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थाने में पीड़िता के ऊपर डाला जा रहा था दबाव,17 जुलाई को पीड़िता ने किया वीडियो वायरल,अब थाने से ही पीड़िता लापता

 



मधुसूदन सिंह

बलिया ।। जब रक्षक ही भक्षक की भूमिका में आ जाये तो इंसाफ मिलना कितना कठिन हो जाता है ,इसका जीता जागता सबूत रसड़ा कोतवाली से एक पीड़िता द्वारा वायरल किया गया वीडियो है । जहां पुलिस अपनी अभिरक्षा में न सिर्फ पीड़िता के साथ अभद्र व अश्लील भाषा का प्रयोग करती है बल्कि नाबालिग (पीड़िता)को भगाकर ले जाने वाले युवक के पक्ष में बयान देने के लिये दबाव डालती है । 15 जुलाई को बरामद कर अपनी अभिरक्षा में मेडिकल कराने के नाम पर अपने पास दो दिनों तक रखती है और जब पीड़िता ने वीडियो वायरल कर दिया तब से वह गायब बतायी जा रही है ।

सुनिये पीड़िता ने वीडियो वायरल कर क्या आरोप लगाया है




बता दे कि रसड़ा कोतवाली अंतर्गत एक गांव की नाबालिक किशोरी को बहला फुसला कर भगा ले जाने की परिजनों द्वारा दी गयी तहरीर पर पुलिस ने 10जून को मुकदमा दर्ज कर खोज बिन शुरू कर दिया ।परिजनों की माने तो लड़की 15 जुलाई को बरामद भी हो गयी और परिजनों के सामने थाने में 2 दिन रखा गया ।पूछने पर रसड़ा पुलिस ने मेडिकल की बात कह मामले को आगे बढ़ा दिया । 


इसी बीच किशोरी के द्वारा एक वीडियो बनाकर परिजनों को भेजा गया ,जिसमे किशोरी ने रसड़ा पुलिस पर गंभीर आरोप लगाया ,किशोरी ने बताया कि बयान बदलने के लिए मुझे पुलिस प्रताड़ित कर रही है ,साथ ही मारपीट की भी बात कही है ।


परिजनों का आरोप है कि किशोरी 15 जुलाई को थाना रसड़ा में थी लेकिन8 दिन हो गए अब तक पता नही कहाँ है ।अब पुलिस की अभिरक्षा के बाद लड़की का पता नही ।

बता दे कि बलिया पुलिस की इस तरह की कारिस्तानी पहली नही है । शहर कोतवाली में भी एक युवती द्वारा एक मुस्लिम युवक पर धर्म छुपाकर दो सालों तक यौन शोषण करने और अब धर्म बदल कर निकाह करने का दबाव डालने का आरोप लगाते हुए तहरीर दी गयी थी । लेकिन कोतवाली पुलिस ने धर्म परिवर्तन के लिये दबाव डालने की दफा ही नही लगायी और मात्र 376,506,420 में मुकदमा पंजीकृत कर आरोपी को जेल भेज दिया है ।

सबसे बड़ा सवाल यह है कि किस कानून के अंतर्गत पुलिस एक नाबालिग पीड़िता को कोतवाली रसड़ा में रखी थी ? क्या कोतवाल महोदय को cwc को पीड़िता को सौंपना नही चाहिये था ? आखिर क्यों पीड़िता को थाने में रखे,क्या पीड़िता आरोपी है या कोई मुजरिम ?