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किताबी ज्ञान के साथ ही सामाजिक ज्ञान भी है व्यक्तित्व विकास के लिये जरूरी :डॉ सुनील ओझा

 









बलिया ।। शुक्रवार को  गौरीशंकर राय कन्या महाविद्यालय करनई बलिया के सप्तदिवसीय विशेष शिविर के तीसरे दिन कार्यक्रम का संचालन 'सामुदायिक साक्षरता' विषय पर किया गया। इसके अन्तर्गत राष्ट्रीय सेवा योजना के स्वयंसेवियों द्वारा ग्राम करनई  में टोलियों के रूप में जाकर घर-घर शिक्षा के महत्व से अवगत कराया गया। अभिभावकों को अपने बच्चों को विद्यालय भेजने हेतु प्रेरित किया गया।

              कार्यक्रम के अगले चरण में अपराह्न में बौद्धिक गोष्ठी का आयोजन हुआ। जिसमें अमर नाथ मिश्र पी जी कालेज दुबेछपरा बलिया के भूगोल विषय के असिस्टेंट प्रोफ़ेसर एवं उपसम्पादक बलियाएक्सप्रेस  डॉ सुनील कुमार ओझा मुख्य अतिथि एवं विशिष्ट अतिथि डॉ राघवेन्द्र तिवारी जी रहे। कार्यक्रम का शुभारंभ अतिथियों के द्वरा मां सरस्वती के चित्र पर माल्यार्पण एवं दिप प्रज्वलित कर किया गया। बौद्धिक गोष्टी का आज का विषय *"शिक्षा में पर्यावरण का प्रभाव"* रहा।  डॉ सुनील ने पर्यावरण के हर पहलुओं पर विस्तार से प्रकाश डालते हुए कहा कि सिर्फ किताबी ज्ञान से ही हमारा विकास नही हो सकता जब तक हम समाज मे रहने की कला और संस्कार को अपने अंदर स्थापित नही करेंगे। साथ ही  स्वक्षता को मात्र कह के नही उसको अमल में लाकर और खुद पहल करके ही विकसित किया जा सकता है। साथ ही साथ  साक्षरता के विभिन्न आयामों और महत्व पर सविस्तार प्रकाश डाला। इसी क्रम में डॉ राघवेन्द्र तिवारी  ने कार्यक्रम सम्बन्धी विभिन्न प्रयासों की सराहना करते हुए साक्षरता पर विस्तारपूर्वक व्याख्यान दिया। आज के इस कार्यक्रम का कुशल नेतृत्व व संचालन राष्ट्रीय सेवा योजना के कार्यक्रम अधिकारी डॉ पवनेश कुमार तिवारी द्वारा किया गया।