बलिया 18 फरवरी 2020 ।। महावीर घाट स्थित गायत्री शक्तिपीठ के प्रांगण में मंगलवार को जनपद के विभिन्न क्षेत्रों से सैकड़ों श्रद्धालु पहुंचे।जहां शान्तिकुञ्ज हरिद्वार से आये युग मनिषी, प्रज्ञा पाक्षिक के संपादक पं.विरेश्वर उपाध्याय ने अपने संबोधन में कहा कि मनुष्य मनुष्यता को छोड़ता जा रहा हैं,मनुष्य के विवेक पर निर्भर है कि वह देवत्व का आचरण करें या पशुत्व का। अगर  संकल्प सही हो तो  जंगल में भी मंगल हो सकता है।
कार्यक्रम की शुरुआत मां गायत्री के चित्र पर फूल माला अर्पित व दीप प्रज्वलित कर किया गया।श्री उपाध्याय ने बताया कि गुरुदेव का कहना है कि मामूली प्रयास करके जीवन को सार्थक बनाया जा सकता है।मनुष्य अगर उत्तम आचरण करें और अपना श्रम सही दिशा में लगाये तो देवताओं को भी झुकना पड़ता है। सिर्फ अपने मन व इन्द्रियों को वश में रखें ताकि वे आप के संकेत से गतिशील हो।जैसे बंदर सबको काटता है नुकसान करता लेकिन जो मदारी उसे साध लेते है उसका भोजन व द्रव्य कमाने का साधन भी वही बंदर बन जाता है और मदारी को पालता  भी है।महिलाओं के प्रति सम्मान पर विशेष बल देते हुए उन्होंने कहा कि आप लोग नवरात्र में कन्याओं की पूजा करते हैं ,बाद में उसी का  तिरस्कार भी करते हैं,यह ठीक नहीं है।
सभी के भावनाओं का कदर करना सीखिये  कैकेयी व मंथरा ने  भले ही जाने-अंजाने गलती की लेकिन राम,सीता, लक्ष्मण कौशिल्या,सुमित्रा आदि ने अपने कर्तव्य को समझा तभी आज रामायण को पवित्र ग्रंथ कह कर पूजा जाता है।

कहा कि अपना कौशल बढ़ाने के लिए निरंतर अभ्यास की आवश्यकता है,मन के विवेक को जागृत करो,इसके लिए गायत्री मंत्र से बढ़कर कोई दुसरा नही। यज्ञ का मतलब श्रेष्ठ कर्म होता है। 

युग निर्माण करना है तो स्वयं द्वारा किये गये कार्यो का महिमा मंडन छोड़े
बलिया 18 फरवरी 2020 ।। गायत्री शक्तिपीठ पर शाम को जनपद के 17 ब्लाकों के 107 प्रज्ञा मंडल व महिला मंडल व 125 झोला पुस्तकालय   कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए युग विचारक पंडित विरेश्वर उपाध्याय ने कहा कि युग निर्माण करना है तो स्वयं द्वारा  किए गए परोपकारों का महीमा मंडित करना छोड़ दे।जिस कार्य को करें शरीर के साथ मन भी वहीं रखें।
भाव से प्रार्थना करें,यह नहीं कि मंत्र कही जप रहे हैं और मन कहीं और है।इस मौके पर शान्तिकुञ्ज हरिद्वार के उत्तर जोन  प्रभारी रामयश तिवारी, सौरभ शर्मा, प्रशेन सिंह,उप जोन प्रभारी बहन शिवम्दा सिंह,गायत्री शक्तिपीठ प्रमुख विजेंदर नाथ चौबे ने सभी के प्रति आभार प्रकट किया।