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नगरा (बलिया) की बैठक में बोले डीसी मनरेगा डॉ विपिन जैन : मनरेगा ही सशक्त माध्यम जो अधिक से अधिक को रोजगार देने में सक्षम

नगरा (बलिया) की बैठक में बोले डीसी मनरेगा डॉ विपिन जैन : मनरेगा ही सशक्त माध्यम जो अधिक से अधिक को रोजगार देने में सक्षम
दिग्विजय सिंह 

नगरा बलिया 13 मई 2020: भारतीय जनता पार्टी की पीएम मोदी के नेतृत्व में जब पहली बार दिल्ली में सरकार बनी थी ,तो कांग्रेस सरकार द्वारा दशकों से संचालित मनरेगा योजना को लूट की योजना कह कर हासिये पर कर दी गयी थी यह योजना और आधुनिकता की दौड़ वाली योजनाओ को खूब प्रोत्साहित किया गया । लेकिन समय का चक्र बदला और कोरोना महामारी में अगर सरकार की कोई इज्जत बचाने वाली योजना का नाम है तो सिर्फ और सिर्फ मनरेगा । आज लोगो को शौचालय नही, आवास नही चाहिये , चाहिये तो सिर्फ दो जून की रोटी और वह अगर कोई दे सकता है तो मनरेगा । आज केंद्र व राज्य सरकार इसी योजना के सहारे प्रवासी मजदूरों को काम देकर मजदूरों का हमदर्द बनने का प्रयास कर रही है और मनरेगा में ही भाजपा को राजनैतिक
संजीवनी दिख रही है । 
बता दे कि नगरा ब्लाक के डबाकरा हाल में बुधवार को हुई प्रधानों , सचिवों ,रोजगार सेवकों की बैठक में कोरोना महामारी से उत्पन्न संकट की घडी में मनरेगा योजना के तहत अधिक से अधिक कार्य दिवस सृजित करने पर बल दिया गया। जनपद के कोरोना प्रभारी व डीसी मनरेगा विपिन जैन ने अपने संबोधन में कहा कि मनरेगा व्यक्ति को रोजगार की गारंटी देने वाली योजना है। इस समय प्रतिदिन अन्य प्रांतों से 3 हजार से 35 सौ प्रवासी श्रमिक जिले में पहुंच रहे हैं इनमें 90 प्रतिशत बलिया के ही हैं। कोरोना महामारी के चलते सभी के समक्ष रोजगार की समस्या उत्पन्न हो गई है। इस संकट की घडी में मनरेगा ही एक ऐसा सशक्त माध्यम है जिससे अधिक से अधिक लोगों को रोजगार दिया जा सकता है। कहा कि हमारा लक्ष्य एक कार्य पर 40 से 50 मजदूरों को रोजगार कराने का होना चाहिए। इसके लिए गांवों में चकबंध, नाले की खुदाई, पुराने पोखरे, गडही की खुदाई कराई जा सकती है। मनरेगा से 15 मई से 30 जून तक अधिक से अधिक लोगों को कार्य उपलब्ध कराया जाय। उन्होने प्रधानों की पीठ भी थपथपाई तो फर्जीवाडे पर चेताया भी। कहा कि व्यवहारिकता के नाम पर फर्जीवाडा करने वालों पर प्राथमिकी दर्ज कराई जाएगी। उन्होने गांव स्तर पर गठित निगरानी समितियों को सक्रिय करने पर जोर देते हुए कहा कि बाहर से आने वालों को होम क्वारंटाइन करने की जिम्मेदारी निगरानी समितियों के कंधे पर है।   समितियों का यह भी दायित्व है कि क्वारंटाइन हुआ व्यक्ति बाहर न घूमने पाए। कहा कि कोरोना से गांवों को बचाने में निगरानी समितियों का महत्वपूर्ण भूमिका है। बैठक में नायब तहसीलदार शैलेश कुमार, एडीओ पंचायत ब्रम्हदेव पाल, एडीओ आईएसबी प्रमोद पांडेय, मनोज कुमार सिंह, अविनाश कुमार,अश्वनी कुमार पांडेय , राजेश यादव सहित सभी ग्राम प्रधान, सचिव, रोजगार सेवक, टीए मौजूद रहे। अध्यक्षता बीडीओ राम आशीष ने की।
बैठक में शारीरिक दूरी नियम की उड़ी धज्जियां
नगरा के डबाकरा हाल में बुधवार को हुई प्रधानों, रोजगार सेवकों, सचिवों की बैठक में शारीरिक दूरी नियमों की जम कर धज्जियां उड़ी। संख्या के हिसाब से डबाकरा हाल छोटा पड़ गया था। लोग एक दूसरे से सटी कुर्सियों पर बैठे थे। बैठक में कुछ लोग बगैर मास्क के ही पहुंचे थे जिन्हें आनन फानन में मास्क उपलब्ध कराया गया। इस बैठक में साफ दिखा की बीडीओ नगरा इस बैठक को आयोजित करने की जल्दबाजी में जनपद के कोरोना महामारी के नोडल अधिकारी की बैठक में ही शारीरिक दूरी के नियम की तरफ ध्यान ही नही दिये और नोडल अधिकारी को असहज स्थिति में बैठक में भाग लेना पड़ा क्योंकि इनके पास इस समय समय का अभाव है और पूरे जिले की व्यवस्था को देखनी है ।