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शव रखकर परिजन बैठे धरने पर,पुलिस ने समझा बुझाकर घर भेजा

 




नरही(बलिया) ।। गर्भवती महिला के इलाज में देर हो जाने के चलते अस्पताल में हुई मौत को लेकर परिजनों ने हंगामा कर दिया है । परिजन मुख्य द्वार पर शव रखकर धरने पर बैठ गए। मौके पर पहुंची पुलिस ने काफी प्रयास के बाद परिजनों को समझाकर मामले को शांत कराया।

बता दे कि सुनैनी 30 वर्ष पत्नी धनंजय राजभर मौरा-गाजीपुर को प्रसव कराने के लिए उसका पति अपने ससुराल सलेमपुर चौरा लेकर आया। शुक्रवार की रात 8:30 बजे दिक्कत होने पर उसको मायके वालों के साथ सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र नरही लेकर पहुंचे। यहां पर डॉक्टर के अभाव में गर्भवती तड़प रही थी। जबकि इस सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पर महिला डॉ सहित डाक्टरों की फौज तैनात हैं।साथ आए लोगों का कहना था कि लगभग डेढ़ घंटे के बाद डॉक्टर आए और देखकर बताएं कि इसकी मौत हो चुकी है। पति और मायके से साथ आए लोगों ने यह सुनकर की मौत हो चुकी है हंगामा कर दिया। उनका कहना था कि डेढ़ घंटे से हम लोग चिल्ला रहे हैं, कोई आया तक नहीं। डॉक्टरों की लापरवाही का आरोप लगाकर वही शव रखकर धरने पर बैठ गए। सूचना पाकर मौके पर पहुंची न रही पुलिस ने किसी तरह परिजनों को समझा-बुझाकर के शव को हटवाया।

इस संबंध में पूछने पर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के अधीक्षक डॉ साकेत बिहारी शर्मा ने बताया कि यह लोग डेड बॉडी ही लेकर आए थे और कोरोना का सर्टिफिकेट बनाने के लिए दबाव बना रहे हैं। लेकिन अधीक्षक साहब यह नही बताये कि परिजनों द्वारा कोरोना का सर्टिफिकेट मांगने पर मृतका का कोरोना टेस्ट क्यो नही कराये ?

बता दे कि सलेमपुर चौरा निवासी गर्जन राजभर अपनी पुत्री सुनैनी की शादी 7 वर्ष पूर्व धनंजय राजभर निवासी गौरा गाजीपुर के साथ की थी। जिसको एक 3 वर्ष का लड़का है।

बलिया जनपद नहीं देश है, इस उक्ति को चरितार्थ कर रहा है नरही का सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र। यहां पर ड्यूटी शासन के नियम कायदे के अनुसार नहीं बल्कि अपनी मनमर्जी से चलती है। यहां पर तैनात डॉक्टरों की फौज आपस में तालमेल बैठा कर अपनी मर्जी से ड्यूटी करते हैं। जबकि डाक्टरों के रहने के लिए परिसर में ही आवास भी उपलब्ध है। और आवास एलाट भी डाक्टरों को हुआ है। लेकिन दिखते नहीं है डॉक्टर लोग। किसी तरह खानापूर्ति करने के लिए एक डॉक्टर की ड्यूटी पारी बांधकर लगा दी जाती है। सरकार चाहे किसी की भी रही हो। इन पर अंकुश लगाना मुश्किल ही नहीं नामुमकिन है ।