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खाला का घर बन गया है बाल विकास एवं पुष्टाहार परियोजना कार्यालय सुखपुरा,भगवान भरोसे हो रहा है संचालित





सुखपुरा (बलिया) ।।बेरुआरबारी ब्लाक का बाल विकास एवं पुष्टाहार परियोजना कार्यालय जो सुखपुरा कस्बे से संचालित होता है,कर्मचारियों के लिये खाला का घर बन गया है । जिसकी जब मर्जी होगी आयेगा, जब मर्जी होगी जायेगा या नही आएगा ,कोई रोकटोक करने वाला है ही नही ।

सरकार द्वारा ऐसे कार्यालयों को खोलकर गरीब तबके के बच्चों को पुष्टाहार देकर उनको कुपोषण से बचाने का प्रयास किया जा रहा है । ऐसे में सरकार द्वारा सुविधा तो बहुत दी जा रही है लेकिन यहां पदस्थ कर्मियों की मनमर्जी आने जाने से सरकार की मंशा को धूमिल हो रही है और यह कहने में संकोच नही है कि यह कार्यालय भगवान भरोसे ही संचालित हो रहा है।



बता दे कि बुधवार की दोपहर करीब बारह बजे यह  कार्यालय तो खुला थालेकिन कोई भी कर्मचारी दिखायी नही दे रहा था। खोजबीन करने पर एक दूसरे कमरे मे एक व्यक्ति गहरी निद्रा मे सोया हुआ मिला।जगा कर पुछने पर वह अपना नाम अमीत सिंह बताया । कहा कि वह चतुर्थ श्रैणी कर्मचारी के रुप मे तैनात है।जब उससे अन्य कर्मचारियों के बारे मे पूंछा गया तो कुछ नही बता पाया।

बाल विकास परियोजना अधिकारी पुनम सिंह  से अमित ने बात करायी तो वह मनियर में होने की बात कही । जब इस बावत उपजिलाधिकारी बांसडीह दुष्यंत कुमार से बताया गया तो उन्होने इसकी जांच करने की बात कही।खण्ड विकास अधिकारी बेरुआरबारी ने बताया की वह बांसडीह मिटींग मे है।वह सीडीपीओ से अभी बात कर रहे है।

करीब एक बजे बड़े बाबू कार्यालय पहुंचे । उन्होंने बताया कि वह वेतन के लिए  कार्यालय गए थे।बहरहाल जो भी हो सरकार द्वारा एक एक केन्द्र के लिए करोड़ों रुपये का खाद्य सामग्री (पुष्टाहार) दिया जा रहा है।गोदाम मे हजारो लिटर तेल व कई हजार किलो  चना दाल पड़ी है लेकिन मौके पर किसी कर्मचारी के न रहने पर यहाँ कुछ भी हो सकता है।