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वाराणसी :श्री जगद्गुरु विश्वराद्य गुरुकुल शतमानोत्सव में बोले पीएम मोदी: ‘संत समागम हरि कथा तुलसी दुर्लभ दोउ’

वाराणसी :श्री जगद्गुरु विश्वराद्य गुरुकुल शतमानोत्सव में बोले पीएम मोदी: ‘संत समागम हरि कथा तुलसी दुर्लभ दोउ’
ए कुमार


वाराणसी 16 फरवरी 2020 ।। तुलसीदास जी कहा करते थे- ‘संत समागम हरि कथा तुलसी दुर्लभ दोउ’। इस भूमि की यही विशेषता है। ऐसे में वीरशैव जैसी संत परंपरा को युवा पीढ़ी तक पहुंचा रहे जगद्गुरु विश्वराध्य गुरुकुल के शताब्दी वर्ष का समापन एक गौरवशाली क्षण है।

वाराणसी में श्री जगद्गुरु विश्वराद्य गुरुकुल शतमानोत्सव में पीएम मोदी ने कहा कि बाबा विश्वनाथ के सानिध्य में, मां गंगा के आंचल में, संतवाणी का साक्षी बनने का अवसर बार-बार नहीं आता है। संतो का आदेश हो और रुचियों का संदेश का महत्व हो तो समय और दूरी कभी बाधा नहीं बनती है।

कहा कि बीते 5-6 वर्षों में अगर गंगाजल में अभूतपूर्व सुधार देखने को मिल रहा है तो इसके पीछे भी जनभागीदारी का बहुत महत्व है।मां गंगा के प्रति आस्था और दायित्व का भाव आज अभूतपूर्व स्तर पर है ।

भक्ति से मुक्ति का मार्ग दिखाने वाले इस दर्शन को भावी पीढ़ी तक पहुंचना चाहिए। एक App के माध्यम से इस पवित्र ज्ञानग्रंथ का डिजिटलीकरण युवा पीढ़ी के जुड़ाव को और बल देगा, उनके जीवन की प्रेरणा बनेगा ।

कहा कि कुछ दिन पहले ही सरकार ने राम मंदिर निर्माण के लिए एक स्वायत्त ट्रस्ट- ‘श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र’ के गठन करने की भी घोषणा की है।

यह ट्रस्ट अयोध्या में भगवान श्रीराम की जन्मस्थली पर, भव्य और दिव्य श्रीराम मंदिर के निर्माण का काम देखेगा और सारे निर्णय लेगा में राम मंदिर से जुड़ा एक और बड़ा फैसला सरकार ने किया है।

अयोध्या कानून के तहत जो 67 एकड़ जमीन अधिगृहित की गई थी, वो भी पूरी की पूरी, नवगठित श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र को ट्रांसफर कर दी जाएगी ।

नमामि गंगे अभियान के तहत 7 हजार करोड़ रुपए के प्रोजेक्ट्स पर काम पूरा हो चुका है। 21 हज़ार करोड़ रुपए से अधिक के प्रोजेक्ट्स पर कार्य प्रगति पर है।

लोगो को आश्वस्त किया कि जिन प्रोजेक्ट्स पर काम चल रहा है उनको भी हम तेज़ी से पूरा करने का प्रयास कर रहे हैं ।

देश सिर्फ सरकार से नहीं बनता बल्कि एक-एक नागरिक के संस्कार से बनता है। नागरिक के संस्कार को उसकी कर्तव्य भावना श्रेष्ठ बनाती है। एक नागरिक के रूप में हमारा आचरण ही भारत के भविष्य को तय करेगा, नए भारत की दिशा तय करेगा ।

इशारो इशारो में पीएम मोदी ने दिल्ली चुनाव में भाजपा की हार को भी स्वीकार करते हुए इसे लोकतंत्र की खूबसूरती कह दी । साथ ही भारत में राष्ट्र का ये मतलब कभी नहीं रहा कि किसने कहाँ जीत हासिल की, किसकी कहाँ हार हुई! हमारे यहाँ राष्ट्र सत्ता से नहीं, संस्कृति और संस्कारों से सृजित हुआ है, यहां रहने वालों के सामर्थ्य से बना है ।

संस्कृत भाषा और दूसरी भारतीय भाषाओं को ज्ञान का माध्यम बनाते हुए, टेक्नॉलॉजी का समावेश आप कर रहे हैं, वो भी अद्भुत है। सरकार का भी यही प्रयास है कि संस्कृत सहित सभी भारतीय भाषाओं का विस्तार हो, युवा पीढ़ी को इसका लाभ हो ।

जिस प्रकार काशी और देश के युवाओं ने स्वच्छ भारत अभियान को देश के कोने-कोने में पहुंचाया है वैसे ही और संकल्पों को भी हमें देशभर में पहुंचाना है।

पीएम मोदी ने कहा कि मैंने लाल किले से भी आग्रह किया था कि हमें वो सामान खरीदने को प्राथमिकता देनी चाहिए जो लोकल में बना हो ।