Breaking News

जबतक कर्मचारियों को पेंशन नही,तब तक एमपी एमएलए की भी पेंशन हो बन्द







शिक्षको , अनुदेशकों, शिक्षा मित्रों का बैरिया बी आर सी पर धरना

डॉ सुनील कुमार ओझा

बैरिया बलिया ।।  हिन्दी दिवस के अवसर पर सरकार से अपनी मांगो को पुरी करने हेतु प्रदेशीय प्राथमिक शिक्षक संघ के आह्वान पर मंगलवार को बैरिया ब्लॉक क्षेत्र के प्राथमिक शिक्षकों, शिक्षामित्रों, अनुदेशकों एवं रसोइयों ने पुरानी पेंशन बहाली सहित 21 सूत्रीय मांगो को लेकर बीआरसी पर धरना दिया। इस दौरान शिक्षकों ने कहा कि सरकार जब तक शिक्षकों सहित अन्य कर्मचारियों की मांगो पर विचार नहीं करेगी, शिक्षकों का आंदोलन चलता रहेगा। वक्ताओं ने कहा कि नेता  हम लोगो से अच्छे काम करने का वादा कर वोट ले लेता है और लोक सभा तथा विधान सभा में जाते है तो कर्मचारियों के खिलाफ षड्यंत्र रचते है। कहे कि नेता एक बार एमपी एमएलए हो जाने के बाद आजीवन पेंशन के हकदार हो जाते है और शिक्षक इस देश के नए निर्माण हेतु जीवन पर्यन्त लगा रहता है फिर भी इन्हें कुछ नही मिलता। यह कर्मचारियों के साथ अन्याय है। 

कहा कि जब तक कर्मचारियों को पेंशन सरकार नहीं देगी, नेताओ को भी पेंशन नहीं मिलनी चाहिए। वक्ताओं ने कहा कि हम अपने हक के लिए पानी का बौछार व लाठी का भी सामना करने के लिए तैयार है। कहे कि सरकार शिक्षकों पर प्रेरणा लक्ष्य पूरा करने हेतु दबाव बना रही है जबकि किसी भी प्राथमिक विद्यालय में शिक्षकों की संख्या पूरी नहीं है। ऐसे में प्रेरणा लक्ष्य कैसे पूरा होगा। कहे कि सरकार प्रेरणा लक्ष्य पूरा करने के लिए शिक्षकों की संख्या पूरी करे ।

इस  धरने में, अनुदेशक, रसोइया भी उपस्थित रहीं। जिसमे मुख्यरूप से चूड़ामणि, प्रभु नारायण मिश्र विमलेश यादव,श्याम नंद मिश्र,अरविन्द सिंह,ब्रह्मा शंकर दुबे, करन कुमार,रमेश कुमार , सत्यप्रकाश जी,शकुंतला वर्मा, सुखदेव पाण्डेय, लक्ष्मण यादव,रमेश पाण्डेय, अवनीश उपाध्याय,प्रदीप यादव,मीरा पाण्डेय साधना, जीवन ज्योति, डॉ संतोष कुमार, अजित कुमार सिंह, प्रेम प्रकाश पाठक, पवन मिश्र, महामंत्री प्रवीण कुमार ओझा रहे।अध्यक्षता सुनील कुमार सिंह तथा संचालन शिक्षा मित्र मनीष सिंह ने किया।


प्रमुख मांगे


1- पुरानी पेंशन बहाल करो


2- कैशलेस चिकित्सा, एसीपी, उपार्जित अवकाश एवं द्वितीय शनिवार अवकाश हो।


3- छात्रों के बैठने हेतु फर्नीचर, बिजली,पंखे, पीने का शुद्ध पानी एवं विद्यालय की चहारदीवारी हो।



 

4- प्रत्येक कक्षा पर अध्यापक, प्रत्येक विद्यालय में प्रधानाध्यापक, लिपिक, चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी एवं चौकीदार हो।



 

5- शिक्षकों के अतःजनपदीय एवं अंतर्जनपदीय स्थानांतरण हो।


6- संविलयन निरस्त करो, शिक्षकों को पदोन्नति दो।


7- ऑनलाइन कार्य के नाम पर शिक्षकों का शोषण बन्द करो।


8- 17140 व 18150 की विसंगति दूर करो, सभी शिक्षकों को प्रोन्नत वेतनमान दो।


9- सेवानवृत शिक्षकों/पेंशनर्स की समस्याओं का निराकरण करो।


10- सभी शिक्षामित्र, अनुदेशक, विशेष शिक्षक एवं कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालयों के शिक्षकों को स्थाई शिक्षक बनाओ।


11- सभी रसोइयों को स्थाई करो एवं प्रतिमाह दस हजार मानदेय दो।


12- आंगनबाड़ी सहायिका को दस हजार एवं आंगनबाड़ी कार्यकत्री को 15 हजार प्रतिमाह वेतन करो।


13- परिवार नियोजन प्रोत्साहन भत्ता, नगर प्रतिकर भत्ता बहाल करने एवं महंगाई भत्ते का एरियर भुगतान करो।


14- सामूहिक बीमा की धनराशि दस लाख करो।


15- वार्षिक प्रविष्टि का शासनादेश वापस लो।


16- उप्र शिक्षा सेवा अधिकरण विधेयक 2021 वापस लो।


17- मृतक शिक्षकों के परिवारों को ग्रेच्युटी क भुगतान करो।


18- मृतक शिक्षकों के आश्रितों को टीईटी से मुक्ति दो।



 

19- मृतक शिक्षकों के आश्रितों को लिपिक के अधिसंख्य पदो पर नियुक्ति दो।


20- को रोना महामारी एवं पंचायत निर्वाचन के दौरान मृत शिक्षक, शिक्षामित्र एवं अनुदेशकों के परिवारों को एक करोड़ का मुआवजा दो।


21- मृतक शिक्षामित्र, अनुदेशक एवं विशेष शिक्षक के आश्रितों को नौकरी दो।