बाबा रामदेव के कोरोना के इलाज के दावे पर आयुष मंत्रालय ने लिया संज्ञान, विज्ञापन पर लगाई रोक
ए कुमार
नई दिल्ली।। कोरोना के 100 प्रतिशत इलाज का दावा करने वाली पतंजलि आयुर्वेद लिमिटेड की मुश्किलें बढ़ सकती हैं। पतंजलि ने कोरोनिल नाम की दवा बनाने का दावा पेश करते हुए इसे एक हफ्ते में बाजार में लाने की बात कही है। इस दावे पर आयुष मंत्रालय ने संज्ञान लिया है। मंत्रालय ने पतंजलि आयुर्वेद लिमिटेड से इस दावे के संबंध में सारी जानकारी मांगी है और जांच तक विज्ञापन न जारी करने के निर्देश दिए हैं।
आय़ुष मंत्रालय के अधिकारी ने कहा कि आयुष मंत्रालय की अनुमति के बिना कोई भी कोरोना के इलाज का गलत दावा नहीं कर सकता और न ही विज्ञापन जारी कर सकता है। इससे लोगों में भ्रम की स्थिति पैदा होती है। दवा लाने से पहले ट्रायल किया जाता है, जिसकी भी अनुमति ली जाती है। ऐसी कोई प्रक्रिया का पालन नहीं किया गया। आयुष मंत्रालय को इस बारे में कोई जानकारी नहीं है।
आयुष मंत्रालय की तरफ से जारी बयान में कहा गया है कि पतंजलि से कोरोना के मरीजों पर किए गए ट्रायल से संबंधित सभी जानकारी मांगी गई है। कंपनी से मंत्रालय ने पूछा है कि कोरोना के इलाज के संबंध में किए गए ट्रायल किस किस अस्पताल में किए गए, ट्रायल का सैंपल साइज क्या था, एथिक्स कमेटी से अनुमति ली गई या नहीं? इसके साथ दवा बनाने के लिए जरूरी पंजीकरण नंबर की जानकारी मांगी है। सारी जानकारी भेजे जाने तक कोरोनिल दवा के किसी भी तरह के विज्ञापन पर भी रोक लगा दी गई है। आयुष मंत्रालय़ ने उत्तराखंड सरकार से भी इस संबंध में जारी लाइसेंस की कॉपी और अनुमति की विस्तृत जानकारी मांगी है।
पतंजलि ने आयुष मंत्रालय को कोरोनिल के क्लीनिकल ट्रायल पर भेजा जवाब
पतंजलि ने आयुष मंत्रालय को जो जवाब दिया है, उसके मुताबिक़ राजस्थान में हुए ट्रायल के बारे में उन्होंने मंत्रालय को जानकारी दी थी. 2 जून को NIMS राजस्थान ने इस संदर्भ में मेल किया. आज पतंजलि द्वारा कोरोना की दवाई को हरिद्वार में लॉन्च किया था इसके बाद देर शाम आयुष मंत्रालय द्वारा इस दवाई के प्रचार पर रोक लगा दी थी, इसके बाद देर रात पतंजलि के आचार्य बालकृष्ण द्वारा ट्वीट कर इस बारे मे सफाई दी गई थी।