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ददरी मेला में व्यापारी परेशान,अब तक नही हुई दुकाने एलाट,नगर पालिका प्रशासन की लापरवाही मेले पर पड़ेगी भारी



मधुसूदन सिंह

बलिया ।। जनपद का धार्मिक व ऐतिहासिक पहचान रखने वाला ददरी मेला की शुरुआत कार्तिक पूर्णिमा स्नान 19 नवम्बर से होने वाली है । इस दिन लगभग 5 से 10 लाख तक लोग गंगा में स्नान करने के बाद पुण्यलाभ के साथ मेले से खरीदारी भी करते है । मेले के दुकानदार भी कार्तिक पूर्णिमा स्नान के दिन की प्रतीक्षा करते है क्योंकि इस दिन जो बिक्री हो जाती है, वह दूसरे दिन नही हो पाती है ।





लेकिन इस साल नगर पालिका के अधिकारियों की लापरवाही कहे या धन उगाही के लिये व्यापारियों को परेशान करने की योजना कहे, मेले में मंगलवार दो बजे तक व्यापारियों को दुकान आवंटित करने वाले जिम्मेदार अधिशाषी अधिकारी व इनके सहयोगी मेला स्थित कैम्प कार्यालय में उपस्थित ही नही थे ।




दुकानों के आवंटन में हो रही देरी से व्यापारियों का हुजूम नगर पालिका के मेला स्थित कैम्प कार्यालय पर नारेबाजी करते हुए देखा गया । जबकि दुकानों के आवंटन के सम्बंध में जिलाधिकारी बलिया अदिति सिंह ने साफ लफ्जो में हिदायत दे रखी है कि आवंटन में किसी भी प्रकार की शिकायत मिलने पर सम्बंधित के खिलाफ कठोर कार्यवाही की जाएगी । बावजूद अगर नगर पालिका के अधिकारियों का यह रवैया है तो साफ समझा जा सकता है कि ईओ बलिया को डीएम के आदेश की भी कोई परवाह नही है ।

आवंटन करने वालो के लिये कामधेनु की तरह होते है व्यापारी

ददरी मेला में दुकानों को आवंटित करने वालो के लिये व्यापारी कामधेनु की तरह होते है । जो दुकानदार इनको सरकारी रसीद के अतिरिक्त जबरदस्त चढ़ावा देते है,उनको पहले आवंटित कर दिया जाता है । जबकि जो आनाकानी करते है,उनको सबसे अंत मे ऐसी जगह आवंटित की जाती है जहां उसको अपना खर्च निकालना मुश्किल हो जाता है ।




तीन दिन से झूला वाले कर रहे है इंतजार

मेले की सर्वाधिक पसंदीदा आइटम झूला होता है, जहां बच्चे सबसे ज्यादे मनोरंजन करने के लिये पहुंचते है । ये झूला लगाने वाले दूर दूर से आते है । वर्षो से ददरी मेला में झूला लगाने वाले पिछले तीन दिनों से जमीन आवंटन के इंतजार में है लेकिन इनको मंगलवार तक जमीन आवंटित ही नही की गई है ।

देखे व्यापारियों का क्या है कहना -