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नईदिल्ली : कोरोना वायरस को लेकर के पीएम मोदी का जनता के नाम वह दूसरा संबोधन जिसके द्वारा लगाया गया पूरे देश मे 21 दिन का लॉक डाउन ,जानिए क्या कहा पीएम मोदी ने ?


कोरोना वायरस को लेकर के पीएम मोदी का जनता के नाम वह दूसरा  संबोधन जिसके द्वारा लगाया गया पूरे देश मे 21 दिन का लॉक डाउन ,जानिए क्या कहा पीएम मोदी ने ?
ए कुमार


नई दिल्ली 24 मार्च 2020 ।।  कोरोना वायरस को लेकर के  प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का  जनता को  दूसरी बार  संबोधित किया  प्रधानमंत्री ने  काहा एक दूसरे से दूर रहना अपने घरों में ही बंद रहना कोरोना से बचने का इसके अलावा कोई तरीका नहीं है कोई रास्ता नहीं है कोरोना को फैलने से रोकना है तो उसके संक्रमण की जो साइकिल की जो चैन है उसको को तोड़ना ही होगा कुछ लोग इस गलतफहमी में है  यह सोचना सही नहीं सोशल डिस्पेंसिंग हर नागरिक के लिए और परिवार के लिए परिवार के हर सदस्य के लिए प्रधानमंत्री के लिए भी है कुछ लोगों की लापरवाही कुछ लोगों की गलत सोच आपको आपके बच्चों को आपके माता-पिता को आपके परिवार को आपके दोस्तों को और आगे चलकर के पूरे देश को बहुत बड़ी मुश्किल में झोंक देंगे  अगर ऐसी लापरवाही जारी रही तो भारत को इसकी बहुत बड़ी कीमत चुकानी पड़ सकती है और यह कीमत चुकानी पड़ेगी इसका अंदाजा लगाना भी मुश्किल है पिछले 2 दिनों से देश के अनेक भागों में लॉक कर दिया गया है राज्य सरकार के इन प्रयासों को बहुत गंभीरता से लेना चाहिए और अन्य देशों के अनुभवों को ध्यान में रखते हुए आज लिया गया।

कोरोनावायरस  की रोकथाम के लिए आज रात 12 बजे से पूरे देश में 21 दिन का लॉकडाउन कर दिया गया है। इसका ऐलान पीएम मोदी ने किया है उन्होंने कहा कि 21 दिन तक घर से निकलना भूल जाइए। पीएम मोदी ने देश को संबोधित करते हुए कहा कि जनता ने कर्फ्यू को सफल बनाया है। ऐसा नहीं है कि जो देश प्रभावित हैं वह प्रयास नहीं कर रहे हैं और न ऐसा कि वहां संसाधनों की कमी है।

एक एक जीवन बचाना, मेरी, भारत सरकार की, राज्य सरकार औऱ नगर निकायों की प्राथमिकता है। इसलिए मेरी प्रार्थन है कि 21 दिन तक यानी 3 हफ्ते तक जहां हैं वहीं । हेल्थ एक्सपर्ट की माने तो कोरोना वायरस की साइकिल तोड़ना बहुत जरूरी है। अगर ये 21 दिन नहीं संभले तो कई परिवार हमेशा के लिए तबाह हो जाएंगे। पीएम मोदी ने कहा कि यह बात मैं प्रधानमंत्री के तौर पर नहीं आपके परिवार के सदस्य के तौर पर कह रहा हूं। आज आपके दरवाजे पर लक्ष्मण रेखा खींच दी गई है। घर से बाहर पड़ने वाला एक कदम कोरोना जैसी बीमारी को घर लेकर आ सकता है।

पीएम मोदी ने कहा कि कई बार कोरोना संक्रमित शख्स भी स्वस्थ रह सकता है। इस महामारी संक्रमित व्यक्ति हफ्ते 10 दिन में सैकड़ों लोगों को बीमार कर सकती है। WHO का आंकड़ा है कि पहले 1 लाख तक लोगों तक पहुंचने में इसे 68 दिन लगे थे लेकिन 2 लाख लोगों तक पहुंचने में सिर्फ 11 दिन लगे और 3 लाख लोगों तक पहुंचने में सिर्फ 4 दिन लगे। अब आप अंदाजा लगा सकते हैं कि इसे रोकना बहुत मुश्किल होता है। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि चीन,. अमेरिका, इटली,. फ्रांस जैसे देश में .यह संभाल नहीं पाए। इन देशों की स्वास्थ्य सेवाएं भी बहुत बेहतर हैं। लेकिन इससे निपटने की उम्मीद किरण ये है कि इन देशों के नागरिकों ने सरकारी निर्देशों का पालन किया और घर से बाहर हफ्तों कैद रहे। इसलिए कुछ भी हो जाए अब घर से बाहर नहीं निकलना है। हमें इस महामारी को रोकना है।

पीएम मोदी ने कहा कि भारत आज उस स्टेज पर है जहां आज के ऐक्शन तय करेंगे कि हम इसे कितना रोक सकते है। यह समय संयम बरतने का है। पीएम मोदी ने अपील करते हुए कहा कि हमें अपना वचन निभाना है और उन लोगों के बारे में भी सोचना है जो इस महमारी ,से एक-एक जीवन बचाने के लिए अस्पताल में काम कर रहे हैं.। डॉक्टर, नर्स, वार्डब्वाय, के बारे में भी सोचिए। उन लोगों के बारे मेंं भी सोचिए जो मोहल्लों और गलियों को सैनिटाइज कर रहे हैं। मीडिया और पुलिसकर्मियों के बारे में भी जो आपको बचाने के लिए दिन रात ड्यूटी कर रहे हैं।
कोरोना से निपटने के लिए केंद्र और राज्य सरकारें रोजमर्रा की जिंदगी में दिक्कत न हो इसलिए आवश्यक चीजों की सप्लाई जारी रखने के लिए सुनिश्चित की जा रही है। विश्व स्वास्थ्य संगठन औऱ विशेषज्ञों की सलाह ली जा रही है। कोरोना के मरीजों का इलाज करने के लिए 15 हजार करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है., इससे संसाधन बढ़ाए जाएंगे। इस समय सभी राज्यों की प्राथमिकता स्वास्थ्य ,सेवाएं ही होनी चाहिए। प्राइवेट लैब और अस्पताल भी साथ आ रहे हैं.. इस बीच एक बात और ध्यान रखना है कि किसी भी तरह की अफवाह और अंधविश्वास बचें.. बिना डॉक्टरों की सलाह के कोई दवा न लें।

साथियों मुझे विश्वास के आप लोग हर निर्देशों का पालन करेंगे। ये आपके जीवन को बचाने के लिए है। आप अपना ध्यान रखिए और अपनों का ध्यान रखिए। आत्म विश्वास के साथ पूरी तरह ,संयम बरतते हुए हम सब इन बंधनों को स्वीकार करें।