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बलिया : गंगा यात्रा से आएगी जनजागरूकता ,रूकेगा गंगाजल का प्रदूषण एवं पर्यावरण तथा पारिस्थितिकी का असंतुलन - डा० गणेश पाठक

गंगा यात्रा से आएगी जनजागरूकता ,रूकेगा गंगाजल का प्रदूषण एवं पर्यावरण तथा पारिस्थितिकी का असंतुलन - डा० गणेश पाठक

बलिया 22 जनवरी 2020 ।। अमरनाथ मिश्र स्नातकोत्तर महाविद्यालय दूबेछपरा, बलिया के पूर्व प्राचार्य तथा जिला पर्यावरण समिति एवं गंगा समिति के सदस्य पर्यावरणविद् डा० गणेश कुमार पाठक ने एक भेंटवार्ता में बताया कि 27 जनवरी, 2020 को बलिया एवं बिजनौर से एक साथ निकलने वाली गंगा यात्रा कोई साधारण यात्रा नहीं होगी, बल्कि यह एक ऐतिहासिक यात्रा होगी, जिससे न केवल गंगाघाटी क्षेत्र में , बल्कि पूरे देश में एक ऐसी जनजागरूकता पैदा होगी, जिसके प्रभाव से न केवल गंगाजल के प्रदूषण को रोकने में सहायता मिलेगी, बल्कि गंगा घाटी क्षेत्र के पर्यावरण एवं पारिस्थितिकी असंतुलन को रोकने में भी कारगर सिद्ध होगी।
       डा० पाठक ने बताया कि इस गंगा यात्रा में गंगा घाटी क्षेत्र का जनमानस भाग लेने जा रहा है। यह गंगा यात्रा केवल प्रशासनिक यात्रा  नहीं है और जिस आंदोलन या जागरूकता में जनमानस लग जाय तो उसकी सफलता पर कोई प्रश्न चिन्ह लगता ही नहीं है। इस गंगा यात्रा के माध्यम से जागरूकता में भाग ले रहे आम जनता को न केवल माँ गंगा के धार्मिक - आध्यात्मिक पहलुओं की ही जानकारी मिलेगी , बल्कि विभिन्न गोष्ठियों, नुक्कण नाटकों, जन सभाओं, पोस्टर, निबन्ध, रैली एवं मीडिया के माध्यम से गंगा से जुड़े विभिन्न वैज्ञानिक पहलुओं की भी जानकारी प्राप्त होगी। जैसे बढ़ते नगरीकरण एवं औद्योगिकीकरण ने किस प्रकार गंगाजल को प्रदूषित करने में अहम् भूमिका निभाई है और किस तरह हम उस प्रदूषण को रोक सकते हैं अर्थात् प्रदूषण को रोकने में , पर्यावरण एवं पारिस्थितिकी को बचाने में तथा स्वच्छता बनाए रखने में आम जनता अपनी कैसे भूमिका निभा सकती है , इन सभी तथ्यों की जानकारी मिलेगी, जिसके माध्यम से गंगा जल को प्रदूषण मुक्त बनाकर उसे प्रवाहमान एवं गतिमान स्वरूप प्रदान किया जा सकता है।
      जहाँ तक बलिया जनपद में गंगा यात्रा की बात है तो यह जनपद सदैव ऐसे जनजागरूकता वाले कार्यों में अग्रणी रहा है । जिला प्रशासन सहित जिले के सभी सामाजिक कार्यकर्त्ता, समाज सेवी संगठन, एन सी सी , एन  एस एस एवं रोवर्स/ रेंजर्स के छात्र- छात्राएँ, शिक्षक सभी मनोयोग से गंगा यात्रा को सफल बनाने में लगे हुए हैं। साथ ही साथ गंगा किनारे के सभी गाँवों के ग्राम प्रधान भी अति मनोयोग से इस कार्यक्रम सफल बनाने में जुटे हुए हैं। प्रशासनिक अमला प्रत्येक कार्यक्रम की मानिटरिंग करते हुए इस महत्वपूर्ण एवं ऐतिहासिक कार्यक्रम को सफल बनाने में जुटा हुआ है ताकि जनजागरूकता के माध्यम से गंगा को प्रदूषण मुक्त कर सतत् प्रवाहमान बनाया जा सके।
      इस ऐतिहासिक गंगा यात्रा को सफल बनाने में जिले की पर्यावरण समिति एवं गंगा समिति के सदस्य जिला प्रभारी श्रद्धा यादव के नेतृत्व में तथा नेहरू युवाकेन्द्र के सदस्य जिला युवा समन्वयक शुभम् जैन के नेतृत्व में विभिन्न कार्यक्रमों के माध्यम से अपनी भूमिका निभा रहे हैं।
      डा० पाठक ने बताया कि बलिया जनपद में भी गंगा नदी का पर्यावरणीय एवं पारिस्थितिकीय परिदृश्य संतुलित नहीं है। गंगा घाटी क्षेत्र की जल पारिस्थितिकी, पादप पारिस्थितिकी, मृदा पारिस्थितिकी एवं जीव पारिस्थितिकी असंतुलित हो चुकी है। जिसके चलते गंगा जल की सम्पूर्ण पारिस्थितिकी तंत्र ही अव्यस्थित एवं असंतुलित हो गया है, जिसका मुख्य कारण  कटहल ( कष्टहर)नाला के जल एवं बलिया नगर से निःसृत मल- मूत्र एवं कचरा को बिना उपचारित किए गंगा में गिरना है। साथ ही साथ शवदाह एवं प्लास्टिक आदि के गंगा नदी में मिलते रहने से भी गंगा जल प्रदूषित होता जा रहा है एवं इसकी पारिस्थितिकी भी असंतुलित होती जा रही है। आशा ही नहीं विश्वास है कि इस गंगा यात्रा से जो जनजागरूकता उत्पन्न होगी, वह निश्चित ही बलिया जनपद में गंगा जल को प्रदूषण मुक्त कराने एवं इस क्षेत्र के पर्यावरण तथा पारिस्थितिकी असंतुलन को संतुलित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभायेगा।