नगर पालिका चेयरमैन ने पकड़ा नगर पालिका अधिकारियों द्वारा संचालित अवैध साइकिल स्टैंड,कहा-कराएंगे एफआईआर
मधुसूदन सिंह
बलिया ।। नगर पालिका परिषद बलिया के अधिशासी अधिकारी दिनेश कुमार विश्वकर्मा की नगर पालिका की संपत्तियों को अपना मानकर स्वयं के फायदा के लिये किये जा रहे कृत्यों की फेहरिश्त में एक और नगीना जुड़ गया है । चाहे बिना किसी उच्चाधिकारी की स्वीकृति के छुट्टी के दिनों का वेतन आहरण का मामला हो या अपनी राज्यकर्मचारी पत्नी के मेडिकल प्रतिपूर्ति को स्वयं के आदेश से निकालने का मामला हो,ईओ विश्वकर्मा हमेशा चर्चा में रहने के बाद आज श्री विश्वकर्मा का नाम जिला एवं सत्र न्यायालय पर चल रहे अवैध साइकिल स्टैंड से जुड़ गया है । यह हम नही कह रहे है बल्कि यह अवैध वसूली की जानकारी होने पर चेयरमैन अजय कुमार समाजसेवी कह रहे है । श्री समाजसेवी ने कहा कि कुछ दिनों से शिकायत मिल रही थी कि कचहरी का साइकिल स्टैंड अवैध तरीके से नगर पालिका के अधिकारियों द्वारा संचालित कराते हुए इसकी वसूली को अपने पास रख कर नगर पालिका के राजस्व का घोटाला किया जा रहा है ।
इसकी पड़ताल करने जब मैं कैशियर कृष्ण राघव मिश्र और संपत्ति लिपिक प्रमोद कुमार चौरसिया के साथ पहुंचा तो राजफाश हुआ । कहा कि पत्रावलियों की जांच कराने के बाद इस घोटाले में जो जो लोग शामिल होंगे, उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज करूंगा । वही कैशियर राघव मिश्र का कहना है कि साइकिल स्टैंड के नाम पर इस सत्र में 1 रुपया भी नगर पालिका में नही जमा हुआ है ।
वही जब संपत्ति का पटल देखने वाले बाबू प्रमोद कुमार चौरसिया (इनको पहले ही चेयरमैन अजयकुमार समाजसेवी द्वारा निलंबित कर दिया गया है, बावजूद ईओ के मेहरबानी से चेयरमैन के आदेश के बावजूद आज भी बेधड़क पटल का काम देख रहे है ) ने बताया है कि इस वित्तीय वर्ष में जब टेंडर नही हो पाया तो ईओ दिनेश विश्वकर्मा के आदेश पर नगर पालिका द्वारा आरआई ललित मिश्र को वसूली कराने की जिम्मेदारी दी गई है । जब पूंछा गया कि क्या इसकी मंजूरी चेयरमैन से ली गयी है, तो बोलने की जगह चुप्पी साध लिये ।
अब सवाल यह उठता है कि ईओ की नजर में चेयरमैन का मतलब क्या है ? क्या ईओ चेयरमैन जो जनता द्वारा निर्वाचित जनप्रतिनिधि है, को बिना संज्ञान में दिये ,बिना स्वीकृति के कोई भी कार्य करने का आदेश दे सकते है ? क्या इस स्टैंड से वसूली का पैसा नगर पालिका की जगह अधिकारियों के पैकेट में जमा किया जा सकता है ? यह अब जांच के बाद ही स्पष्ट हो पायेगा । यह भी बता दे कि नगर पालिका द्वारा वसूली के लिये जो भी रसीद प्रयोग की जाती है वह राजकीय मुद्रालय लखनऊ से छप कर आती है लेकिन यहां से रसीद काटी जा रही है वह यही से छपवायी गयी है ।
वसूली करने वालो ने साफ तौर पर बताया है कि प्रतिदिन इस स्टैंड से 1 हजार से लेकर 1600 रुपये तक की वसुली इस कोरोना काल मे भी हो रही है । यानी कम से कम 40 हजार रुपये प्रतिमाह नगर पालिका के अधिकारियों के जेबो में जा रहे है । सबको न्याय देने वाले न्याय के मंदिर के सामने यह गोरखधंधा करने की अधिकारियों की हिम्मत अपने आप मे चीख चीख कर कह रही है कि इनको किसी का भी बH नही है ।
चेयरमैन अजयकुमार समाजसेवी का बयान
कैशियर राघव मिश्र का बयान
वसूली करने वाले लड़के का बयान