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महिलाएं रात को थाने,ना बा ना : बेबी रानी मौर्य



वाराणसी ।। यूपी में कानून व्यवस्था की स्थिति कितनी अच्छी है,इसका बखान अब भाजपा के ही बड़े नेता करते दिख रहे है । पहले थाना सुरक्षित जगह मानी जाती थी लेकिन अब स्थिति इतनी भयावह हो गयी है कि उत्तराखंड की पूर्व राज्यपाल और भाजपा की राष्ट्रीय उपाध्यक्ष बेबी रानी मौर्य महिलाओ को सलाह देती दिखी कि शाम 5 बजे के बाद थानों पर न जाये ।

2022 में उत्तर प्रदेश के अंदर विधानसभा चुनाव होने है। चुनावों से पहले सत्ताधारी पार्टी बीजेपी के नेता ही प्रदेश में महिला सुरक्षा के दावे पर खुद ही सवाल खड़े करते नजर रहे हैं।



जी हां...शुक्रवार 22 अक्टूबर को वाराणसी पहुंची भाजपा की राष्ट्रीय उपाध्यक्ष और पूर्व राज्यपाल बेबी रानी मौर्य ने महिलाओं को नसीहत दी है कि वो अंधेरा होने के बाद थाने कतई न जाएं।

दरअसल, बेबी रानी मौर्य 22 अक्टूबर को वाल्मीकि महोत्सव के कार्यक्रम में शामिल होने वाराणसी पहुंची थी। इस दौरान बेबी रानी मौर्य ने महिलाओं को संबोधित करते हुए कहा कि - थानों में एक महिला अधिकारी और सब-इंस्पेक्टर जरूर बैठती हैं, लेकिन एक बात मैं जरूर कहूंगी कि शाम 5 बजे अंधेरा होने के बाद थाने कभी मत जाना। अगर जरूरी हो तो अगले दिन सुबह जाना और अपने साथ भाई, पति या पिता को लेकर ही थाने जाना।

भाजपा की राष्ट्रीय उपाध्यक्ष और पूर्व राज्यपाल बेबी रानी मौर्य कहा कि महिलाओं के लिए योगी सरकार ने बहुत काम किया है। इस वजह से महिलाओं की स्थिति में अब उत्तर प्रदेश में बदलाव दिखता है। प्रदेश की सरकार समाज के सभी वर्गों के लिए लगातार काम किया है और काम कर रही है। इसी वजह से विपक्षी दलों के पास सरकार को घेरने के लिए ठोस मुद्दों का अभाव है।



खाद का संकट नहीं, अधिकारी कर रहे बदमाशी

वाराणसी में बोलते हुए बेबी रानी मौर्य ने कहा कि यूपी में खाद का संकट नहीं है, लेकिन अधिकारी गुमराह कर रहे है। किसानों को खाद ना मिलने पर उदाहरण देते हुए मौर्य ने कहा, 'अधिकारी सभी को गुमराह करते रहते हैं। मुझे परसो आगरा से एक किसान भाई का फोन आया था। उसे खाद नहीं मिल रही थी। मेरे कहने पर अधिकारी ने कहा कि खाद मिल जाएगी, लेकिन आज उस अधिकारी ने मना कर दिया कि मैं नहीं दूंगा।'

इस तरह की बदमाशी निचले स्तर पर होती है। इसे आप लोगों को देखने की जरूरत है। अगर कोई भी अधिकारी बदमाशी कर रहा है तो उसकी शिकायत डीएम से करो, प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर दो। समस्या का समाधान हर हाल में होगा। प्रदेश सरकार किसानों की छोटी से छोटी समस्या के समाधान के लिए प्रतिबद्ध है और इसके अनेकों उदाहरण लोगों ने देखे हैं।

(साभार)