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गोरखपुर/महराजगंज :बोर्ड परीक्षा को लेकर नहीं देखा ऐसा तनाव, हर हफ्ते अस्पताल पहुंच रहे हैं 20 छात्र

गोरखपुर/महराजगंज :बोर्ड परीक्षा को लेकर नहीं देखा ऐसा तनाव, हर हफ्ते अस्पताल पहुंच रहे हैं 20 छात्र  
ए कुमार


गोरखपुर/महराजगंज 17 फरवरी 2020 ।।विद्यार्थियों में बोर्ड परीक्षा का तनाव जिला अस्पताल के मनोचिकित्सा कक्ष में प्रति सप्ताह आ रहे औसतन 20 विद्यार्थीकाउंसिलिंग के जरिए दूर किया जा रहा है ।
 बोर्ड परीक्षा करीब आने के साथ ही विद्यार्थियों के दिल की धड़कनें भी बढ़ने लगी हैं। परीक्षा में अच्छे परिणाम हासिल करने के दबाव के कारण उदासी, तनाव, घबराहट, बेचैनी जैसी शिकायत वाले नई उम्र के मरीजों की तादाद अचानक बढ़ गई है। जिला अस्पताल के मनोचिकित्सा कक्ष में इन दिनों औसतन 20 युवा ऐसी समस्याओं के साथ प्रतिमाह काउंसिलिंग कराने पहुंच रहेे हैं।अस्पताल के प्रभारी व मानसिक रोग विशेषज्ञ शाही डॉ. अमित शाही ने बताया कि जनवरी-फरवरी में किशोरवय मरीजों की संख्या बढ़ गई है। इनमें से अधिकतर हाईस्कूल और इंटरमीडिएट की परीक्षा के कारण तनाव में हैं। कुछ विद्यार्थी पढ़ने में तेज हैं। बावजूद इसके इस बात को लेकर घबरा रहे हैं कि परीक्षा में ए प्लस ग्रेड लाने से वंचित न रह जाएं।
किसी छात्र की समस्या भाषा के विषय में अच्छी तरह समझ में नहीं आने की है तो किसी के लिए गणित-भौतिकी के कुछ अध्याय तैयार न होना डर और तनाव का सबब हैं। कई अभिभावक तो अपने बच्चों को सिर्फ इसलिए लेकर आ रहे हैं कि परीक्षा की तैयारी तो पूरी है लेकिन घबराहट के कारण समय पर कुछ याद नहीं रहता। डॉ. अमित शाही ने बताया कि इन सब छात्रों से बातचीत कर उनके डर, घबराहट, तनाव का कारण समझा जाता है। उनकी समस्याओं के आधार पर सलाह दी जाती है। एक दो काउंसलिंग में अधिकतर छात्रों में परीक्षा का डर समाप्त होकर आत्म विश्वास बढ़ा है।छह से आठ घंटे की नींद जरूरी, दिनचर्या नियमित करें मानसिक रोग विशेषज्ञ डॉ. अमित शाही और नैदानिक मनोचिकित्सक रमेंद्र त्रिपाठी ऐसे विद्यार्थियों को परीक्षा में बेहतर परिणाम लाने के लिए टिप्स दे रहे हैं। डॉ. अमित कहते हैं कि विद्यार्थी को चाहिए कि छह से आठ घंटे की पर्याप्त नींद लें। दिनचर्या नियमित करें।पढ़ाई, खेलकूद, मनोरंजन का टाइम टेबल बनाएं। नियमित पढ़ाई करें। जिस विषय के जो अध्याय अच्छी तरह से तैयार हैं उनका रिवीजन जरूर करें।जो आसानी से नहीं समझ में आते हैं उनके लिए गाइडेंस लेें। पौष्टिक और संयमित खानपान अपनाएं। ज्यादा तली, भुनी और मसालेदार चीजें नहीं खाएं। भोजन में फल दूध और पौष्टिक खाद्य पदार्थों की मात्रा बढ़ाएं कोई समस्या हो तो करें हेल्पलाइन पर करें कॉल राष्ट्रीय मानसिक स्वास्थ्य कार्यक्रम के नोडल अधिकारी एसीएमओ डॉ. आईवी विश्वकर्मा ने बताया कि मानसिक समस्या से जूझ रहे व्यक्तियों खास कर विद्यार्थियों की काउंसिलिंग के लिए हेल्प लाइन नंबर 9336929266 संचालित की जा रही है। विद्यार्थी अपनी समस्याओं के लिए इस नंबर पर कॉल कर समाधान हासिल कर सकते हैं। कॉल करने वाले की सभी सूचनाएं गुप्त रखी जाती हैं।