पर टोल लगेगा. माना जा रहा है कि इसकी दरें लखनऊ आगरा एक्सप्रेस-वे की दरों के आसपास ही रखी जाएगी.

18 फ्लाईओवर, 7 ओवरब्रिज बनाए गए

इस एक्सप्रेस-वे पर 18 फ्लाईओवर, 7 रेलवे ओवरब्रिज, 7 दीर्घ सेतु, 104 लघु सेतु, 13 इंटरचेंज, 5 रैम्प प्लाजा, 271 अंडरपासेज और 525 पुलियों का निर्माण कराया गया है.

पूर्वांचल एक्‍सप्रेस-वे से जुड़ी खास बातें

गाजीपुर से दिल्ली पहुंचने में 10 घंटे लगेंगे.

- राजधानी से पूर्वांचल के आखिरी छोर तक सीधी कनेक्टिविटी हो जाएगी.

- पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे से खेती-किसानी के लिए कारोबार के नए रास्ते खुलेंगे.

सब्जी और दुग्ध व्यवसाय को एक्सप्रेस वे से फायदा होगा.

- गाजीपुर से बिहार को जोड़ने के प्रस्ताव पर भी काम चल रहा है.

- फिलहाल लोगों को टोल टैक्स नहीं देना पड़ेगा.

- वाहनों की गति सीमा 100 किमी प्रति घंटा निर्धारित की गई है.

लेकिन इन बातों का रखना होगा ध्यान

पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे बनकर तो तैयार हो गया है और इस पर आज से ही आवाजाही शुरू हो जाएगी. लेकिन अभी भी कुछ सुविधाएं यहां नहीं हैं. 341 किलोमीटर के सफर में ना तो रास्ते में पेट्रोल मिलेगा ना ही टॉयलेट और अगर गाड़ी खराब हुई तो गैराज भी नहीं मिलेगा. इतना ही नहीं, खाने-पीने की भी व्यवस्था अभी नहीं हुई है. हालांकि, सरकार का कहना है कि इनके इंतजाम किए जा रहे हैं. UPEIDA का कहना है कि एक्सप्रेस-वे पर 8 जगहों पर फ्यूल पंप और 4 जगहों पर सीएनजी स्टेशन बनाए जाने हैं ।

एयरफोर्स के  विमानों की हुई लैंडिंग,राफेल मिराज सुखोई ने दिखाए करतब व ताकत

पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे के उद्घाटन के बाद पीएम मोदी और सीएम योगी के सामने ही वायु सेना के लड़ाकू विमानों ने ताकत का एहसास कराने के साथ ही करतब दिखाया। सुल्तानपुर में बनी हवाई पट्टी पर राफेल, सुखोई और मिराज जैसे लड़ाकू विमानों का टच एंड गो ऑपरेशन हुआ।

विमानों ने आकाश में अंग्रेजी के आठ का आकार बनाने के साथ ही तिरंगा भी बनाकर लोगों की तालियां बटोरी। 3.2 किलोमीटर लंबी हवाई पट्टी के पास ही मिराज में फ्यूल भी भरा गया। करीब 40 मिनट के एयर शो में 30 लड़ाकू विमानों ने करतब दिखाए।

एयर शो से पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी वायुसेना के विमान से ही सीधे एक्सप्रेस-वे पर ही उतरे। वे हरक्युलिस विमान से किसी एक्सप्रेस वे पर पहुंचने वाले पहले प्रधानमंत्री बन गए। इसके बाद प्रधानमंत्री के सामने ही एयरफोर्स के विमानों ने इतिहास रचा। वायुसेना के मिराज-2000 मल्टीरोल फाइटर ने एक्सप्रेस-वे पर बनाई गई इमरजेंसी एयरस्ट्रिप पर लैंडिंग की।

एयर स्ट्रिप के बगल में ही मिराज में फ्यूल भी भरा गया। इसके बाद कमांडोज को लेकर एयरफोर्स का ट्रांसपोर्ट प्लेन AN-32 हाईवे पर उतरा। इन कमांडोज ने ऑपरेशन को अंजाम देने का नजारा भी पेश किया। इसके अलावा सुखोई, मिराज, राफेल, एएन 32, सूर्यकिरण जैसे विमानों ने करतब दिखाए। राफेल फाइटर प्लेन पहली बार भारत की किसी सड़क पर उतरे।

एयरो शो के बाद पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे UP का तीसरा एयर स्ट्रीप वाला एक्सप्रेस-वे हो गया है। यहां लड़ाकू विमान लैंडिंग और टेक ऑफ कर सकते हैं। इससे पहले आगरा एक्सप्रेस-वे और यमुना एक्सप्रेस वे पर लड़ाकू विमान उतर चुके हैं। सुरक्षा व्यवस्था के मद्देनजर कार्यक्रम स्थल से लगभग 10 किलोमीटर के एरिया का सुरक्षा घेरा बनाया गया।

एयरफोर्स के AN-32 मिलिट्री ट्रांसपोर्ट एयरक्राफ्ट ने पूर्वांचल एक्सप्रेस वे पर लैंडिंग की। इसमें सेना के कमांडो एयर स्ट्रिप पर उतरे और आपरेशन दिखाया। एन-32 को नाटो देशों की सेनाएं लंबे समय से यूज करती आई हैं। एयरफोर्स के साथ-साथ सेना के जवानों ने भी शौर्य का प्रदर्शन किया।

लड़ाकू विमान भी उतर सकेंगे

इस एक्सप्रेस-वे पर लड़ाकू विमान भी उतारे जा सकेंगे. इसके लिए सुल्तानपुर में 3.2 किमी लंबी और 34 मीटर चौड़ी हवाई पट्टी भी तैयार की गई है. जरूरत पड़ने पर वायुसेना इस एक्सप्रेस-वे का इस्तेमाल लैंडिंग और उड़ान भरने के लिए कर सकती है.

यूपी चुनाव से पहले पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे
अयोध्या से शुरू हुआ चुनावी दांव अब पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे तक पहुंच गया है. यही वजह है कि पूर्वांचल की सियासी बिसात पर अभी से गोटियां बिछने लगी हैं. 20 अक्टूबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के साथ कुशीनगर इंटरनेशनल एयरपोर्ट की सौगात देकर विकास के नाम पर पूर्वांचल की सियासी चौसर पर मजबूत पासा फेंका था. अब पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे इसी कड़ी में दूसरा बड़ा दांव माना जा रहा है ।

दरअसल, तमाम पार्टियां अपने सियासी पैंतरे से पूर्वांचल को साधने की जुगत में हैं, लेकिन पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे के दांव से बीजेपी विरोधियों पर 21 पड़ सकती है. 2022 का चुनावी मुद्दा क्या होगा ये उत्तर प्रदेश के पूर्वांचल ने लगभग सेट कर दिया है. साफ है यूपी के सियासी दरबार की राह ही पूर्वांचल से होकर जाती है और उसी राह पर अब बीजेपी एक्सप्रेस वे की रफ्तार पकड़ना चाहती है ।