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प्रेरणा ज्ञानोत्सव बना राजनैतिक दल के प्रचार का मंच, खण्ड शिक्षा अधिकारी ने किया सरकारी धन के गबन हेतु गाइडलाइंस का उलंघन







मधुसूदन सिंह

बलिया ।। जनपद के रसड़ा ब्लॉक के खंड शिक्षा अधिकारी हेमंत मिश्र ने प्रेरणा ज्ञानोत्सव को एक राजनैतिक दल के नेता जो जिला पंचायत सदस्य के संभावित प्रत्याशी है,के प्रचार का उत्सव मना दिया । यही नही डायट जिस ब्लॉक में स्थित हो उसमें कार्यक्रम न कराकर नेता जी जिस विद्यालय के प्रबंधक है, उसमें कराकर निश्चित तौर पर इस आयोजन के लिये मिले धन का गबन करने का कुचक्र है । क्योंकि शासन ने जिस मंशा से यह आयोजन कराने का निर्देश दिये है उस गाइडलाइंस का खण्ड शिक्षा अधिकारी रसड़ा ने धज्जियां ही उड़ाई है ।

बता दे कि शासन से इस आयोजन के लिये प्रत्येक प्रतिभागी के लिये भोजन के मद में 150 रुपये (कुल 250 लोगो के लिये 37500) और टेंट माइक आदि के लिये 15000 रुपये की धनराशि दी गयी है । इस कार्यक्रम में प्रधानाध्यापक, एसडीएम, तहसीलदार,सीएचसी पीएचसी के प्रभारी,बीडीओ ,थानाध्यक्ष, चौकी इंचार्ज जैसे अधिकारियों को प्रतिभाग करना था जो यहां से जानकारी लेकर अपने अपने क्षेत्रों में आमजन को जागरूक कर सके । लेकिन खण्ड शिक्षा अधिकारी ने इस गाइडलाइन्स का भी पालन नही किया । मंच पर नेता जी को इस लिये आसीन किया कि नेता जी की कृपा से शासन से मिले धन का गबन जो करना था । नेता जी ने अपने महाविद्यालय का हाल दिया,कुर्सियां दी, माइक दी, और तो और सभी को खाने के लिये 4-4 खास्ता वाला लंच पैकेट भी दिया । यही नही इस कार्यक्रम में खण्ड शिक्षा अधिकारी ने 4 सहायक अध्यापकों को सम्मानित भी किया । अब सब लोग पूंछ रहे है कि अगर विद्यालय में अच्छा कार्य हुआ तो प्रधानाध्यक सम्मानित होना चाहिये,फिर ये सहायक अध्यापक किस बात के लिये उस कार्यक्रम में सम्मानित हुए जिसमे इनको प्रतिभाग करने की इजाजत ही नही थी ?

टेंट में कार्यक्रम आयोजित करने की शासन की मंशा को भी खण्ड शिक्षा अधिकारी समझ ही नही पाये । शासन का आदेश था कि 100 दिनों तक चलने वाले इस प्रेरणा ज्ञानोत्सव का आयोजन क्षेत्र के 5 प्राथमिक विद्यालयों में बारी बारी से कराया जाय । जिससे इसमे प्रतिभाग करने वाले अधिकारी विद्यालयों की गुणवत्ता को भी परख सके और उसका उदाहरण अपने अन्य विद्यालयों के निरीक्षण में बता सकें । अब देखना है कि सरकारी धन के गबन करने के इरादे से खण्ड शिक्षा अधिकारी रसड़ा द्वारा जो कृत्य किया गया है जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी बलिया क्या रुख अपनाते है ।

क्या है प्रेरणा ज्ञानोत्सव

शासन द्वारा आदेशित प्रेरणा कैंपेन ज्ञान उत्सव कैंपेन 100 दिन का एक विशेष अभियान है यह अभियान विद्यालय खुलने के पहले दिन से ही प्रारंभ किया जाएगा और लगातार 100 दिन तक निरंतर परिषदीय विद्यालयों में चलेगा।

इस अभियान के अंतर्गत कोविड प्रोटोकॉल के अनुसार जागरूकता का पालन करते हुए मिशन प्रेरणा के लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए एक अभियान की तरह कार्य किया जाएगा। जिसे प्रेरणा ज्ञानोत्सव कैंपेन का नाम दिया है।


 प्रेरणा ज्ञानोत्सव कैंपेन अभियान 100 दिन तक निरंतर चलता रहेगा। जिसमें समस्त विद्यालयों में मिशन प्रेरणा के कार्यक्रमों का संचालन विद्यालय खुलने के प्रथम दिन से ही निरंतर 100 दिन तक चलता रहेगा। इस अभियान के अंतर्गत निम्नलिखित गतिविधियां आयोजित की जाएंगी।



1. अभियान को प्रारंभ करने के पूर्व खंड शिक्षा अधिकारी द्वारा सभी प्रधानाध्यापकों की बैठक की जाएगी। एवं शिक्षा चौपाल के आयोजन हेतु विस्तृत चर्चा कर कार योजना बनाई जाएगी। उक्त कार्यक्रम में एoआरoपीo, एसoआरoजीo एवं संकुल शिक्षक की विशेष भूमिका रहेगी।


2.विद्यालय खुलने के बाद प्रधानाध्यापक द्वारा नव गठित विद्यालय प्रबंध समिति (एसएमसी) के सदस्यों की बैठक बुलाई जाएगी। एसएमसी की बैठक में विद्यालय संचालन के संबंध में विस्तृत कार्य योजना बनाई जाएगी तथा शिक्षा चौपाल का आयोजन किया जाएगा।


3.विद्यालय द्वारा प्रत्येक गांव/ मोहल्ला में शिक्षा चौपाल का आयोजन किया जाएगा जिसमें एसएमसी के समस्त सदस्य,अभिभावक एवं समुदाय के लोग क्रमवार प्रतिभाग करेंगे।


4. प्रेरणा ज्ञानोत्सव के आयोजन हेतु जनपद स्तर पर जिलाधिकारी की अध्यक्षता में जनपद स्तरीय टास्क फोर्स एवं उप जिला अधिकारी की अध्यक्षता में विकासखंड स्तरीय टास्क फोर्स की बैठक आहूत की जाएगी। बैठक में टास्क फोर्स के सदस्यों/ अधिकारियों को शिक्षा चौपाल में प्रतिभाग करने हेतु निर्देशित किया जाएगा।



5. जनपद/ विकासखंड स्तरीय

टास्क फोर्स के अधिकारियों, प्राचार्य, डायट एवं मंडलीय सहायक शिक्षा निदेशक(बेसिक) द्वारा इस कैंपेन के दौरान कम से कम पांच पांच - गांव में आयोजित शिक्षा चौपाल में प्रतिभाग किया जाएगा।


6. प्रेरणा ज्ञानोत्सव के सफल क्रियान्वयन हेतु प्राचार्य, डाइट की अध्यक्षता में एसआरजी एआरपी एवं डायट मेंटर्स की पाक्षिक बैठकें आहूत की जाएंगी। तथा सर्व संबंधित द्वारा प्रत्येक माह कम से कम 10 - 10 गांव में आयोजित शिक्षा चौपाल में प्रतिभाग किया जाएगा।


7. 'प्रेरणा ज्ञानोत्सव कैंपेन' के दौरान उत्कृष्ट कार्य करने वाले एवं लक्ष्यों को प्राप्त करने वाले शिक्षकों को सम्मानित किया जाएगा। उक्त कार्यक्रम के संचालन में मीडिया एवं जनप्रतिनिधियों को भी जोड़ कर उनसे इस अभियान में सहयोग प्राप्त किया जाए।


8. अभिभावकों को जोड़ने के लिए शिक्षकों द्वारा गृह भ्रमण कर इस अभियान एवं कक्षा रूपांतरण के बारे में अवगत कराया जाएगा। जिससे कि प्रेरणा ज्ञानोत्सव कैंपेन को एक जन आंदोलन का रूप दिया जा सके।



 शिक्षा चौपाल में चर्चा के बिंदु

1.कोवीड प्रोटोकॉल के संबंध में बच्चों एवं अभिभावकों की जिज्ञासाओं का समाधान करना एवं जागरूक करना।


2. अभिभावकों को बच्चों के साथ समय बिताने, शैक्षणिक, गृह कार्य पूर्ण कराने एवं बच्चों को लिखित कार्य के माध्यम से अभ्यास कराने पर चर्चा करना।


3. दीक्षा एप डाउनलोड करने एवं पोस्ट पुस्तकों में दिए गए क्यूआर कोड को मोबाइल से स्कैन करके बच्चों को पढ़ने के लिए प्रेरित करना।

 

4. यदि बच्चा किसी अधिगम स्तर को नहीं प्राप्त कर सका है तो शिक्षकों से संपर्क करके उस अधिगम स्तर को प्राप्त करने के लिए बच्चों को प्रेरित करना।




5. शिक्षा चौपाल में मुख्य विकास अधिकारी की गरिमामय उपस्थिति में एo आरo पीo/ एसoआरoजीo द्वारा आधारशिला क्रियान्वयन संदर्शिका पर डेमो क्लास का प्रदर्शन किया जाएगा। जिससे कि शिक्षकों एवं अभिभावकों को अभी प्रेरित किया जा सके।

6. प्रत्येक शिक्षा चौपाल में एo आरo पीo अथवा शिक्षक संकुल की प्रतिभा गीता अनिवार्य होगी।