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15 दिन में हो बकाये देयकों का भुगतान,नही तो मार्च में कर देंगे कार्यक्रमो का बहिष्कार : सत्या सिंह

 


मा0शि0क0महिला कर्मचारी संघ उत्तरप्रदेश की बलिया शाखा ने सीएमओ को दिया नोटिस : 15 दिन में हो बकाये देयकों का भुगतान,नही तो मार्च में कर देंगे कार्यक्रमो का बहिष्कार

मधुसूदन सिंह

बलिया ।। एक बार फिर से बलिया में स्वास्थ्य सेवाओं की गाड़ी पटरी से उतरने की कगार पर पहुंच चुकी है । यह सीएमओ कार्यालय के भ्रष्टाचार के कारण होने जा रहा है । आप खुद सोचिये कि मात्र 2400 रुपये प्रतिमाह के मानदेय पाने वाली कोल्ड चेन हैंडलर का मानदेय लगभग 10 माह से बाधित हो,आशाओं का विभिन्न योजनाओं का वर्षो से मानदेय बाधित हो,संविदाकर्मियों के डेटा को मानव संपदा पर फीड करने के लिये अवैध वसूली की जा रही हो,तो कर्मचारी कैसे काम कर पायेगा ।




सीएमओ कार्यालय के  भ्रष्टाचार के चलते कई योजनाओं में 2014 से और अन्य में पिछले कई वर्षों से महिला स्वास्थ्य कार्यकर्ता नियमित टीकाकरण का भुगतान, प्लस पोलियो अभियान,मिशन इंद्रधनुष, जे0ई0 टीकाकरण,विशेष टीकाकरण(स्लम एरिया),व रूबेला कार्यक्रम जैसे महत्वपूर्ण कार्यक्रम को सफलता पूर्वक पूर्ण करने के बाद भी वर्षो से मानदेय के भुगतान के लिये हाथ फैला रहे है लेकिन इन अभियानों के नोडल अधिकारियों व सीएमओ बलिया का पत्थर दिल पिघलने का नाम ही नही ले रहा है । आप अंदाजा लगा सकते है कि सीएमओ कार्यालय में भ्रष्टाचार कितना हावी है - मात्र 75 रुपये प्रतिदिन के मानदेय पर घर घर जाकर नौनिहालों को दो बूंद जिंदगी का पिलाने वाले गरीब लोग क्या इस अभियान को सफल करके कोई गुनाह किये है जो इनको इतने छोटे से मानदेय के लिये वर्षो इंतजार करना पड़े,क्या इनको मानदेय समय से नही मिलना चाहिये ?






ग्रामीण क्षेत्रो में स्वास्थ्य विभाग की रीढ़ की हड्डी होती है आशा बहुएं । इनके द्वारा सरकारी अस्पतालों में प्रसव कराने के लिये गर्भवती को लाये जाने पर , नसबंदी कराने पर, परिवार नियोजन के लिये प्रेरित करके परिवार नियोजन का उपाय करवाने पर,टीकाकरण पर,आदि करने पर सरकार द्वारा मानदेय तय किया गया है जो मिलता है । लेकिन बलिया ऐसा जनपद है जहां मानदेय मिले 2 से 4 साल हो गया है । जिला महिला चिकित्सालय की तो और खराब हालत है । यहां तो 2014 से जननी सुरक्षा का भी भुगतान लंबित है ।

बलिया के ग्रामीण अंचलों में अगर स्वास्थ्य सेवाओं की हालत दयनीय है, सीएमओ ऑफिस मे अगर भ्रष्टाचार कमीशनखोरी है तो इसके असल जिम्मेदार वर्षो से इन कार्यक्रमों को देखने वाले वरिष्ठ चिकित्साधिकारी ही है । कई लोगो का तो वर्षो से गैर जनपद स्थानांतरण भी हो गया है लेकिन ये लोग है कि बलिया से जाने की छोड़िये अपनी अपनी सीएचसी/पीएचसी का एमओआईसी का चार्ज भी नही  दे रहे है । ये अलग बात है कि कागजो में देकर जिलाधिकारी से लगायत शासन तक को चार्ज सौपने की चिट्ठी भिजवा चुके है ।

एनएचएम से प्रत्येक योजनाओ का फंड समय से आ जाता है लेकिन इन भ्रष्ट अधिकारियों व इनके अधीनस्थों की कमीशनखोरी की ही देन है ,स्वास्थ्य कार्यकर्ता हो या लाभार्थी वर्षो से अपना लाभ प्राप्त करने के लिये इनके आगे ऐसे दौड़ रहे है जैसे वो इनसे कर्ज मांग रहे हो । अब यह अलग बात है जो जांच के बाद ही पता चल पाएगी कि फंड नही होने के कारण भुगतान लंबित है या साहबो के द्वारा डकार लेने के कारण ?

 भ्रष्टाचार का दूसरा खेल भी देखिये सन 2019 में बिना किसी ग्राम पंचायत के प्रस्ताव के लगभग 200 से अधिक आशाओं की  विभिन्न एमओआईसी द्वारा 50 हजार से लेकर 80 हजार तक अवैध वसूली कर नियुक्ति करके ट्रेनिंग शुरू करायी गयी थी । जिसका विरोध होने पर यह प्रक्रिया रोक दी गयी । तत्कालीन सीएमओ डॉ पीके मिश्र के बाद बलिया के सीएमओ का पदभार ग्रहण करने वाले स्व डॉ जितेन्द्र पाल के जमाने तक ये नियुक्तियां ठंडे बस्ते में पड़ी थी लेकिन सूत्रों के हवाले से खबर यह मिल रही है कि अब इन चयनित आशाओं को ट्रेनिंग कराने की व्यवस्था हो रही है । बता दे कि एक सीएचसी रतसर है जहां के तत्कालीन एमओआईसी ने अपने स्थानांतरण के बाद आशाओं के चयन वाली सूची सीएमओ को भेजी थी जबकि इनके बाद यहां का चार्ज लेने वाले इंचार्ज डॉ संजय वर्मा ने आधिकारिक पत्र भेजकर पूर्व की भेजी गई सूची को गलत बताकर इनके प्रशिक्षण पर रोक लगाने की मांग की थी ।

सवाल यह उठता है कि जब 2019 में चयनित आशाओं के चयन पर ही सवाल उठा था तो सीएमओ बलिया 2021 में उस सूची को सत्यापित करके कैसे प्रशिक्षण दिला सकते है ? जबकि जांच में साफ हो जायेगा कि सम्बन्धित चयनित आशाओं के ग्राम सभाओं में न तो इस संबंध में मुनादी कराकर खुली बैठक करके चयन ही किया गया है,न ही चयन के लिये प्रस्ताव ही दिया गया है ? और तो और अब जब पिछले लगभग 6 माह से ग्राम सभाएं भंग है तो फिर विवादित चयन को प्रशिक्षण देने की कबायत का क्या मतलब ?

सीएम योगी ने आशाओं के मानदेय में प्रतिमाह 750 रुपये की बढ़ोत्तरी की थी लेकिन बलिया में इसको लेने के लिये आशाओं के संगठन को न जाने कितने पापड़ बेलने पड़े । लेकिन भ्रष्टाचार का आलम यह है कि इन बेचारियों में से अभी बहुतेरी ऐसी है जिनकी सीएचसी/पीएचसी के बाबुओं ने दक्षिणा के चक्कर मे भुगतान नही दिया है । यही नही अब यही अधिकारी व बाबू हड़का भी रहे है कि लक्ष्य पूर्ण न होने पर 750 वाली बढ़ोत्तरी में से कटौती भी की जाएगी जबकि सीएम योगी की घोषणा और जारी शासनादेश में ऐसी कोई बात नही कही गयी है ।

उपरोक्त भ्रष्टाचार युक्त समस्याओं के निदान के लिये ही मातृ शिशु कल्याण महिला कर्मचारी संघ जनपद बलिया की अध्यक्ष सत्या सिंह व मंत्री माधुरी ओझा के संयुक्त हस्ताक्षर से गुरुवार को एक दस सूत्री मांग पत्र सौप कर 15 दिन में लंबित देयकों के भुगतान की मांग की गई है । ऐसा न होने पर चेताया गया है कि आगामी मार्च में संगठन धरना प्रदर्शन के साथ ही राष्ट्रीय कार्यक्रमो का बहिष्कार तक करने को बाध्य होगा ।

इनके द्वारा सीएमओ से मांग की गई है कि ----

एनआरएचएम योजना के अंतर्गत नियमित संविदा पर कार्यरत महिला स्वास्थ्य कार्यकर्ता (एमएचएम) के विगत वर्षों से अबतक का बकाया वेतन व अन्य देयकों का भुगतान तत्काल किया जाय ।

जनपद के सभी महिला स्वास्थ्य कर्मियों के बकाया वेतन,डीए एरियर,सप्तम वेतन एरियर, विगत कई वर्षों का बोनस,उपकेंद्रों का किराया आदि का भुगतान तत्काल किया जाय ।

जिन महिला स्वास्थ्य कर्मियों का डेटा मानव संपदा पोर्टल पर अपलोड नही हुआ है ,प्राइवेट बिल के माध्यम से  भुगतान के नाम  पर अवैध वसूली हो रही है ,उसको रोका जाय ।

जनपद की सभी महिला स्वास्थ्य कर्मियों के आयकर की कटौती का विवरण सम्बन्धित के पैन कार्ड पर स्थानांतरित किया जाय ।

जनपद की सभी महिला स्वास्थ्य कर्मियों के जीपीएफ अग्रिम या सेवानिवृत्त लाभ के लिये सीएमओ बलिया के नाम पर 20 प्रतिशत की अवैध वसूली हो रही है जिसको तुरंत रोका जाय और एक वर्ष से अधिक समय से रोके गये ऐसे बिलो का तुरंत भुगतान कराया जाय ।

जनपद के चिकित्सालयों का जननी सुरक्षा का बकाया देयकों का भुगतान महिला स्वास्थ्य कार्यकर्ता एवं उनके लाभार्थियों का तत्काल भुगतान कराया जाय ।

जनपद के विभिन्न प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों,सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों,पर कराये गये पुरुष/महिला नसबंदी का भुगतान महिला स्वास्थ्य कार्यकर्ताओ/सभी प्रेरकों सहित लाभार्थियों भुगतान तत्काल किया जाय ।

जनपद के सभी महिला स्वास्थ्य कार्यकर्ताओ को नियमित टीकाकरण के देयकों का भुगतान तत्काल किया जाय ।

जनपद के सभी महिला स्वास्थ्य कार्यकर्ताओ को प्लस पोलियो,मिशन इंद्रधनुष, जेई टीकाकरण, विशेष टीकाकरण (स्लम एरिया) एवं रूबेला कार्यक्रम आदि के देयकों का तत्काल भुगतान किया जाय ।

अब देखना है कि सीएमओ बलिया डॉ राजेन्द्र प्रसाद इस पत्र के मिलने के बाद क्या करते है ।