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1857 की क्रांति के महायोद्धा चहलारी नरेश के नाम पर स्मारक व उनकी प्रतिमा लगवाने की उठी माँग




उनके उत्तराधिकारी ने सीएम को लिखा खत

ए कुमार

लखनऊ ।। 1857 के आजादी आंदोलन में अहम भूमिका निभाने वाले चहलारी नरेश बलभद्र सिंह महान स्वतन्त्रता संग्राम सेनानियों में से रहे हैं । अंग्रेजों से युद्ध कर उन्होंने अंग्रेजों के छक्के छुड़ाये थे। 13 जून 1858 को वह बाराबंकी जिले के ओवरी के मैदान में अंग्रेजों से लोहा लेते हुये वह शहीद हुये थे। उनके साथ हजारों सैनिकों ने भी अपनी देश की आजादी के लिये अपनी कुर्बानियाँ दी थी।


लेकिन आज तक कि सरकारों में उनको उचित सम्मान न मिला न ही  इतिहास में उचित स्थान दिया गया उक्त बातें चहलारी नरेश शहीद बलभद्र सिंह के उत्तराधिकारी आदित्यभान सिंह ने द्वारा प्रदेश के सीएम को भेजे गये खत में कहीं हैं। उन्होंने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से माँग की है कि वर्तमान सरकार द्वारा शहीदों को दिये जा रहे सम्मान के चलते आपकी सरकार चहलारी नरेश बलभद्र सिंह को भी उचित सम्मान व इतिहास में उचित स्थान दिलाये जाने की जनपद वासियों को आपसे बहुत अपेक्षा है ।


 मुख्यमंत्री से की गई मांगों में बहराइच-सीतापुर मार्ग पर टिकोरा मोड़ पर चहलारी नरेश बलभद्र सिंह के नाम का द्वार बनाये जाने,चहलारी नरेश बलभद्र सिंह के नाम से प्रदेश के सबसे लंबे पुल चहलारी पुल का नामकरण किया जाये तथा चहलारी घाट पर उनकी भव्य प्रतिमा व स्मारक स्थल बनाया जाये और उसको पर्यटन स्थल के रूप में घोषित किये जाने की प्रमुख माँगे शामिल हैं। उक्त मांगे शहीद चहलारी नरेश परम वीर शहीद बलभद्र सिंह स्मारक एवं शोध संस्थान बहराइच तथा उनके उत्तराधिकारी *_आदित्यभान सिंह_* *चहलारी सदन,नई बस्ती, शेखदहीर,बहराइच* द्वारा मुख्यमंत्री को पत्र भेजकर उठाई गई है।